डोईवाला: कई सालों से शुगर मिल से उड़ रही बगास (खोई) से आसपास के ग्रामीण और राहगीरों को खासी परेशानी होती थी. कई लोगों की आंखों में गिरकर खोई ने आखों को नुकसान पहुंचाया था. हालत ये थी कि महिलाओं का खाना बनाना और कपड़े सुखाना मुश्किल हो गया था. इस सत्र में शुगर मिल प्रशासन ने बगास यानी खोई को रोकने के उपाय किए.
डोईवाला के लोगों को खोई से मिलेगी निजात: 2023-24 का गन्ना पेराई सत्र शुरू होने वाला है. इसको लेकर शुगर मिल प्रशासन तैयारी में जुटा हुआ है. डोईवाला शुगर मिल के पेराई सत्र के शुरू होने पर आसपास रह रहे लोगों के घरों में शुगर मिल से उड़ रही बगास यानी खोई के ढेर लग जाते थे. यह खोई ग्रामीण और राहगीरों की आंखों में भी गिर रही थी. जिससे शुगर मिल के आसपास आने जाने वाले राहगीरों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता था. लंबे समय से स्थानीय लोग शुगर मिल प्रशासन से उड़ रही खोई को रोकने की मांग कर रहे थे. इस बार शुगर मिल प्रशासन ने बगास यानी खोई को उड़ने से रोकने के उचित उपाय कर दिए हैं. उम्मीद है कि इस बार शुगर मिल से बगास नहीं उड़ेगी.
खोई को लेकर शुगर मिल ने किया इंतजाम: शुगर मिल के अधिशासी निदेशक डीपी सिंह ने बताया कि पिछले कुछ सालों से शुगर मिल से हवा के जरिए बगास उड़कर आसपास रह रहे लोगों के घरों में पहुंच रही थी. उन्होंने इस उड़ रही बगास को गंभीरता से लिया है. इस बार शुगर मिल से बगास उड़कर लोगों के घरों में न पहुंचे उसके ठोस उपाय कर दिए हैं. उन्होंने बताया कि बगास के ढेर के चारों तरफ तीन शेड लगा दिए गए हैं. हवा के जरिए बगास बाहर उड़ कर ना जाए, उस पर लगातार पानी का छिड़काव भी किया जाएगा.
स्थानीय लोगों ने शुगर मिल का जताया आभार: किसान नेता सुरेंद्र सिंह खालसा और स्थानीय ग्रामीण राजेंद्र वर्मा ने बताया कि कई साल से शुगर मिल से उड़ रही बगास से लोग परेशान थे. पेराई सत्र के समय आसपास के लोगों के घरों में खोई के ढेर लग जाते थे. वहीं लोगों का खाना पीना भी दूभर हो गया था. महिलाएं कपड़े भी नहीं सुखा पाती थीं. यह खोई आंखों में गिरकर मुसीबत बन रही थी. कई लोगों की बगास गिरने से आंखें खराब तक हो गईं. इस बार शुगर मिल प्रशासन के द्वारा खोई ना उड़े, उसके उपाय करने की खबर से ग्रामीण शुगर मिल प्रशासन का धन्यवाद कर रहे हैं.
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