देहरादून: शहर को नशा मुक्त करने के लिए दून पुलिस इन दिनों 'ऑपरेशन सत्य' के तहत अभियान चलाकर ड्रग्स पेडलर्स को नेस्तनाबूद करने में जुटी है. उससे पहली बार किसी अभियान में दून की पुलिस की प्रबल इच्छाशक्ति नजर आ रही है. क्योंकि जिस तरह से पुलिस अपने साथ स्वयंसेवी संस्थाओं, स्पेशलिस्ट डॉक्टर, मनोचिकित्सक व अन्य पेशेवर लोगों का सहयोग से नशे की गिरफ्त आ चुके युवाओं का इलाज व कॉन्सलिंग कर उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास कर रही हैं. वह वाकई दून शहर को नशा मुक्त करने के दिशा में अबतक का सबसे बड़ा प्रभावी कदम नजर आ रहा हैं.
'ऑपरेशन सत्य' से जुड़ने को तैयार लोग
शुक्रवार को देहरादून डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने पुलिस लाइन में विशेष बैठक की. काउंसलिंग करने वाले विशेषज्ञों और नशा ग्रस्त युवाओं के साथ नशा मुक्त शहर बनाने वाली ऑपरेशन सत्य को सफल बनाने की मुहिम पर जोर दिया. वहीं, इस दौरान नशे से बाहर आने वाले युवाओं और उनके परिवार के लोग स्वेच्छा से पुलिस के इस अभियान में हाथ बटाने के लिए के तैयार हैं.
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अब तक 12 महिला नशा तस्कर गिरफ्तार
'ऑपरेशन सत्य' के तहत पुलिस अब तक 84 केस दर्ज कर चुकी है और 87 नशा तस्करों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भी भेज चुकी है. इसके साथ ही पुलिस ने पहली बार महिला नशा तस्करों को भी टारगेट किया है. अब तक पुलिस 12 महिला ड्रग पेडलर को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.
अभियान के तहत दून पुलिस ने लोगों को जागरुक करने के लिए 332 मुख्य हाईवे और शहर के प्रमुख स्थानों में होल्डिंग और बैनर लगाए गए हैं. इस प्रचार के माध्यम से पुलिस ने लोगों से शहर को नशा मुक्त बनाने की दिशा में हेल्पलाइन नंबर पर सूचित करने के लिए आग्रह किया है.
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ऑपरेशन सत्य देहरादून को नशा मुक्त करेगा: डीआईजी
देहरादून डीआईजी अरुण मोहन जोशी का मानना है कि दून शहर को नशे का गढ़ कहा जाने लगा था, उसी को खत्म करन के लिए पुलिस ऑपरेश सत्य चला रही है. जिसके परिणाम अच्छे है. पुलिस का हर मुमकिन प्रयास शहर को नशा मुक्त बनाना है. ऑपरेशन सत्य के तहत पुलिस ड्रग्स पेडलर्स को टारगेट उनको गिरफ्तार करने की कार्रवाई कर रही है, जिससे नशा सप्लाई की चेन को तोड़ा जा सके. डीआईजी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है पुलिस अपने साथ स्वयंसेवी संस्थाओं, विशेषज्ञों और अन्य लोगों की मदद से शहर को नशा मुक्त करने में सफल रहेंगे. साथ ही नशे के गिरफ्त में आने वाले युवाओं को हर मुमकिन उपचार देकर समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का प्रयास जारी है.