देहरादून: उत्तराखंड में मंगलवार से मौसम में बदलाव की संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं. ऐसे में लोगों को खासकर ब्रोंकाइटिस और अस्थमा के मरीजों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सावधानी बरतने की आवश्यकता है. दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों के मुताबिक ऐसे मौसम में अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
दून मेडिकल कॉलेज के फिजिशियन डॉक्टर अरुण पांडे का कहना है कि पिछले कुछ समय से दून अस्पताल में डेंगू के काफी मरीज आ रहे थे, लेकिन अब उनमें कमी आई है. मौसम में परिवर्तन के कारण अस्पताल में वायरल ट्रैक्शन खांसी, जुकाम के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. उन्होंने बताया कि ऐसे मौसम में अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मरीजों को दिक्कतें आनी शुरू हो जाती हैं.
डॉक्टर के मुताबिक जब मौसम में ठंडक बढ़ने लगती है तो उससे खांसी और सांस फूलने लगती है. सांस लेने के दौरान फेफड़ों से ज्यादा आवाज आने लगती है. ऐसे में लोगों को एहतियात बरतने की आवश्यकता है. ऐसे मरीजों को ठंड से बचना चाहिए. ठंडे पानी से नहीं नहाना चाहिए. ठंड में टहलने के लिए नहीं निकलना चाहिए. अगर किसी को बुखार, खांसी इंफेक्शन या टीबी है, तो ऐसे लोगों से खुद को दूर रखना चाहिए, जब कोई परेशानी हो तो चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए.
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इस मौसम में बरतें सावधानी
- खान-पान में विशेष सावधानी बरतें.
- लोग ताजे फल ताजी सब्जियों का सेवन करें.
- फ्रिज में रखे ठंडे खाने से परहेज करें.
- ताजी और गर्म चीजों को इस मौसम में प्राथमिकता दें.
- खुले में रखे गए भोजन को न खाएं.
अस्थमा के मरीज भी सावधानी बरतें
इस मौसम में अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, हृदय रोग और ब्लड प्रेशर की समस्या से ग्रसित मरीजों को एहतियात बरतने की जरूरत होती है. ऐसे में मरीज पूरी तरह गर्म कपड़ों से खुद को ढक कर रखें. एयर कंडीशन और तेज पंखे के नीचे न बैठें. अस्थमा के मरीज इन्हेलर हमेशा अपने साथ रखें. अपना शरीर जितना गर्म रख सकते हैं उतना रखने की कोशिश करें.