ETV Bharat / state

उत्तराखंड में तेजी से बदल रहा मौसम, ये सावधानियां आपको रखेंगी अस्पताल से दूर

उत्तराखंड मौसम विभाग ने मौसम में परिवर्तन की संभावनाएं व्यक्त की हैं. मौसम में परिवर्तन के साथ ही अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है. ऐसे में डॉक्टरों ने मरीजों को सावधानी बरतने की सलाह दी है.

देहरादून
author img

By

Published : Nov 25, 2019, 11:56 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में मंगलवार से मौसम में बदलाव की संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं. ऐसे में लोगों को खासकर ब्रोंकाइटिस और अस्थमा के मरीजों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सावधानी बरतने की आवश्यकता है. दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों के मुताबिक ऐसे मौसम में अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

दून मेडिकल कॉलेज के फिजिशियन डॉक्टर अरुण पांडे का कहना है कि पिछले कुछ समय से दून अस्पताल में डेंगू के काफी मरीज आ रहे थे, लेकिन अब उनमें कमी आई है. मौसम में परिवर्तन के कारण अस्पताल में वायरल ट्रैक्शन खांसी, जुकाम के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. उन्होंने बताया कि ऐसे मौसम में अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मरीजों को दिक्कतें आनी शुरू हो जाती हैं.

मौसम में परिवर्तन होने से अस्थमा मरीजों को होती है परेशानी.

डॉक्टर के मुताबिक जब मौसम में ठंडक बढ़ने लगती है तो उससे खांसी और सांस फूलने लगती है. सांस लेने के दौरान फेफड़ों से ज्यादा आवाज आने लगती है. ऐसे में लोगों को एहतियात बरतने की आवश्यकता है. ऐसे मरीजों को ठंड से बचना चाहिए. ठंडे पानी से नहीं नहाना चाहिए. ठंड में टहलने के लिए नहीं निकलना चाहिए. अगर किसी को बुखार, खांसी इंफेक्शन या टीबी है, तो ऐसे लोगों से खुद को दूर रखना चाहिए, जब कोई परेशानी हो तो चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए.

पढ़ें- शीतकालीन सत्र: ठंड पर सरकार को हरदा का गुरू ज्ञान, त्रिवेंद्र ने किया पलटवार

इस मौसम में बरतें सावधानी

  • खान-पान में विशेष सावधानी बरतें.
  • लोग ताजे फल ताजी सब्जियों का सेवन करें.
  • फ्रिज में रखे ठंडे खाने से परहेज करें.
  • ताजी और गर्म चीजों को इस मौसम में प्राथमिकता दें.
  • खुले में रखे गए भोजन को न खाएं.

अस्थमा के मरीज भी सावधानी बरतें

इस मौसम में अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, हृदय रोग और ब्लड प्रेशर की समस्या से ग्रसित मरीजों को एहतियात बरतने की जरूरत होती है. ऐसे में मरीज पूरी तरह गर्म कपड़ों से खुद को ढक कर रखें. एयर कंडीशन और तेज पंखे के नीचे न बैठें. अस्थमा के मरीज इन्हेलर हमेशा अपने साथ रखें. अपना शरीर जितना गर्म रख सकते हैं उतना रखने की कोशिश करें.

देहरादून: उत्तराखंड में मंगलवार से मौसम में बदलाव की संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं. ऐसे में लोगों को खासकर ब्रोंकाइटिस और अस्थमा के मरीजों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सावधानी बरतने की आवश्यकता है. दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों के मुताबिक ऐसे मौसम में अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

दून मेडिकल कॉलेज के फिजिशियन डॉक्टर अरुण पांडे का कहना है कि पिछले कुछ समय से दून अस्पताल में डेंगू के काफी मरीज आ रहे थे, लेकिन अब उनमें कमी आई है. मौसम में परिवर्तन के कारण अस्पताल में वायरल ट्रैक्शन खांसी, जुकाम के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. उन्होंने बताया कि ऐसे मौसम में अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मरीजों को दिक्कतें आनी शुरू हो जाती हैं.

मौसम में परिवर्तन होने से अस्थमा मरीजों को होती है परेशानी.

