देहरादून: उत्तराखंड में सहकारी संघ ने झंगोरा खरीद को लेकर इस साल कोई लक्ष्य तय नहीं किया गया, इसके पीछे की वजह यह थी कि सरकार की तरफ से सहकारी संघ के सामने कोई डिमांड ही नहीं दी थी. यह स्थिति तब है जब शिक्षा विभाग स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील के दौरान झंगोरे की खीर परोसने की बात कही थी. सहकारी संघ ने स्पष्ट कर दिया कि समय से ना तो झंगोरे की डिमांड उनको दी गयी और न ही झंगोरा के दाम बढ़ाने का कोई फैसला हुआ है.
झंगोरा खरीद की नहीं दी गई डिमांड: उत्तराखंड में झंगोरा के सरकारी दाम नहीं बढ़ाए जाने के कारण सहकारी संघ इसकी खरीद को लेकर बेहतर स्थिति में नहीं आ पा रही है. हालांकि पिछले साल सरकार की तरफ से सहकारी संघ को झंगोरा खरीद के लिए कोई डिमांड नहीं दी गई थी. इसके बावजूद सहकारी संघ ने कल 231 कुंतल झंगोरा खरीदा था. जिसे बाजार में बेच दिया गया. उधर इस बार शिक्षा विभाग ने मिड डे मील योजना के तहत स्कूली बच्चों को जनवरी के खीर देने का मन बनाया था. लेकिन समय से डिमांड उत्तराखंड सहकारी संघ को नहीं मिल पाई.
मिड डे मील में झंगोरा की खीर: यही नहीं सरकार की तरफ से भी झंगोरा के दाम ₹25 प्रति कुंतल से नहीं बढ़ाए गए हैं. इसके कारण भी उत्तराखंड सहकारी संघ को किसानों से झंगोरा खरीदना मुश्किल हो रहा है. शायद यही कारण है कि अब शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में मिड डे मील योजना के तहत बच्चों को झंगोरा की खीर देने की कोशिशें सफल होती भी नजर नहीं आ रही है.सहकारी संघ की तरफ से पिछले साल मंडवे की भारी मात्रा में खरीद की गई थी. दरअसल, सरकार की तरफ से मंडुआ के दाम ₹38.46 पैसे प्रति किलोग्राम किए गए थे.
संघ का मंडुआ खरीद पर ध्यान: जिसके कारण किसानों ने कीमतें बढ़ाने के कारण उत्तराखंड सहकारी संघ को अपना मंडुआ बेचा और उत्तराखंड सहकारी संघ कुल 14 हजार 93 कुंतल मंडुआ खरीद पाई. उत्तराखंड सहकारी संघ का पूरा ध्यान वैसे मंडुआ खरीद पर रहा. इस बार भी उत्तराखंड सहकारी संघ ने मंडआ खरीद का लक्ष्य कुल 165000 कुंतल रखा है. उधर दूसरी तरफ झंगोरा खरीद के लिए उम्मीद की गई है कि इसके दाम बढ़ाए जाएंगे ताकि किसान खुले बाजार में झंगोरा बचने के बजाय मुनाफे के साथ उत्तराखंड सहकारी संघ को अपना झंगोरा बेचेंगे.
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क्या कह रहे जिम्मेदार: कुल मिलाकर उत्तराखंड सहकारी संघ की तरफ से झंगोरा नहीं खरीद पाने के कारण शिक्षा विभाग को भी यह उपलब्ध नहीं हो पाएगा और मिड डे मील योजना के तहत बच्चों को झंगोरे की खीर खिलाने का सपना भी फिलहाल शिक्षा विभाग पूरा नहीं कर पाएगा. उत्तराखंड सहकारी संघ के अध्यक्ष एम एस रावत ने बताया कि पिछले साल सरकार की तरफ से कोई डिमांड नहीं की गई थी, लेकिन इस बार उन्हें उम्मीद है कि झंगोरे के दाम बढ़ाए जाएंगे. इस बार ज्यादा से ज्यादा मोटे अनाज खरीद उत्तराखंड सहकारी संघ द्वारा की जाएगी.