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दून अस्पताल में गरीब मरीजों के तीमारदारों को मिलेगा आश्रय

गरीबों मरीजों के तीमारदारों की समस्या को ध्यान में रखते हुए दून अस्पताल प्रबंधन ने हॉस्पिटल परिसर में एक भवन बनाने पर विचार किया है, जहां उनके रुकने की व्यवस्था की जा सके.

दून हॉस्पिटल
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Published : Aug 7, 2019, 8:08 PM IST

देहरादून: भविष्य में सूबे के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल दून मेडिकर कॉलेज में गरीबों मरीजों के तीमारदारों के रुकने की व्यवस्था की जाएगी. इसके लिए एक भवन का निर्माण कराया जाएगा. इसके लिए बाकायदा अस्पताल प्रबंधन ने पहल करते हुए हंस फाउंडेशन से निवेदन किया है.

दून अस्पताल में तीमारदारों मिलेगी सुविधा

दून मेडिकल में न सिर्फ पहाड़ी जिलों से लोग इलाज करने के लिए आते है, बल्कि यूपी और हिमाचल के लगे के मरीज भी यहां काफी संख्या में आते है. कई बार बड़े ऑपरेशन और अन्य वजहों को मरीजों को कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है. ऐसे में मरीजों के तीमारदारों को रुकने के लिए कोई सही जगह नहीं मिल पाती है और उन्हें सड़कों या ऐसी ही किसी अन्य जगहों पर रात गुजरानी पड़ती है.

पढ़ें- हरिद्वार के इस युवा नेता से था सुषमा स्वराज का गहरा नाता, अधूरी रह गई देवभूमि से जुड़ी एक इच्छा

गरीबों मरीजों के तीमारदारों की इस समस्या को ध्यान में रखते हुए दून अस्पताल प्रबंधन ने हॉस्पिटल परिसर में एक भवन बनाने पर विचार किया है. इस भवन में न्यूनतम शुल्क लेकर तीमारदारों को रहने व लॉकर में सामान रखने के साथ ही शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. अब तक यह सुविधा दिल्ली जैसे राज्यों के अस्पतालों में थी जो कि अब उत्तराखंड के सबसे बड़े में भी होगी.

अस्पताल प्रबंधन ने इस बारे में हंस फाउंडेशन से वार्ता भी की है. यदि भवन निर्माण की योजना परवान चढ़ती है तो सुदूरवर्ती क्षेत्रों से आए मरीजों के परिजनों को भारी राहत मिलेगी.

इस संबंध में दून मेडिकल कॉलेज के डिप्टी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ एनएस खत्री ने बताया कि दून अस्पताल उत्तराखंड के सबसे बड़े अस्पतालों में शामिल है. यहां पर्वतीय जिलों के दूरदराज के क्षेत्रों से मरीज इलाज करवाने आते हैं. लेकिन मरीजों के परिजनों को यहां रहने की काफी दिक्कत होती है. इसी को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने ये पहल की है. इसके लिए हंस फाउंडेशन से बात चल रही है. भवन का संचालन स्वयं हंस फाउंडेशन करेगा.

पढ़ें- अनुच्छेद 370: उत्तराखंड में हाई अलर्ट जारी, लगातार कश्मीरी छात्रों के संपर्क में है पुलिस

बता दें कि दून अस्पताल में हर महीने करीब 50 से 60 सीरियस ऑपरेशन होते हैं, जबकि 100 ऑपरेशन जनरल सर्जरी,100 ऑपरेशन ऑर्थोपेडिक, 50 ऑपरेशन ईएनटी और 200 ऑपरेशन आंख संबंधी होते हैं. वहीं प्रत्येक दिन करीबन 100 मरीज अस्पताल में रोज भर्ती किए जाते हैं.

देहरादून: भविष्य में सूबे के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल दून मेडिकर कॉलेज में गरीबों मरीजों के तीमारदारों के रुकने की व्यवस्था की जाएगी. इसके लिए एक भवन का निर्माण कराया जाएगा. इसके लिए बाकायदा अस्पताल प्रबंधन ने पहल करते हुए हंस फाउंडेशन से निवेदन किया है.

दून अस्पताल में तीमारदारों मिलेगी सुविधा

दून मेडिकल में न सिर्फ पहाड़ी जिलों से लोग इलाज करने के लिए आते है, बल्कि यूपी और हिमाचल के लगे के मरीज भी यहां काफी संख्या में आते है. कई बार बड़े ऑपरेशन और अन्य वजहों को मरीजों को कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है. ऐसे में मरीजों के तीमारदारों को रुकने के लिए कोई सही जगह नहीं मिल पाती है और उन्हें सड़कों या ऐसी ही किसी अन्य जगहों पर रात गुजरानी पड़ती है.

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गरीबों मरीजों के तीमारदारों की इस समस्या को ध्यान में रखते हुए दून अस्पताल प्रबंधन ने हॉस्पिटल परिसर में एक भवन बनाने पर विचार किया है. इस भवन में न्यूनतम शुल्क लेकर तीमारदारों को रहने व लॉकर में सामान रखने के साथ ही शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. अब तक यह सुविधा दिल्ली जैसे राज्यों के अस्पतालों में थी जो कि अब उत्तराखंड के सबसे बड़े में भी होगी.

अस्पताल प्रबंधन ने इस बारे में हंस फाउंडेशन से वार्ता भी की है. यदि भवन निर्माण की योजना परवान चढ़ती है तो सुदूरवर्ती क्षेत्रों से आए मरीजों के परिजनों को भारी राहत मिलेगी.

