देहरादून: शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत अब प्रदेश के स्कूलों के पाठ्यक्रम में वेद, उपनिषद व गीता को शामिल करने की तैयारी कर रहे हैं. शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने देहरादून में आयोजित उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के परीक्षा पर्व-4 कार्यक्रम में कहा कि भविष्य में विद्यालयी शिक्षा के पाठ्यक्रम में वेद, उपनिषद सहित गीता को शामिल करने का प्रयास किया जाएगा. इसके लिए जल्द ही विभाग की ओर से आम लोगों के सुझाव भी आमंत्रित किए जाएंगे. मंत्री का कहना है कि आम लोगों की राय मिलने के बाद ही आगे का फैसला लिया जाएगा.
उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग (Uttarakhand Child Rights Protection Commission) की ओर से दून विश्वविद्यालय सभागार में परीक्षा पर्व-4 कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत मौजूद रहे. इस मौके पर मंत्री ने कहा कि, किसी भी परीक्षा से पहले बच्चों को मनोवैज्ञानिक परामर्श देना बहुत आवश्यक है. इसके लिए ये बहुत आवश्यक है कि अभिभावक भी इसमें अहम भूमिका निभाएं.
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वहीं, उन्होंने कहा कि हर स्कूल में पीटीए का गठन अनिवार्य रूप से किया जाए, जिससे छात्रों की शिक्षा व भविष्य को लेकर टीचरों और पेरेंट्स के बीच एक अच्छा समन्वय बना रहे. साथ ही कहा कि हमें परीक्षा को एक पर्व की तरह लेना चाहिए, जिससे बड़ी परीक्षाओं से पहले मासिक परीक्षा के माध्यम से बच्चों को तैयार किया जा सके.
शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि बाल अधिकार संरक्षण आयोग में शिकायतों के बोझ को कम करने के लिए एक समन्वय समिति का गठन किया जाना चाहिए. ब्लॉक स्तर पर भी बच्चों को मनोवैज्ञानिक परामर्श की व्यवस्था भी होनी चाहिए.
वहीं, आयोग की अध्यक्ष गीता खन्ना ने बताया कि सरकारी स्कूलों में पीटीए के अनिवार्य गठन के लिए एक आउटफ्रेम तैयार किया गया है, साथ ही बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए समाज के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य व पुलिस विभाग का सहयोग आवयश्क है.
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