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38वें नेशनल गेम्स की मेजबानी पर मंडराया संकट, उत्तराखंड खो सकता है होस्टिंग राइट्स

38वें नेशनल गेम्स का आयोजन उत्तराखंड में वर्ष 2024 में प्रस्तावित है. लेकिन, प्रदेश में तैयारियों की ढीली हालत को देखते हुए 38वें नेशनल गेम्स की मेजबानी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. ऐसे में इन खेलों की मेजबानी उत्तराखंड से छीनी जा सकती है.

Uttarakhand News
38वें नेशनल गेम्स की मेजबानी पर मंडराया संकट.
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Published : Jul 27, 2022, 11:42 AM IST

देहरादून: 38वें नेशनल गेम्स का आयोजन उत्तराखंड में वर्ष 2024 में प्रस्तावित है. राष्ट्रीय खेलों के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां की जा रही हैं. लेकिन इन तैयारियों के बीच एक बार फिर उत्तराखंड की इन 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी पर संकट मंडरा सकता है. खेल मंत्री रेखा आर्य के अनुसार अब यह खेल वर्ष 2024 की जगह साल 2025 या 2026 में हो सकते हैं. खेल मंत्री के इस बयान से यही लगता है कि कहीं न कहीं एक बार फिर उत्तराखंड राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए संसाधन नहीं जुटा पाया है.

हालांकि अभी भी प्रदेश सरकार को केंद्र से एक आखिरी उम्मीद है कि अगर केंद्र सरकार प्रदेश की मदद करता है तो साल 2024 में नहीं, बल्कि 2025 या 2026 में इन खेलों की मेजबानी कर सकता है. खेल मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि उत्तराखंड को 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिली है, जिसकी तैयारियों में उत्तराखंड जुटा हुआ है. लेकिन यह खेल 2024 में नहीं हो पाएंगे. इन खेलों के आयोजन की मदद के लिए केंद्र सरकार के लिए प्रस्ताव तैयार किए गए हैं. जल्द ही केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात कर इन प्रस्ताव को केंद्र सरकार को दिया जाएगा.

पढ़ें: औली में स्नोसोइंग एवं स्काई स्नो ओपन नेशनल चैंपियनशिप का आयोजन, ITBP-गढ़वाल स्काउट का रहा दबदबा

वहीं एक बार अटकलें लगने लगी हैं कि अगर केंद्र सरकार राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए मदद के हाथ आगे नहीं बढ़ाती है, तो उत्तराखंड से यह मेजबानी छिन भी सकती है. हालांकि इस सब के बीच खेल विभाग अपनी तैयारियों में जुटा हुआ है. महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में विभिन्न खेलों के आयोजन के लिए स्पेस तैयार किया जा रहा है. खेल विभाग के निदेशक जीएस रावत का कहना है कि राष्ट्रीय खेलों के तहत होने वाले निर्माण के लिए टेंडर कॉल कर दिए गए हैं.

प्रदेश के पिछले खराब रिकॉर्ड इस बात की तस्दीक करते हैं कि उत्तराखंड से समय-समय पर इस प्रकार के बड़े आयोजन की मेजबानी छिनती रही है. इससे पूर्व 2018 और 2021 में जहां उत्तराखंड से राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी छिन गई थी, तो औली में होने वाले शीतकालीन खेलों को भी संसाधनों की कमी के कारण जम्मू एवं कश्मीर में शिफ्ट किया गया था.

कमजोर पड़ती मेजबानी की उम्‍मीद: उत्तराखंड को 38वें राष्‍ट्रीय खेलों की मेजबानी की उम्‍मीद है. आयोजन के लिए केंद्र सरकार से 500 करोड़ की पहली किश्त मांगी गई थी लेकिन अभी तक केंद्र सरकार से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली है. राष्‍ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर डेवलपमेंट के काम अधूरे पड़े हैं.

देहरादून और हल्द्वानी में दो खेल गांव होने थे विकसित: राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड में दो मुख्य स्थल देहरादून और हल्द्वानी को चयनित किया गया था. इसके अलावा छह सैटेलाइट स्थल हरिद्वार, ऋषिकेश, गूलरभोज, रुद्रपुर, नैनीताल, एवं पिथौरागढ़ को चयनित किया गया था, जहां राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं होनी थीं. राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ियों सहित लगभग 18,000 लोगों को प्रतिभाग करना था. जिनकी आवासीय व्यवस्था के लिए दो खेल गांव हल्द्वानी और देहरादून में विकसित किये जाने प्रस्तावित थे.

