देहरादून: शहर के कई रूटों पर ई-रिक्शा संचालन पर पाबंदी लगने के बाद चालकों में रोष है. इस व्यवसाय से जुड़े लोग सड़कों पर उतरकर सरकार का जमकर विरोध कर रहे हैं. ई-रिक्शा चालकों का आरोप है कि मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना के तहत उन्होंने बैंकों से लोन लेकर अपने स्वरोजगार की दिशा में ई-रिक्शा को सड़कों पर उतारा था, लेकिन शहर के मुख्य स्थानों पर इनके संचालन को पूर्ण रूप से पाबंदी लगाने के बाद अब उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ गया है.
शहर के मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा के संचालन पर पाबंदी करने के बाद एक ई-रिक्शा चालक ने अपने वाहन को आग के हवाले कर दिया. उसका कहना है कि वो गरीब है. शहर के मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा के संचालन पर पाबंदी लगा दी गई है. जिससे उनके सामने रोजी रोटी का संटक खड़ा हो गया है. उसने अपने परिवार के भरण पोषण के लिए ई-रिक्शा किस्तों पर लिया था. इसके संचालन पर पाबंदी लगने के बाद उनके सामने किस्त भरने के लिए भी पैसा नहीं है. इसलिए उसने ई-रिक्शा को आग के हवाले कर दिया.
आक्रोशित ई-रिक्शा संचालक ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उनकी मांगों का कोई समाधान आने वाले दिनों में नहीं निकलता है तो वह सड़क पर आत्मदाह करेंगे.
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यातायात बाधित होने के कारण ई-रिक्शा के संचालन पर पाबंदी
बता दें, बीते समय मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना के तहत उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 10 हजार से ज्यादा ई-रिक्शा बैंक लोन द्वारा खरीदे गए. हालांकि, आरटीओ रजिस्ट्रेशन ना होने जैसी समस्याओं के चलते मात्र 2600 ई-रिक्शा का ही संचालन अलग-अलग मार्गों पर हो रहा है. ई-रिक्शा संचालन से यातायात बाधित होने के चलते शासन-प्रशासन ने इनका संचालन मुख्य मार्गों और लिंक सड़कों पर बंद करवा दिया है. ऐसे में लंबे समय से आंदोलन पर चल रहे ई-रिक्शा चालकों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है.