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विकासनगरः पेंशन के लिए चार साल से भटक रही बुजुर्ग महिला, कुंभकर्णी नींद में प्रशासन

विकासखंड कालसी की ग्राम पंचायत नराया में 73 साल की एक बुजुर्ग महिला चार साल से पेंशन के लिए अधिकारियों के सामने गुहार लगा रही है, लेकिन प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही.

पेंशन
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Published : Feb 6, 2020, 9:46 AM IST

विकासनगरः सरकार और अन्य विभाग जनकल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लाख दावे करते हैं, लेकिन सच्चाई कुछ और है. इन योजनाओं का लाभ किस स्तर तक पात्र लोगों मिल रहा है. इसकी बानगी विकासखंड कालसी की ग्राम पंचायत नराया में आयोजित एक बैठक में देखने को मिली. जहां 73 साल की एक बुजुर्ग अपनी पेंशन की फरियाद लेकर पहुंची. जिसे पिछले चार सालों से पेंशन नहीं मिल रही है.

पेंशन के लिए भटक रही बुजुर्ग महिला.

नराया गांव की ये बुजुर्ग महिला पिछले 4 साल से पेंशन न मिलने के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रही है. विडंबना देखिए सालों पहले पति के देहांत के बाद इसका एकमात्र सहारा उसका पुत्र भी चल बसा. बाद में उसके गुजर-बसर का सहारा पेंशन भी किन्हीं कारणों के चलते बंद कर दी गई. जिस कारण उसके सामने खाने से लेकर दवा तक के लिए पैसों की तंगी हो गई. आलम ये है कि यह बुजुर्ग महिला अपने बेरोजगार नाती के सहारे ही गुजर बसर करने को मजबूर है.

बुजुर्ग महिला चंदरी देवी की मानें तो वे अपनी गुहार कई बार ग्राम प्रधान से लेकर गांव में आने वाले अधिकारियों से लगा चुकी हैं, लेकिन किसी ने उनकी सुध नहीं ली. जिस कारण से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, दूसरी ओर अब फिर से नए ग्राम प्रधान और गांव में पहुंचे अधिकारियों के सामने बुजुर्ग महिला ने अपनी पीड़ा को रखा.

यह भी पढ़ेंः अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने आयोजित की बैठक, सरकारी योजनाओं के बारे में किया जागरुक

इस मामले में ग्राम विकास अधिकारी भास्कर रावत ने बताया कि मीडिया द्वारा पीड़ित बुजुर्ग महिला की इस समस्या को सामने लाया गया है. जिसका संज्ञान लेते हुए संबंधित विभाग के अधिकारियों से वार्ता की जाएगी. बहरहाल, अब ये देखना होगा कि पेंशन मिलने की आस लगाए बैठी इस बेसहारा बुजुर्ग महिला की क्या इस बार कोई सुध लेगा या फिर कोरे आश्वासनों के सहारे ही उन्हें बाकी जिंदगी बसर करनी पड़ेगी.

विकासनगरः सरकार और अन्य विभाग जनकल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लाख दावे करते हैं, लेकिन सच्चाई कुछ और है. इन योजनाओं का लाभ किस स्तर तक पात्र लोगों मिल रहा है. इसकी बानगी विकासखंड कालसी की ग्राम पंचायत नराया में आयोजित एक बैठक में देखने को मिली. जहां 73 साल की एक बुजुर्ग अपनी पेंशन की फरियाद लेकर पहुंची. जिसे पिछले चार सालों से पेंशन नहीं मिल रही है.

पेंशन के लिए भटक रही बुजुर्ग महिला.