इस संबंध में दून मेडिकल कॉलेज के डिप्टी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ एनएस खत्री ने बताया कि दून अस्पताल उत्तराखंड के सबसे बड़े अस्पतालों में शामिल है. यहां पर्वतीय जिलों के दूरदराज के क्षेत्रों से मरीज इलाज करवाने आते हैं. लेकिन मरीजों के परिजनों को यहां रहने की काफी दिक्कत होती है. इसी को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने ये पहल की है. इसके लिए हंस फाउंडेशन से बात चल रही है. भवन का संचालन स्वयं हंस फाउंडेशन करेगा.

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बता दें कि दून अस्पताल में हर महीने करीब 50 से 60 सीरियस ऑपरेशन होते हैं, जबकि 100 ऑपरेशन जनरल सर्जरी,100 ऑपरेशन ऑर्थोपेडिक, 50 ऑपरेशन ईएनटी और 200 ऑपरेशन आंख संबंधी होते हैं. वहीं प्रत्येक दिन करीबन 100 मरीज अस्पताल में रोज भर्ती किए जाते हैं.

Intro: आने वाले भविष्य मे उत्तराखंड के सबसे बड़े सरकारी दून मेडिकल कॉलेज में गरीब मरीजों के परिजनों को रात में ठहरने के लिए भवन की सुविधा उपलब्ध की जाएगी। अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो जल्द ही मरीजों के परिजनों के रहने के लिए भवन का निर्माण अस्पताल परिसर के अंदर भवन का निर्माण करा दिया जाएगा। इसके लिए बाकायदा अस्पताल प्रबंधन ने पहल करते हुए हंस फाउंडेशन से निवेदन किया है।
summary-दून मेडिकल कॉलेज मे आने वाले गरीब मरीजों के परिजनों को रात में ठहरने के लिए अस्पताल प्रबंधन भवन का निर्माण कराने जा रहा है। बिग ऑपरेशन और सीरियस मरीजों के तीमारदारों को न्यूनतम धनराशि चुका कर अस्पताल प्रांगण मे बनने जा रहे भवन में रहने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।


Body:दरअसल दून मेडिकल कॉलेज में गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों के परिजनों को राहत मिलने वाली है जो मरीज काफी लंबे वक्त से या फिर गंभीर बीमारी को लेकर अस्पताल में भर्ती होंगे उनके परिजनों को रहने की सुविधा दून मेडिकल अस्पताल करने जा रहा है। दून मेडिकल कॉलेज प्रांगण में भवन का निर्माण किया जाएगा जिसमें न्यूनतम शुल्क लेकर तीमारदारों को रहने व लॉकर में सामान रखने के साथ ही शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। अब तक यह सुविधा दिल्ली जैसे राज्यों के अस्पतालों में थी जो कि अब उत्तराखंड के सबसे बड़े दून मेडिकल कॉलेज में होने जा रही है। दून मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने सीरियस मरीजों के परिजनों की परेशानियों को देखते हुए हंस फाउंडेशन से इस संबंध में वार्ता की है। यदि भवन निर्माण की योजना परवान चढ़ती है तो सुदूरवर्ती क्षेत्रों से आए मरीजों के परिजनों को भारी राहत मिलेगी।
इस संबंध में दून मेडिकल कॉलेज के डिप्टी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ एन एस खत्री ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि दून अस्पताल उत्तराखंड के सबसे बड़े अस्पतालों में शामिल है, और यहां पर्वतीय जिलों के दूरदराज के क्षेत्रों से मरीज और उनके परिजन इलाज करवाने आते हैं। लेकिन मरीजों के परिजनों को यहां रहने की काफी दिक्कत होती है। इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन ने पहल की है कि यदि हां मरीजों के परिजनों को रहने के लिए भवन बनाया जाए, तो उन्हें काफी राहत मिलेगी। इस भवन को बनाने के लिए अस्पताल प्रशासन की वार्ता हंस फाउंडेशन से चल रही है। भविष्य में अस्पताल प्रांगण में बनने जा रहे भवन का संचालन स्वयं हंस फाउंडेशन करेगा। जो गरीब मरीज पहाड़ से अपना ऑपरेशन कराने यहां आएंगे और उन सीरियस मरीजों को यहां एडमिट किया गया हो, उनके परिजनों को ही यह सुविधा न्यूनतम राशि में उपलब्ध करवाई जाएगी।भवन निर्माण के संबंध में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन प्रपोजल तैयार करवा रहा है जिसके बाद इस प्रपोजल को संस्था के समक्ष रखा जाएगा। उन्हें उम्मीद है कि यहां भवन बनने के बाद मरीजों के परिजनों को भारी राहत मिलेगी।

बाईट- डॉ एनएस खत्री, डिप्टी मेडिकल सुप्रिडेन्डेन्ट,दून मेडिकल कॉलेज।


Conclusion:उत्तराखंड का सबसे बड़ा मेडिकल कॉलेज होने के बाद यहां मरीजों का तांता लगा रहता है। गौर है कि दून अस्पताल में प्रदेश के पर्वतीय जिलों के सुदूरवर्ती क्षेत्रों से और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के समीपवर्ती जिलों से गंभीर मरीज उपचार कराने के लिए आते हैं, लेकिन उनके परिजनों को रात गुजारने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। अस्पताल प्रांगण में भवन निर्माण होने के बाद यहां अपने मरीजों को लेकर आये परिजनों को भारी राहत मिलेगी।

प्रत्येक महीने अस्पताल में करीबन 50 से 60 सीरियस ऑपरेशन होते हैं, जबकि 100 ऑपरेशन जनरल सर्जरी,100 ऑपरेशन ऑर्थोपेडिक के।50 ऑपरेशन नाक,कान,गले के और 200 ऑपरेशन आंख संबंधी होते हैं। वहीं प्रत्येक दिन करीबन 100 मरीज अस्पताल में रोज भर्ती किए जाते हैं।
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