देहरादून: 38वें नेशनल गेम्स का आयोजन उत्तराखंड में वर्ष 2024 में प्रस्तावित है. राष्ट्रीय खेलों के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां की जा रही हैं. लेकिन इन तैयारियों के बीच एक बार फिर उत्तराखंड की इन 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी पर संकट मंडरा सकता है. खेल मंत्री रेखा आर्य के अनुसार अब यह खेल वर्ष 2024 की जगह साल 2025 या 2026 में हो सकते हैं. खेल मंत्री के इस बयान से यही लगता है कि कहीं न कहीं एक बार फिर उत्तराखंड राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए संसाधन नहीं जुटा पाया है.

हालांकि अभी भी प्रदेश सरकार को केंद्र से एक आखिरी उम्मीद है कि अगर केंद्र सरकार प्रदेश की मदद करता है तो साल 2024 में नहीं, बल्कि 2025 या 2026 में इन खेलों की मेजबानी कर सकता है. खेल मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि उत्तराखंड को 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिली है, जिसकी तैयारियों में उत्तराखंड जुटा हुआ है. लेकिन यह खेल 2024 में नहीं हो पाएंगे. इन खेलों के आयोजन की मदद के लिए केंद्र सरकार के लिए प्रस्ताव तैयार किए गए हैं. जल्द ही केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात कर इन प्रस्ताव को केंद्र सरकार को दिया जाएगा.

पढ़ें: औली में स्नोसोइंग एवं स्काई स्नो ओपन नेशनल चैंपियनशिप का आयोजन, ITBP-गढ़वाल स्काउट का रहा दबदबा

वहीं एक बार अटकलें लगने लगी हैं कि अगर केंद्र सरकार राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए मदद के हाथ आगे नहीं बढ़ाती है, तो उत्तराखंड से यह मेजबानी छिन भी सकती है. हालांकि इस सब के बीच खेल विभाग अपनी तैयारियों में जुटा हुआ है. महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में विभिन्न खेलों के आयोजन के लिए स्पेस तैयार किया जा रहा है. खेल विभाग के निदेशक जीएस रावत का कहना है कि राष्ट्रीय खेलों के तहत होने वाले निर्माण के लिए टेंडर कॉल कर दिए गए हैं.

प्रदेश के पिछले खराब रिकॉर्ड इस बात की तस्दीक करते हैं कि उत्तराखंड से समय-समय पर इस प्रकार के बड़े आयोजन की मेजबानी छिनती रही है. इससे पूर्व 2018 और 2021 में जहां उत्तराखंड से राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी छिन गई थी, तो औली में होने वाले शीतकालीन खेलों को भी संसाधनों की कमी के कारण जम्मू एवं कश्मीर में शिफ्ट किया गया था.

कमजोर पड़ती मेजबानी की उम्‍मीद: उत्तराखंड को 38वें राष्‍ट्रीय खेलों की मेजबानी की उम्‍मीद है. आयोजन के लिए केंद्र सरकार से 500 करोड़ की पहली किश्त मांगी गई थी लेकिन अभी तक केंद्र सरकार से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली है. राष्‍ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर डेवलपमेंट के काम अधूरे पड़े हैं.

देहरादून और हल्द्वानी में दो खेल गांव होने थे विकसित: राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड में दो मुख्य स्थल देहरादून और हल्द्वानी को चयनित किया गया था. इसके अलावा छह सैटेलाइट स्थल हरिद्वार, ऋषिकेश, गूलरभोज, रुद्रपुर, नैनीताल, एवं पिथौरागढ़ को चयनित किया गया था, जहां राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं होनी थीं. राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ियों सहित लगभग 18,000 लोगों को प्रतिभाग करना था. जिनकी आवासीय व्यवस्था के लिए दो खेल गांव हल्द्वानी और देहरादून में विकसित किये जाने प्रस्तावित थे.

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