देहरादून: साहित्यकार, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान में भारत के शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' को इस वर्ष 2020 का वातायन यूके द्वारा लंदन में 'वातायन लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड' प्रदान किया जाएगा. विश्व के एक दर्जन से अधिक देशों में अपने साहित्य सृजन, गंगा, हिमालय और पर्यावरण के क्षेत्र में किये गये विशिष्ट कार्यों के लिये सम्मान प्राप्त कर चुके डॉ. निशंक को यह सम्मान आज लंदन में भारतीय समयानुसार शाम 6.30 बजे प्रदान किया जाएगा.
इससे पहले निशंक को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ग्लोबल ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडियन पीपुल्स ऑरिजन द्वारा भी मॉरिशस में ‘अंतरराष्ट्रीय असाधारण उपलब्धि सम्मान’ प्रदान किया जा चुका है.
वैश्विक हिन्दी परिवार एवं वातायन की ओर से आयोजित इस सम्मान समारोह में दुनियाभर के लेखक, कवि, पत्रकार, चिंतक व शिक्षाविद ऑनलाइन उपस्थित रहेंगे. भारत के शिक्षा मंत्री को इस वर्ष का प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय असाधारण उपलब्धि सम्मान दिये जाने की घोषणा के बाद साहित्यिक क्षेत्र के लोगों में काफी प्रसन्नता है.
गौर हो कि फैडरिक पिनकॉड यूके अवॉर्ड-2014 की विजेता संस्था वातायन का गठन कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के भाषा विज्ञान के रीडर डॉ. सतेन्द्र श्रीवास्तव ने वर्ष 2003 में किया था. संस्था अबतक भारत के प्रतिष्ठित लेखकों एवं गीतकारों जैसे- जावेद अख्तर, निदा फाजली, प्रसून जोशी, प्रो. पुष्पिता अवस्थी, मधु चतुर्वेदी एवं लक्ष्मी शंकर वाजपेयी सहित कई प्रसिद्ध लेखकों, कवियों को यह सम्मान प्रदान कर चुकी है.
बता दें कि इससे पहले डॉ. निशंक को उनके उत्कृष्ट साहित्य सृजन, जीवनदायिनी गंगा के लिए समर्पित अभियान ‘स्पर्श गंगा’, हिमालय तथा पर्यावरण संरक्षण और संवर्द्धन के क्षेत्र में उनकी विशिष्ठ उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया जा चुका है. भारत के तीन राष्ट्रपतियों द्वारा राष्ट्रपति भवन में उनकी पुस्तकों का विमोचन कर सम्मानित किया जा चुका है. पूर्व में यूक्रेन में योग फाउंडेशन ऑफ यूक्रेन ने निशंक को गंगा एवं पर्यावरण रक्षा के लिए सम्मानित किया है.
फ्रांस की राजधानी पेरिस के इंडिया हाउस में अप्रवासी भारतीय उद्योगपतियों के अंतरराष्ट्रीय संगठन ग्लोबल ऑर्गनाइडेशन ऑफ इंडियन ऑरिजन (गोपियो) द्वारा रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ को उनकी हुए साहित्यिक उपलब्धियों के लिए ‘गोपियो अंतरराष्ट्रीय सम्मान’ से सम्मानित किया गया. गोपियो द्वारा वर्ष 2010 में निशंक को उनके उत्कृष्ट साहित्य श्रृजन के लिए मॉरीशस में ‘गोपियो अंतरराष्ट्रीय असाधारण उपलब्धि सम्मान’’ प्रदान किया जा चुका है.
वहीं, पोलैंड की राजधानी वारसा में निशंक को हिमालय और गंगा संरक्षण में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए ‘बी.जी. ग्रुप इन्वायरन्मेंट कंजर्वेशन अवॉर्ड’ प्रदान किया गया. निशंक को यह सम्मान बी.जी. ग्रुप के चेयरमैन साईकेत बशु, पोलैंड में भारतीय राजदूत सेवांग नामग्याल एवं वारसा विश्वविद्यालय (पोलीश अकादमी ऑफ साइंस) के अध्यक्ष डॉ रवि रंजन व प्रख्यात लेखक एवं अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ संजय भूटानी द्वारा संयुक्त रूप से दिया गया.
ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में भी निशंक को पर्यावरण एवं गंगा संरक्षण के लिए सम्मानित किया गया. संयुक्त राष्ट्र में भारतीय प्रतिनिधित्व कर रहे मंयक शर्मा, विश्व ऊर्जा संस्थान के डॉ अंसारी, वियना के हिन्दू मन्दिर समिति के अध्यक्ष आहूजा द्वारा डॉ. निशंक को संयुक्त रूप से सम्मान प्रदान किया गया. इस अवसर पर निशंक की बहुचर्चित पुस्तक ‘विश्व धरोहर गंगा’ के अंग्रेजी अनुवाद का विमोचन भी किया गया.
बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में भी डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को पर्यावरण और साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिये ‘एनआरआई एप्रेशियेसन अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया. यह सम्मान एनआरआई सभा के अध्यक्ष तारसेम सिंह शेरगिल तथा भारतीय दूतावास के वरिष्ठ अधिकारी धीरेन्द्र गर्ब्याल तथा इंडिया वर्ल्ड फांउडेशन के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष विजय मलिक द्वारा प्रदान किया गया.
इससे पहले भी निशंक को उनके साहित्यिक कृतित्व, हिमालय एवं पर्यावरण के संरक्षण के लिए किये गये कार्यों के लिये श्रीलंका, मॉरीशस, दक्षिण अफ्रीका, जर्मनी, जापान, दुबई, इंडोनेशिया, थाईलैंड, युगांडा और नेपाल सहित विश्व के एक दर्जन से अधिक देशों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है.
डॉ. निशंक को मिले सम्मान
1-मॉरीशस में साहित्य और राजनीतिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये मॉरीशस के तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. नवीन रामगुलाम द्वारा मॉरीशस राष्ट्र का सर्वोच्च सम्मान ‘मारीशस सम्मान’ प्रदान किया गया.
2-युगांडा में साहित्य में मानवीय संवेदनाओं के लिय युगांडा के प्रधानमंत्री रूहुकाना रुगाण्डा द्वारा ‘‘मानवीय शिखर सम्मान’’ प्रदान किया गया.
3-नेपाल में साहित्यिक उपलब्धियों के लिये ‘हिमाल गौरव सम्मान’’ प्रदान किया गया. यह सम्मान तत्कालीन प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल के द्वारा प्रदान किया गया.
4-थाइलैंड में हिमालयी सरोकारों और पर्यावरण संरक्षण के लिये राजकुमारी राजादरशी जयंकुरा द्वारा सम्मानित किया गया.
5-भूटान राष्ट्र द्वारा ‘हैप्पीनेस अवॉर्ड’ प्रदान किया गया. भूटान के प्रधानमंत्री शोरिंग तोबके द्वारा उन्हें यह सम्मान अपने देश में प्रदान किया गया.
6-साहित्य सृजन, गंगा एवं हिमालय संरक्षण, संवर्द्धन, समाज सेवा और राजनीतिक उपलब्धियों के लिये निशंक को अबतक देश-विदेश की 300 से अधिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है.
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निशंक के साहित्य पर अनेकों विश्वविद्यालयों में 20 से अधिक शोध हो चुके हैं और हो रहे हैं. इनका साहित्य देश एवं विदेशों के अनेकों विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में पढ़ाया जा रहा है. कविता, कहानी, उपन्यास, संस्मरण, डायरी, यात्रा वृतान्त, संस्कृति, पर्यटन तथा बाल साहित्य सहित हिन्दी की लगभग सभी विधाओं में निशंक की अब तक 6 दर्जन से अधिक पुस्तकें देश के प्रमुख प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित की जा चुकी हैं.
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डॉ. निशंक की अनेकों पुस्तकों का तमिल, तेलगू, मलयालम, संस्कृत, कन्नड, गुजराती, मराठी, भोजपुरी, गढ़वाली, पंजाबी, उड़िया आदि भारतीय भाषाओं के अतिरिक्त अंग्रेजी, नेपाली, फ्रैंच, डच, स्पैनिश, क्रियोल आदि विदेशी भाषाओं में हुआ है. डॉ. निशंक के देशभक्ति के गीत देश के अनेक आकाशवाणी एवं दूरदर्शन केंद्रों पर प्रसारित किये जाते हैं और देश के अनेकों विद्यालयों मे प्रार्थना के रूप में गाये जाते हैं.