विकासनगरः सरकार और अन्य विभाग जनकल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लाख दावे करते हैं, लेकिन सच्चाई कुछ और है. इन योजनाओं का लाभ किस स्तर तक पात्र लोगों मिल रहा है. इसकी बानगी विकासखंड कालसी की ग्राम पंचायत नराया में आयोजित एक बैठक में देखने को मिली. जहां 73 साल की एक बुजुर्ग अपनी पेंशन की फरियाद लेकर पहुंची. जिसे पिछले चार सालों से पेंशन नहीं मिल रही है.
नराया गांव की ये बुजुर्ग महिला पिछले 4 साल से पेंशन न मिलने के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रही है. विडंबना देखिए सालों पहले पति के देहांत के बाद इसका एकमात्र सहारा उसका पुत्र भी चल बसा. बाद में उसके गुजर-बसर का सहारा पेंशन भी किन्हीं कारणों के चलते बंद कर दी गई. जिस कारण उसके सामने खाने से लेकर दवा तक के लिए पैसों की तंगी हो गई. आलम ये है कि यह बुजुर्ग महिला अपने बेरोजगार नाती के सहारे ही गुजर बसर करने को मजबूर है.
बुजुर्ग महिला चंदरी देवी की मानें तो वे अपनी गुहार कई बार ग्राम प्रधान से लेकर गांव में आने वाले अधिकारियों से लगा चुकी हैं, लेकिन किसी ने उनकी सुध नहीं ली. जिस कारण से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, दूसरी ओर अब फिर से नए ग्राम प्रधान और गांव में पहुंचे अधिकारियों के सामने बुजुर्ग महिला ने अपनी पीड़ा को रखा.
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इस मामले में ग्राम विकास अधिकारी भास्कर रावत ने बताया कि मीडिया द्वारा पीड़ित बुजुर्ग महिला की इस समस्या को सामने लाया गया है. जिसका संज्ञान लेते हुए संबंधित विभाग के अधिकारियों से वार्ता की जाएगी. बहरहाल, अब ये देखना होगा कि पेंशन मिलने की आस लगाए बैठी इस बेसहारा बुजुर्ग महिला की क्या इस बार कोई सुध लेगा या फिर कोरे आश्वासनों के सहारे ही उन्हें बाकी जिंदगी बसर करनी पड़ेगी.