देहरादून: आपदा के दृष्टिकोण से उत्तराखंड बहुत ही संवदेनशील प्रदेश है. हिमालयी क्षेत्रों में पूर्व में आई आपदाओं ने जान-माल को बहुत नुकसान पहुंचाया है. वहीं, लागातार हो रहे क्लाइमेट चेंज के कारण प्रदेश ने आपदाओं की मार भी झेली है. जिसको देखते हुए, अब गढ़वाल मंडल में आपदाओं के पूर्वानुमान के लिए मौसम विभाग की ओर से देहरादून से करीब 82 किमी की दूरी पर स्थित सुरकंडा देवी मंदिर के समीप पहला डॉप्लर रडार स्थापित किया गया है. जिसका संचालन 1 से 2 माह के भीतर किया जाएगा.
मौसम विभाग का कहना है कि इस रडार के माध्यम से समय से पूर्व ही मौसम सहित बादलों की स्थिति का पता चल जाएगा. जिससे उस चिन्हित क्षेत्र या जिले के प्रशासन को अलर्ट कर दिया जाएगा. मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि गढ़वाल क्षेत्र के लिए आस्ट्रा माइक्रोवेब प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की मदद से सुरकंडा मंदिर के समीप पहला डॉप्लर रडार लगाया गया है. जिसका इंस्टॉलेशन सहित टेक्निकल कार्य पूर्ण हो चुका है. मौसम विभाग 1 से 2 महीने के भीतर इसका अधिग्रहण करके संचालन शुरू देगा.
ये भी पढ़ें: अब शिक्षा पर भी पड़ी महंगाई की मार, 40 फीसदी तक महंगा हुआ स्टेशनरी आइटम
उन्होंने कहा यह रडार 100 किमी की परिधि में कार्य करेगा. इससे करीब एक घंटे पूर्व ही बादलों की स्थिति का पता चल जाएगा कि कहां पर अतिवृष्टि या बादल फटने की सम्भावनाएं बन रही हैं. इस पूर्वानुमान की जानकारी मिलने पर त्वरित ही संभावित क्षेत्र और जिलों के सरकारी तंत्र सहित शासन को अवगत करवाया जाएगा, जिससे एक बड़ी आपदा के नुकसान से बचने के लिए समय रहते व्यवस्थाएं जुटाई जा सकेंगी.
विक्रम सिंह ने कहा इस रडार की परिधि में देहरादून सहित टिहरी, उत्तरकाशी, हरिद्वार, रुद्रप्रयाग, चमोली और पौड़ी का आधा भाग आएगा. बता दें कि विगत कुछ वर्षों में आपदा का कहर अधिक बढ़ रहा है. इसका ताजा उदाहरण रैणी आपदा है. इसलिए अगर मौसम विभाग की यह योजना सफल होती है, तो इससे कहीं न कहीं हिमालयी क्षेत्रों में आने वाली आपदाओं से बचने और उसके नुकसान को कम करने के लिए सुविधाएं समय रहते उपलब्ध हो जाएंगी और हर साल होने वाले जानमाल के नुकसान को भी कम किया जा सकेगा.