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देहरादून: सरकार के खिलाफ ऐसा आक्रोश, फूंक दिया ई-रिक्शा

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Published : Feb 3, 2020, 4:49 PM IST

देहरादून शहर के मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा संचालन पर प्रतिबंध लगाने के बाद ई-रिक्शा संचालकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. एक ई-रिक्शा चालक ने अपने ई-रिक्शा को आग के हवाले कर दिया.

Dehradun e Rickshaw
Dehradun e Rickshaw

देहरादून: शहर के कई रूटों पर ई-रिक्शा संचालन पर पाबंदी लगने के बाद चालकों में रोष है. इस व्यवसाय से जुड़े लोग सड़कों पर उतरकर सरकार का जमकर विरोध कर रहे हैं. ई-रिक्शा चालकों का आरोप है कि मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना के तहत उन्होंने बैंकों से लोन लेकर अपने स्वरोजगार की दिशा में ई-रिक्शा को सड़कों पर उतारा था, लेकिन शहर के मुख्य स्थानों पर इनके संचालन को पूर्ण रूप से पाबंदी लगाने के बाद अब उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ गया है.

शहर के मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा के संचालन पर पाबंदी करने के बाद एक ई-रिक्शा चालक ने अपने वाहन को आग के हवाले कर दिया. उसका कहना है कि वो गरीब है. शहर के मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा के संचालन पर पाबंदी लगा दी गई है. जिससे उनके सामने रोजी रोटी का संटक खड़ा हो गया है. उसने अपने परिवार के भरण पोषण के लिए ई-रिक्शा किस्तों पर लिया था. इसके संचालन पर पाबंदी लगने के बाद उनके सामने किस्त भरने के लिए भी पैसा नहीं है. इसलिए उसने ई-रिक्शा को आग के हवाले कर दिया.

शहर के मुख्य मार्गों पर ई रिक्शा संचालन पर पाबंदी से चालकों में रोष.

आक्रोशित ई-रिक्शा संचालक ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उनकी मांगों का कोई समाधान आने वाले दिनों में नहीं निकलता है तो वह सड़क पर आत्मदाह करेंगे.

पढ़ें- कार्यशाला में वनों की सुरक्षा को लेकर चर्चा, नुकसान पहुंचाने पर सरपंच कर सकते हैं कार्रवाई

यातायात बाधित होने के कारण ई-रिक्शा के संचालन पर पाबंदी

बता दें, बीते समय मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना के तहत उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 10 हजार से ज्यादा ई-रिक्शा बैंक लोन द्वारा खरीदे गए. हालांकि, आरटीओ रजिस्ट्रेशन ना होने जैसी समस्याओं के चलते मात्र 2600 ई-रिक्शा का ही संचालन अलग-अलग मार्गों पर हो रहा है. ई-रिक्शा संचालन से यातायात बाधित होने के चलते शासन-प्रशासन ने इनका संचालन मुख्य मार्गों और लिंक सड़कों पर बंद करवा दिया है. ऐसे में लंबे समय से आंदोलन पर चल रहे ई-रिक्शा चालकों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है.

देहरादून: शहर के कई रूटों पर ई-रिक्शा संचालन पर पाबंदी लगने के बाद चालकों में रोष है. इस व्यवसाय से जुड़े लोग सड़कों पर उतरकर सरकार का जमकर विरोध कर रहे हैं. ई-रिक्शा चालकों का आरोप है कि मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना के तहत उन्होंने बैंकों से लोन लेकर अपने स्वरोजगार की दिशा में ई-रिक्शा को सड़कों पर उतारा था, लेकिन शहर के मुख्य स्थानों पर इनके संचालन को पूर्ण रूप से पाबंदी लगाने के बाद अब उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ गया है.

शहर के मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा के संचालन पर पाबंदी करने के बाद एक ई-रिक्शा चालक ने अपने वाहन को आग के हवाले कर दिया. उसका कहना है कि वो गरीब है. शहर के मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा के संचालन पर पाबंदी लगा दी गई है. जिससे उनके सामने रोजी रोटी का संटक खड़ा हो गया है. उसने अपने परिवार के भरण पोषण के लिए ई-रिक्शा किस्तों पर लिया था. इसके संचालन पर पाबंदी लगने के बाद उनके सामने किस्त भरने के लिए भी पैसा नहीं है. इसलिए उसने ई-रिक्शा को आग के हवाले कर दिया.

शहर के मुख्य मार्गों पर ई रिक्शा संचालन पर पाबंदी से चालकों में रोष.

आक्रोशित ई-रिक्शा संचालक ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उनकी मांगों का कोई समाधान आने वाले दिनों में नहीं निकलता है तो वह सड़क पर आत्मदाह करेंगे.

