देहरादून: प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की लगातार घट रही संख्या को देखते हुए जहां सरकार ने 11 जुलाई से चारधाम यात्रा शुरू करने की घोषणा कर दी है, वहीं स्कूलों को खोले जाने पर सरकार अभी भी असमंजस की स्थिति में है. प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने स्कूल खोलने को लेकर कहा कि जान सबसे ज्यादा जरूरी है.
जब प्रदेश में स्थितियां सामान्य हो जाएंगी तो इस बारे में विचार कर फैसला लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि बच्चों के स्कूल बहुत दिनों से बंद हैं और उन्हें जरूर खोला जाना चाहिए, लेकिन सबसे पहले लोगों की सुरक्षा देखी जाएगी.
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उन्होंने कहा कि कोरोना के मामलों में कमी जरूर आई है, लेकिन इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा है. इस स्थिति में स्कूलों को जल्दी खोलना ठीक नहीं होगा. आने वाले समय में यदि स्थितियां और बेहतर तरह से नियंत्रित हो जाती हैं तो मुख्यमंत्री और कैबिनेट स्तर से स्कूलों को खोले जाने को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
गौरतलब है कि पिछले साल यानी 2020 में जारी लॉकडाउन से ही प्रदेश के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूल बंद चल रहे हैं. हालांकि साल 2020 के नवंबर माह में सरकार ने कक्षा 9वीं से लेकर कक्षा 12वीं तक के छात्रों के लिए स्कूलों को खोले जाने की अनुमति दी थी. लेकिन फरवरी 2021 में कोरोना की दूसरी लहर की दस्तक के चलते एक बार फिर स्कूलों को दोबारा बंद कर दिया गया, जो अभी भी पूर्ण रूप से बंद चल रहे हैं.