देहरादून/दिल्लीः नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया है. इसमें उत्तराखंड की शॉर्ट फिल्म 'पाताल ती' को बेस्ट सिनेमेटोग्राफी का अवॉर्ड दिया गया. इसके अलावा 'एक था गांव' को अंतिम मिश्रित ट्रैक का री-रिकॉर्डिस्ट के तहत बेस्ट ऑडियोग्राफी के पुरस्कार से नवाजा गया. हालांकि, 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की घोषणा पहले ही हो चुकी थी, लेकिन आज यानी 17 अक्टूबर सभी विजेताओं को ये अवॉर्ड दिए गए.
-
मुझे खुशी है कि महिला फिल्म निर्देशक सृष्टि लखेरा ने ‘एक था गांव’ नामक अपनी पुरस्कृत फिल्म में एक 80 साल की वृद्ध महिला की संघर्ष करने की क्षमता का चित्रण किया है। महिला चरित्रों के सहानुभूतिपूर्ण और कलात्मक चित्रण से समाज में महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता और सम्मान में वृद्धि… pic.twitter.com/hefrB7WCEZ
— President of India (@rashtrapatibhvn) October 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">मुझे खुशी है कि महिला फिल्म निर्देशक सृष्टि लखेरा ने ‘एक था गांव’ नामक अपनी पुरस्कृत फिल्म में एक 80 साल की वृद्ध महिला की संघर्ष करने की क्षमता का चित्रण किया है। महिला चरित्रों के सहानुभूतिपूर्ण और कलात्मक चित्रण से समाज में महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता और सम्मान में वृद्धि… pic.twitter.com/hefrB7WCEZ
— President of India (@rashtrapatibhvn) October 17, 2023मुझे खुशी है कि महिला फिल्म निर्देशक सृष्टि लखेरा ने ‘एक था गांव’ नामक अपनी पुरस्कृत फिल्म में एक 80 साल की वृद्ध महिला की संघर्ष करने की क्षमता का चित्रण किया है। महिला चरित्रों के सहानुभूतिपूर्ण और कलात्मक चित्रण से समाज में महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता और सम्मान में वृद्धि… pic.twitter.com/hefrB7WCEZ
— President of India (@rashtrapatibhvn) October 17, 2023
पहले हो चुकी थी घोषणा, आज दिए गए अवॉर्डः गौर हो कि 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की सूची में लघु फिल्म 'पाताल ती' को बेस्ट सिनेमेटोग्राफी (Best Cinematography) में शामिल किया गया था. इस फिल्म के निर्माता और निर्देशक संतोष रावत हैं. जबकि, सिनेमेटोग्राफर बिट्टू रावत हैं. वहीं, बेस्ट नॉन फीचर फिल्म (Best Non Feature Film) के लिए सृष्टि लखेड़ा की 'एक था गांव' को चुना गया था. जिन्हें आज विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पुरस्कृत किया है.
ये भी पढ़ेंः राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में 'पाताल-ती' को मिला बेस्ट सिनेमेटोग्राफी का अवॉर्ड, सीएम धामी ने दी बधाई
क्या है पाताल ती फिल्म? गौर हो कि 'पाताल ती' फिल्म 39वें बुसान अंतरराष्ट्रीय शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल कोरिया के लिए भी सिलेक्ट हुई थी. 'पाताल ती' एक शॉर्ट फिल्म है, जो भोटिया जनजाति की लोक कथा पर बेस्ड है. इस फिल्म के निर्माण के लिए पूरी टीम ने कड़ी मेहनत की है. टीम ने पहाड़ों पर पैदल चलकर कई ऐसे दृश्य फिल्माए हैं, जो देखने में अकल्पनीय और बेहतरीन हैं. इस शॉर्ट फिल्म का बिट्टू रावत और दिव्यांशु रौतेला ने फिल्मांकन किया है.
-
Celebrating the grandeur of #IndianCinema!✨
— Ministry of Information and Broadcasting (@MIB_India) October 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
🎥The 69th #NationalFilmAwards 2021!
🏆 Best Audiography (Re-Recordist Of The Final Mixed Track: "Ek Tha Gaon"
🏆 Best Cinematography: "Pataal - Tee"
🏆 Best Production Sound Recordist (Location/Sync Sound): "Meen Raag"… pic.twitter.com/0QF0QdL8g3
">Celebrating the grandeur of #IndianCinema!✨
— Ministry of Information and Broadcasting (@MIB_India) October 17, 2023
🎥The 69th #NationalFilmAwards 2021!
🏆 Best Audiography (Re-Recordist Of The Final Mixed Track: "Ek Tha Gaon"
🏆 Best Cinematography: "Pataal - Tee"
🏆 Best Production Sound Recordist (Location/Sync Sound): "Meen Raag"… pic.twitter.com/0QF0QdL8g3Celebrating the grandeur of #IndianCinema!✨
— Ministry of Information and Broadcasting (@MIB_India) October 17, 2023
🎥The 69th #NationalFilmAwards 2021!
🏆 Best Audiography (Re-Recordist Of The Final Mixed Track: "Ek Tha Gaon"
🏆 Best Cinematography: "Pataal - Tee"
🏆 Best Production Sound Recordist (Location/Sync Sound): "Meen Raag"… pic.twitter.com/0QF0QdL8g3
'एक था गांव' फिल्म को जानिएः बेस्ट नॉन फीचर फिल्म के लिए उत्तराखंड की 'एक था गांव' फिल्म का चयन किया गया था. 'एक था गांव' फिल्म खाली होते पहाड़ों की पृष्ठभूमि पर बनाई गई है. इस फिल्म में पहाड़ों की मौजूदा हकीकत के साथ घोस्ट विलेज यानी खाली होते गांवों की कहानियों को दिखाया गया है. इसके अलावा इस फिल्म में पलायन और पहाड़ से जुड़े दूसरे मुद्दों को भी बखूबी पर्दे पर उतारा गया है. एक था गांव फिल्म को कीर्तिनगर के सेमला गांव की सृष्टि लखेड़ा ने बनाया है.
ये भी पढ़ेंः गढ़वाली फीचर फिल्म 'खैरी का दिन' को मिल रहा दर्शकों का प्यार, सरकारी रवैये से नाराज कलाकार
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सृष्टि लखेड़ा को सराहाः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 'एक था गांव' की निर्देशक सृष्टि लखेड़ा को सराहा. राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि 'मुझे खुशी है कि महिला फिल्म निर्देशक सृष्टि लखेड़ा ने 'एक था गांव' नामक अपनी पुरस्कृत फिल्म में एक 80 साल की वृद्ध महिला की संघर्ष करने की क्षमता का चित्रण किया है. महिला चरित्रों के सहानुभूतिपूर्ण और कलात्मक चित्रण से समाज में महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता एवं सम्मान में वृद्धि होगी.' इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि पल्लवी जोशी, आलिया भट्ट, कृति सेनन जैसी अभिनेत्रियों ने सशक्त महिला चरित्र की भूमिकाएं निभाई हैं.