पढ़ें- कार्यशाला में वनों की सुरक्षा को लेकर चर्चा, नुकसान पहुंचाने पर सरपंच कर सकते हैं कार्रवाई

यातायात बाधित होने के कारण ई-रिक्शा के संचालन पर पाबंदी

बता दें, बीते समय मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना के तहत उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 10 हजार से ज्यादा ई-रिक्शा बैंक लोन द्वारा खरीदे गए. हालांकि, आरटीओ रजिस्ट्रेशन ना होने जैसी समस्याओं के चलते मात्र 2600 ई-रिक्शा का ही संचालन अलग-अलग मार्गों पर हो रहा है. ई-रिक्शा संचालन से यातायात बाधित होने के चलते शासन-प्रशासन ने इनका संचालन मुख्य मार्गों और लिंक सड़कों पर बंद करवा दिया है. ऐसे में लंबे समय से आंदोलन पर चल रहे ई-रिक्शा चालकों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है.

Intro:summary-सरकार के खिलाफ आक्रोश ,सड़कों पर पाबंदी के चलते अब आग के हवालें ई-रिक्शा...

देहरादून में ई-रिक्शा संचालकों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। शासन प्रशासन द्वारा शहर के कई रूटों में ई-रिक्शा संचालन पर पाबंदी लगने के बाद अब इस व्यवसाय से जुड़े लोग सड़कों पर उतरकर अपने व्यवसायिक वाहनों को फूँक कर सरकार का जमकर विरोध कर रहे हैं। प्रशासन के खिलाफ ई रिक्शा चालकों का गुस्सा इतना बढ़ गया कि प्रदर्शन के दौरान सोमवार एक ई-रिक्शा चालक ने सरेआम सड़क पर अपने इलेक्ट्रॉनिक रिक्शा को आग के हवाले कर अपना आक्रोश प्रकट किया। ई-रिक्शा चालको का आरोप है कि मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना के तहत उन्होंने बैंकों से लोन लेकर अपने स्वरोजगार की दिशा में ई-रिक्शा को सड़कों पर उतारा था, लेकिन शासन प्रशासन द्वारा शहर के मुख्य स्थानों पर इनके संचालन को पूर्ण रूप से पाबंदी लगाने के बाद अब उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ गया है। इतना ही नहीं ई-रिक्शा संचालक पर संकट के बादल आने से इस रोजगार से जुड़े लोगों को बैंक करण समय से भुगतान न करने के चलते कई समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है।


Body:यातायात बाधित होने के चलते मुख्य मार्गो पर ई-रिक्शा की पाबंदी

आपको बता दें कि बीते समय मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना के तहत उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 10 हज़ार से ज्यादा ई रिक्शा बैंक लोन द्वारा खरीदे गए,हालांकि आरटीओ रजिस्ट्रेशन ना होने जैसी समस्याओं के चलते मात्र 2600 ई-रिक्शा का ही संचालन अलग-अलग मार्गों पर हो रहा था, लेकिन ई-रिक्शा से कई तरह की यातायात बाधित होने के चलते शासन प्रशासन ने इनका संचालन मुख्य मार्गो और लिंक सड़कों पर बंद करवा दिया हैं। ऐसे में लंबे समय से आंदोलन पर चल रहे ई-रिक्शा चालको का गुस्सा अब सड़कों पर अपने वाहनों को आग के हवाले लगाकर देखा जा रहा है।


ई-रिक्शा संचालकों पर विडंबना की स्थिति कुछ ऐसी हैं कि,जहाँ एक तरफ राज्य सरकार पहले तो मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना के तहत बैंकों से लोन लेकर उनको स्वरोजगार के तहत ई-रिक्शा संचालन करने के लिए प्रोत्साहन देती है। दूसरी तरफ ई रिक्शा के कारण ट्रैफिक व्यवस्था में समस्या आने के चलते उन पर प्रतिबंध लगाती है, ऐसे में ई-रिक्शा चालको पर दोहरी मार पड़ती दिख रही है।


Conclusion:ई-रिक्शा को सड़कों से हटाने से पहले सरकार उनके बैंक लोन माफ करवाएं: ई-रिक्शा संचालक

वही देहरादून शहर के मुख्य मार्गो ई रिक्शा संचालन प्रतिबंध लगाने के चलते अब लगातार इस व्यवसाय से जुड़े लोगों का आक्रोश सरकार के खिलाफ दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। ऐसे में ई-रिक्शा चालको की मांग है कि या तो सरकार उनके बैंक लोन माफ करा कर उन्हें कुछ राहत दिलाए या फिर उनकी रोजी रोटी और बैंक लोन को देखते हुए उन्हें सड़कों पर चलने की इजाजत दे। ई रिक्शा संचालकों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उनकी मांगे का कोई समाधान आने वाले दिनों में नहीं निकलता तो वह सड़कों पर उतर कर अपने ई रिक्शा के साथ आत्मदाह करेंगे।

बाइट आमिर अहमद, रिक्शा चालक (रिक्शा को आग हवाले करने वाला पीड़ित)
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