देहरादून: बढ़ती महंगाई को देखते हुए उत्तराखंड में परिवहन सेवाओं से जुड़े संगठनों ने प्रदेश सरकार से चारधाम यात्रा (Chardham yatra uttarakhand) के दौरान किराया बढ़ाने की मांग की थी. जिस पर चारधाम यात्रा शुरू होने के बावजूद भी अभी तक शासन की और से कोई निर्णय नहीं लिया गया है जबकि चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद अब परिवहन संगठन के पदाधिकारियों ने अपना रोष व्यक्त किया है. इनका कहना है कि वाहनों से जुड़ी हर चीज भी महंगी हो गई है. जिससे उन पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है लेकिन सरकार उनकी सुनवाई नहीं कर रही है. वहीं, किराया बढ़ाने को परिवहन विभाग की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है.
चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले परिवहन सेवाओं से जुड़े संगठनों ने बढ़ते तेल की कीमतों सहित वाहनों के पार्ट्स की महंगाई को लेकर परिवहन विभाग (Uttarakhand transport department) के उच्च अधिकारियों से गुहार लगाई थी कि चारधाम यात्रा में वाहनों के किराए को बढ़ाया जाए. टैक्सी-मैक्सी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सुंदर सिंह पंवार ने बताया कि अभी भी परिवहन प्राधिकरण के 2020 में निर्धारित रेट पर ही चारधाम यात्रा में बसों और टैक्सियों का कराया लिया जा रहा है. चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले ही परिवहन विभाग और सरकार से मांग की गई थी कि किराया को बढ़ाया जाए. जिससे परिवहन से जुड़े लोगों को कुछ राहत मिल सके.
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सुंदर सिंह पंवार ने बताया कि पहले दो वर्ष कोरोनाकाल ने परिवहन से जुड़े लोगों के व्यवसाय की कमर तोड़ दी थी, तो अब बढ़ती महंगाई के कारण नुकसान उठाना पड़ रहा है. अब चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है लेकिन उसके बाद भी सरकार की और से कोई निर्णय नहीं लिया गया है. RTO प्रवर्तन सुनील शर्मा (RTO Enforcement Sunil Sharma) ने बताया कि परिवहन संगठन और कम्पनियों के किराया बढ़ाने की मांग विभाग की और से RTO देहरादून, पौड़ी और हल्द्वानी की तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी. कमेटी ने सभी बिंदुओं पर अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है. शासन स्तर पर सचिव की अध्यक्षता में दो बैठक हो चुकी है जल्द ही इस पर कुछ निर्णय लिया जाएगा.