नराया गांव की ये बुजुर्ग महिला पिछले 4 साल से पेंशन न मिलने के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रही है. विडंबना देखिए सालों पहले पति के देहांत के बाद इसका एकमात्र सहारा उसका पुत्र भी चल बसा. बाद में उसके गुजर-बसर का सहारा पेंशन भी किन्हीं कारणों के चलते बंद कर दी गई. जिस कारण उसके सामने खाने से लेकर दवा तक के लिए पैसों की तंगी हो गई. आलम ये है कि यह बुजुर्ग महिला अपने बेरोजगार नाती के सहारे ही गुजर बसर करने को मजबूर है.

बुजुर्ग महिला चंदरी देवी की मानें तो वे अपनी गुहार कई बार ग्राम प्रधान से लेकर गांव में आने वाले अधिकारियों से लगा चुकी हैं, लेकिन किसी ने उनकी सुध नहीं ली. जिस कारण से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, दूसरी ओर अब फिर से नए ग्राम प्रधान और गांव में पहुंचे अधिकारियों के सामने बुजुर्ग महिला ने अपनी पीड़ा को रखा.

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इस मामले में ग्राम विकास अधिकारी भास्कर रावत ने बताया कि मीडिया द्वारा पीड़ित बुजुर्ग महिला की इस समस्या को सामने लाया गया है. जिसका संज्ञान लेते हुए संबंधित विभाग के अधिकारियों से वार्ता की जाएगी. बहरहाल, अब ये देखना होगा कि पेंशन मिलने की आस लगाए बैठी इस बेसहारा बुजुर्ग महिला की क्या इस बार कोई सुध लेगा या फिर कोरे आश्वासनों के सहारे ही उन्हें बाकी जिंदगी बसर करनी पड़ेगी.

Intro:विकासनगर _सरकार और विभाग जनकल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के दावे करें लेकिन यह जगजाहिर है कि इन योजनाओं का लाभ किस स्तर तक पात्र लोगों तक पहुंच पाता है इसकी बानगी उस समय देखने को मिली जब विकासखंड कालसी की ग्राम पंचायत नराया में आयोजित एक बैठक के दौरान 73 साल की एक बुजुर्ग महिला पेंशन से अपनी फरियाद लेकर पहुंची


Body:गौर हो कि नराया गांव की यह बुजुर्ग महिला पिछले करीब 4 साल से पेंशन ना मिलने के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रही है विडंबना देखिए सालों पहले पति के देहांत के बाद इनका एकमात्र सहारा इनका पुत्र भी चल बसा जिससे इनके गुजर-बसर का सहारा पेंशन भी किन्ही कारणों के चलते बंद कर दी गई जिस कारण इनके सामने आर्थिक संकट के साथ-साथ दवा और खाने तक के लिए समस्याओं का पहाड़ खड़ा हो गया आलम यह है कि यह बुजुर्ग महिला अपने बेरोजगार नाती के सहारे ही जीने को मजबूर है इन बुजुर्ग महिला चंदरी देवी की मानें तो वे अपनी गुहार कई बार ग्राम प्रधान से लेकर गांव में आने वाले अधिकारियों से लगा चुकी है लेकिन उनकी किसी ने सुध नहीं ली जिस कारण से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है वहीं दूसरी और अब फिर से नए ग्राम प्रधान और गांव में पहुंचे अधिकारियों के सामने उन्होंने अपनी पीड़ा को रखा जिस पर ग्राम विकास अधिकारी भास्कर रावत ने कहा कि मीडिया के द्वारा पीड़ित बुजुर्ग महिला द्वारा इस समस्या को सामने लाया गया है जिसका संज्ञान लेते हुए संबंधित विभाग के अधिकारियों से वार्ता की जाएगी


Conclusion:अब देखना यह होगा कि पेंशन मिलने की आस लगाए बैठे इन बेसहारा बुजुर्ग महिला इस बार भी कोई सुध लेगा या फिर कोरे आश्वासनों के सहारे ही उन्हें बाकी जिंदगी बसर करनी पड़ेगी

बाइट_ चंदरी देवी _पीड़ित बुजुर्ग महिला
बाइट भास्कर रावत_ ग्राम विकास अधिकारी
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