डॉक्टर के मुताबिक जब मौसम में ठंडक बढ़ने लगती है तो उससे खांसी और सांस फूलने लगती है. सांस लेने के दौरान फेफड़ों से ज्यादा आवाज आने लगती है. ऐसे में लोगों को एहतियात बरतने की आवश्यकता है. ऐसे मरीजों को ठंड से बचना चाहिए. ठंडे पानी से नहीं नहाना चाहिए. ठंड में टहलने के लिए नहीं निकलना चाहिए. अगर किसी को बुखार, खांसी इंफेक्शन या टीबी है, तो ऐसे लोगों से खुद को दूर रखना चाहिए, जब कोई परेशानी हो तो चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए.

पढ़ें- शीतकालीन सत्र: ठंड पर सरकार को हरदा का गुरू ज्ञान, त्रिवेंद्र ने किया पलटवार

इस मौसम में बरतें सावधानी

  • खान-पान में विशेष सावधानी बरतें.
  • लोग ताजे फल ताजी सब्जियों का सेवन करें.
  • फ्रिज में रखे ठंडे खाने से परहेज करें.
  • ताजी और गर्म चीजों को इस मौसम में प्राथमिकता दें.
  • खुले में रखे गए भोजन को न खाएं.

अस्थमा के मरीज भी सावधानी बरतें

इस मौसम में अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, हृदय रोग और ब्लड प्रेशर की समस्या से ग्रसित मरीजों को एहतियात बरतने की जरूरत होती है. ऐसे में मरीज पूरी तरह गर्म कपड़ों से खुद को ढक कर रखें. एयर कंडीशन और तेज पंखे के नीचे न बैठें. अस्थमा के मरीज इन्हेलर हमेशा अपने साथ रखें. अपना शरीर जितना गर्म रख सकते हैं उतना रखने की कोशिश करें.

Intro:मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार उत्तराखंड में मंगलवार से मौसम में बदलाव की संभावनाएं व्यक्त की जा रही है ऐसे में लोगों को खासकर ब्रोंकाइटिस और अस्थमा के मरीजों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सावधानी बरतने की आवश्यकता है, दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों के मुताबिक ऐसे मौसम में अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।


Body:दून मेडिकल कॉलेज के फिजिशियन डॉक्टर अरुण पांडे के अनुसार इससे पहले देखा गया था कि दून अस्पताल में डेंगू के काफी मरीज आ रहे थे,लेकिन अब उनमें कमी आई है। मौसम में परिवर्तन के कारण अस्पताल में वायरल ट्रेक्शन खांसी जुखाम के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। उन्होंने बताया कि ऐसे मौसम में अस्थमा और ब्रिटिश के मरीजों को दिक्कतें आना शुरू हो जाती है जब मौसम में ठंडक बढ़ने लगती है तो उसमें ज्यादा खांसी और सांस फूलने लगती है सांस लेने के दौरान फेफड़ों से ज्यादा आवाज आने लगती है तो उन्हें ऐसे मौसम में विशेष एहतियात बरतनी की आवश्यकता है। ऐसे मरीजों को ठंड से बचना चाहिए ठंडे पानी से नहीं नहाना चाहिए ठंड में टहलने के लिए नहीं निकलना चाहिए यदि किसी को बुखार, खांसी इन्फेक्शन या टीबी है तो ऐसे लोगों से अपना बचाव करना चाहिए जब कोई परेशानी होने लगे तो अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य लेना चाहिए
बाइट डॉक्टर अरुण पांडे, फिजिशियन, दून मेडिकल कॉलेज


Conclusion: खान-पान में विशेष सावधानी बरतें-
लोक ताजे फल ताजी सब्जियों का सेवन करें, फ्रिज में रखे ठंडे खाने से परहेज करें,ताजी और गर्म चीजों को इस मौसम में प्राथमिकता दें, खुले में रखे गए भोजन को ना खाएं।

ठंड का मौसम जितना सुहाना होता है तो कई मरीजों के लिए उतना ही नाजुक भी होता है। इस मौसम में सर्दी जुखाम के अलावा अस्थमा के मरीजों को बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है। इस मौसम में अस्थमा ब्रोंकाइटिस हृदय रोग ब्लड प्रेशर की समस्या से ग्रसित मरीजों को एहतियात बरतने की जरूरत होती है। ऐसे में मरीज पूरी तरह गर्म कपड़ों से खुद को ढक कर रखें एयर कंडीशन और तेज पंखे के नीचे ना बैठे हैं। अस्थमा के मरीज इन्हेलर हमेशा अपने साथ रखें। अपना शरीर जितना गर्म रख सकते हैं उतना रखने की कोशिश करें।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.