डोईवाला: महिलाओं ने ऑर्गेनिक रंग बनाने की ट्रेनिंग लेने के बाद अब रंगों की पैकिंग शुरू कर दी है. स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार ऑर्गेनिक रंग बाजार में बिकने को तैयार है. स्वास्थ्य और शरीर का ध्यान रखते हुए महिलाओं ने इन रंगों को बनाने में फूल, फल, सब्जियों, हल्दी और चकुंदर का प्रयोग किया है.
डोईवाला में आशा स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं ने इस बार एक्सपर्ट से ऑर्गेनिक रंग बनाने की ट्रेनिंग ली. ट्रेनिंग के बाद महिलाओं ने ऑर्गेनिक रंग बनाकर उसकी पैकेजिंग शुरू कर दी है. गौरतलब है कि ये रंग कम कीमत होने के साथ ही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी नहीं है. समूह से जुड़ी महिलाएं रंगों के साथ-साथ शुद्ध मसाले भी तैयार कर रही हैं.
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संस्था की अध्यक्ष आशा सेमवाल ने बताया कि होली पर हर बार मिलावटी ओर खराब रंगों की वजह से स्किन खराब होने के मामले सामने आते है और बीमार होने तक कि नौबत आ जाती है, लेकिन इस बार सैंकड़ों महिलाओं ने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए हर्बल रंग तैयार किए हैं और ये रंग कम कीमत में बाजार में उपलब्ध है.
वहीं, महिलाओं का कहना है कि रंग बनाने से उन्हें रोजगार मिल रहा है और सैकड़ों महिलायें अपने पैरों पर खड़े होकर आत्मनिर्भर बन रही है.