देहरादून: कोरोनावायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग का एक पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. जिसमें एक निजी अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीजों की पुष्टि होने की बात कही गई है. वहीं, अब दून अस्पताल प्रबंधन ने आगे आकर इस मामले में हस्तक्षेप किया है. दून मेडिकल कॉलेज ने एक पत्र जारी कर कहा है कि उत्तराखंड के किसी भी अस्पताल में कोरोनावायरस से संक्रमित किसी भी मरीज की पुष्टि नहीं हुई है. ऐसे में सोशल मीडिया में वायरल किसी भी पत्र का कोई संज्ञान न लिया जाए.
दरअसल, दून मेडिकल कॉलेज में विभागाध्यक्ष का एक पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो रहा था. जिससे न केवल स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है, बल्कि इस पत्र ने आम लोगों में भी खौफ का माहौल पैदा कर दिया है. इस पत्र में फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष ने दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को पत्र लिखकर एक निजी अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीजों की पुष्टि होने की बात कही है. साथ ही पत्र में कहा गया है कि देहरादून के एक अस्पताल में मरीज कोरोना वायरस से ग्रसित पाए गए हैं. ऐसे में प्राचार्य कुछ जरूरी सामान कोरोना वायरस से बचने के लिए उपलब्ध कराएं.
वहीं, इस मामले को लेकर जब दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना से ईटीवी भारत ने फोन पर बात की तो उन्होंने इस पत्र को लापरवाही से जोड़ दिया. डॉ. आशुतोष ने कहा कि विभाग अध्यक्ष द्वारा पत्र में कोरोना वायरस के मरीजों की पुष्टि होने की बात गलती से लिखी गई है. इसके लिए विभागाध्यक्ष से लिखित स्पष्टीकरण मांग लिया गया है. उन्होंने कहा कि इस पत्र का कोई भी संज्ञान न लिया जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अभी तक किसी भी व्यक्ति के कोरोनावायरस से संक्रमित होने की कोई पुष्टि नहीं हुई है.
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उधर, अब दून अस्पताल प्रशासन की ओर से एक पत्र जारी करते हुए वायरल हो रहे लेटर का खंडन किया गया है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि सोशल मीडिया में वायरल होने वाले पत्र का कोई संज्ञान न लिया जाए. साथ ही ऐसी अफवाहों से दूर रहें. क्योंकि अभीतक प्रदेश में कोरोनावायरस के संक्रमित होने का कोई मामला सामने नहीं आया है.