देहरादून: एक ओर प्रदेश आर्थिक कमजोरी से जूझ रहा है तो वहीं, प्रदेश में कर्मचारियों को दोगुनी तनख्वाह देने का मामला सामने आया है. मामला आईएफएमएस (इंटरेस्ट फ्री मेंटिनेंस सिक्युरिटी) यानी एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली से जुड़ा है, जिसे कर्मचारियों की तनख्वाह, पेंशन और दूसरे भुगतान के लिए उपयोग में लाया जा रहा है. लेकिन इसमें खामियां रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. ईटीवी भारत के पास मौजूद दस्तावेज इस बात की तस्दीक कर रहे हैं.
आईएफएमएस की पहली बड़ी चूक का मामला पौड़ी जिले से है. यहां कोषागार पौड़ी द्वारा पीडब्ल्यूडी को 90 लाख की जगह 1 करोड़ 80 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया. इसके अलावा हरिद्वार में तो ऐसे दर्जनों मामले सामने आ गए हैं. यहां एसएसपी कार्यालय, 40वीं वाहिनी पीएसी, इंडिया रिजर्व बटालियन, एटीसी हरिद्वार, राज्य कर विभाग हरिद्वार, जिला बचत विभाग और जिला पूर्ति कार्यालय में दोगुने भुगतान और तनख्वाह बांट दी गई.
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वहीं, शिक्षा विभाग में तो पिछले कुछ महीनों से कर्मचारियों को दोगुनी तनख्वाह का तोहफा दिया जा रहा है. हालत ये है कि अब विभाग ही खुद चिट्ठी लिखकर कोषागार से इस भुगतान को लेकर चिंता जाहिर कर रहे हैं. इतनी बड़ी चूक होने के बावजूद भी वित्त सचिव अमित नेगी सॉफ्टवेयर के नए होने की बात कहकर मामले को बेहद सामान्य बता रहे हैं. इसके चलते पहले भी जब आईएफएमएस में भारी गलतियां हुई थीं तो वित्त सचिव अमित नेगी भी इस प्रणाली के गड़बड़ होने की बात कहकर अधिकारियों की छुट्टियां तक कैंसिल कर चुके हैं.
बता दें कि indus web solutions pvt. Ltd. के द्वारा लगातार आईएफएमएस का काम देखा जा रहा है. लगातार इसमें गलतियां भी की जा रही है, लेकिन इस कंपनी पर अधिकारियों की मेहरबानी होने के कारण ये गलतियों को नजरअंदाज किया जा रहा है.