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दून अस्पताल में मरीजों के साथ डॉक्टर कर रहे 'खेल'

मुख्यमंत्री के साफ निर्देश है कि कोई भी सरकार डॉक्टर बाहर से दवा नहीं लिखेगा. बावजूद इसके सरकारी डॉक्टर मरीजों को बाहर के दवा लिख रहे हैं.

दून अस्पताल
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Published : Feb 27, 2020, 7:09 PM IST

Updated : Feb 27, 2020, 8:34 PM IST

देहरादून: सूबे के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल दून हॉस्पिटल में डॉक्टर किस तरह मुख्यमंत्री के आदेश की अवेहलना कर रहे है इसका एक उदाहरण गुरुवार को देखने के मिला है. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी दून अस्पताल के डॉक्टरों मरीजों को बाहर से दवाई लिख रहे है, जो काफी महंगी है. डॉक्टरों पर ये आरोप किसी और नहीं बल्कि गुरुवार को अपना इलाज करने दून हॉस्पिटल में एक मरीज ने लगाया है.

दून हॉस्पिटल में दिखाने आए प्रदीप शर्मा का आरोप है कि डॉक्टर में उन्हें देखने के बाद तीन दवाईयां तो अस्पताल की लिखी थी, लेकिन तीन दवाई बाहर से लिख दी थी. शर्मा का आरोप है कि साथ ही डॉक्टर ने उन्हें एक मेडिकल स्टोर को नाम बोला था वे ये दवाई वहां से लेकर और उन्हें दिखाए. जो दवाई शर्मा ने बाहर से ली वो करीब 900 रुपए की थी.

मरीजों के साथ डॉक्टर कर रहे 'खेल'

पढ़ें-शिक्षा मंत्री की 'क्लास', छात्रों को तनाव मुक्त परीक्षा के दिये टिप्स

प्रदीप शर्मा का आरोप है कि दून हॉस्पिटल के डॉक्टरों का कमीशन मेडिकल स्टोर से बांधा हुआ है. ताज्जुब की बात यह है कि ये सब जब हो रहा है जब मुख्यमंत्री ने साफ निर्देश दे रखे हैं कि सरकारी हॉस्पिटल के डॉक्टर कोई भी दवा बाहर से न लिखे.

जब इस बारे में दून मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल आशुतोष स्याना ने बात की गई तो उन्होंने कहा कि यदि ऐसी शिकायत उनतक पहुंचती है वे उस डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करते हैं. सभी डॉक्टरों को आदेश जारी किए हुए हैं कि कोई भी डॉक्टर दवाई बाहर से नहीं लिखेगा.

देहरादून: सूबे के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल दून हॉस्पिटल में डॉक्टर किस तरह मुख्यमंत्री के आदेश की अवेहलना कर रहे है इसका एक उदाहरण गुरुवार को देखने के मिला है. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी दून अस्पताल के डॉक्टरों मरीजों को बाहर से दवाई लिख रहे है, जो काफी महंगी है. डॉक्टरों पर ये आरोप किसी और नहीं बल्कि गुरुवार को अपना इलाज करने दून हॉस्पिटल में एक मरीज ने लगाया है.

दून हॉस्पिटल में दिखाने आए प्रदीप शर्मा का आरोप है कि डॉक्टर में उन्हें देखने के बाद तीन दवाईयां तो अस्पताल की लिखी थी, लेकिन तीन दवाई बाहर से लिख दी थी. शर्मा का आरोप है कि साथ ही डॉक्टर ने उन्हें एक मेडिकल स्टोर को नाम बोला था वे ये दवाई वहां से लेकर और उन्हें दिखाए. जो दवाई शर्मा ने बाहर से ली वो करीब 900 रुपए की थी.

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प्रदीप शर्मा का आरोप है कि दून हॉस्पिटल के डॉक्टरों का कमीशन मेडिकल स्टोर से बांधा हुआ है. ताज्जुब की बात यह है कि ये सब जब हो रहा है जब मुख्यमंत्री ने साफ निर्देश दे रखे हैं कि सरकारी हॉस्पिटल के डॉक्टर कोई भी दवा बाहर से न लिखे.

जब इस बारे में दून मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल आशुतोष स्याना ने बात की गई तो उन्होंने कहा कि यदि ऐसी शिकायत उनतक पहुंचती है वे उस डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करते हैं. सभी डॉक्टरों को आदेश जारी किए हुए हैं कि कोई भी डॉक्टर दवाई बाहर से नहीं लिखेगा.

Last Updated : Feb 27, 2020, 8:34 PM IST
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