देहरादून: छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर ईडी ने बताया है कि टीम ने रुड़की में इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज चलने वाले दीनदयाल शर्मा एजुकेशन ट्रस्ट पर पहले से ही कार्रवाई चल रही थी. इस कार्रवाई के तहत उनकी देहरादून और हरिद्वार में जो भूमि थी उस भूमि को तत्काल प्रभाव से जब्त कर लिया गया है. इस संपत्ति की अनुमानित 1.97 करोड़ रुपए की संपत्ति है.
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ED has provisionally attached two immovable properties worth Rs. 1.97 Crore (approx.) in the form of land and building situated in Dehradun and Haridwar, Uttarakhand belonging to the Deen Dayal Sharma Educational Trust which runs Institute of Professional Studies, Roorkee, in the…
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— ED (@dir_ed) December 29, 2023
ईडी ने अपनी जांच में पाया है कि संबंधित संस्थान ने साल 2013 से लेकर साल 2014 और साल 2016 से लेकर साल 2017 के बीच एससी एसटी छात्रों की छात्रवृत्ति को फर्जी तरीके से प्राप्त किया है. जबकि जिन छात्रों के नाम दिए गए थे उन तक यह राशि पहुंची ही नहीं इसके साथ ही जांच एजेंसी ने यह भी पाया कि संस्थान ने झूठे दावे करके छात्रों के व्यक्तिगत खर्च और कॉलेज की ट्यूशन फीस के रूप में छात्रवृत्ति को कॉलेज के खाते में ही जमा करवा लिया.
जांच में यह भी पाया गया कि बैंक खातों में आए पैसों में भारी हेरा फेरी की गई है. छात्रवृत्ति के पैसों से ट्रस्ट के कामकाज किए गए हैं. इस संस्थान पर पहले से ही जांच चल रही थी. लिहाजा अब ईडी ने कार्रवाई करते हुए इसकी देहरादून और हरिद्वार की संपत्ति को जप्त कर लिया है. ईडी ने इस मामले के तहत हरिद्वार में संबंधित संस्थान के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया था.
आपको बता दें उत्तराखंड में हुआ छात्रवृत्ति घोटाला लंबे समय से चर्चा में है. शुरुआत में यह घोटाला 400 करोड़ रुपए का बताया जा रहा था. इसमें गढ़वाल और कुमाऊं दोनों जगह पर शिक्षा संस्थानों ने यह घोटाला किया गया था. लंबे समय से इसकी जांच एसआईटी कर रही है. सबसे बड़ा घोटाला हरिद्वार और देहरादून जिलों में हुआ है. इसमें जांच में यह बात सामने आई थी कि 50 प्रतिशत से ज्यादा छात्रवृत्ति यहां पर गबन की गई है. इन दोनों जिलों में 200 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति भेजी गई थी. इसमें शुरुआती दौर में ही 100 करोड़ रुपए के हेर फेर की जांच एजेंसी को मिली थी. इस पूरे मामले में हरिद्वार, देहरादून के अलावा मेरठ सहारनपुर के शैक्षिक संस्थान भी शामिल थे. इस मामले में अब तक कई बड़े अधिकारी भी गिरफ्तार हो चुके हैं.
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