देहरादूनः उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को लेकर मतदान हो चुका है. इसके साथ ही 632 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद हो गया है. लिहाजा, अब प्रत्याशियों को मतगणना के दिन का इंतजार है. वहीं, इस बार विजयी प्रत्याशियों को विजय जुलूस निकालने के लिए अनुमति लेनी पड़ सकती है. डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि विजय जुलूस निकालने की अनुमति संबंधित जिला के डीएम या फिर एसएसपी करेंगे.
बता दें कि मतदान के बाद से राजनेता सियासी गुणा भाग में जुटे हैं और अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. ये जीत के दावे कितने सही बैठेंगे, ये 10 मार्च को पता चला जाएगा. ऐसे में मतगणना को लेकर भी पुलिस प्रशासन लॉ एंड ऑर्डर के साथ सुरक्षा के इंतजाम पुख्ता करने मे जुटा है. पुलिस प्रशासन सुरक्षा के मद्देनजर 10 मार्च को राजनेताओं की ओर निकले जाने वाले विजय जुलूस को भी अपनी निगरानी में रखने की तैयारी कर चुका है.
ये भी पढ़ेंः साइलेंट वोटरों ने बढ़ाई नेताओं की धुकधुकी, चौंकाने वाले रहेंगे नतीजे, राजनीतिक पंडित भी चकराए
चुनाव आयोग के नियम और स्थिति को देखते हुए राजनेताओं को विजय जुलूस निकालने की अनुमति दी जाएगी. अनुमति मिलने के बाद ही नियमों के मुताबिक विजय जुलूस निकाल सकेंगे. पुलिस प्रशासन मतगणना के दिन को ध्यान में रखते हुए प्रदेश की सुरक्षा का खाका तैयार कर चुका है. इस खाके में जहां विजय जुलूस भी शामिल है तो वहीं प्रदेशभर में पुलिस फोर्स को बढ़ाने की तैयारी भी है.
ये भी पढ़ेंः महिला वोटर्स कराएंगी BJP की सत्ता में वापसी! प्रियंका गांधी का 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' नारा नहीं आया काम?
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि विजय जुलूस का निर्णय संबंधित जिला के डीएम और एसएसपी करेंगे. वे अपने स्थिति के अनुसार ही निर्णय ले सकते हैं. साथ ही बताया कि अगर उन्हें अनुमति नहीं मिलती है तो चुनाव आयोग की गाइडलाइन भी जारी हो सकती है. चुनाव आयोग की गाइडलाइन नहीं आती है तो डीएम और एसएसपी अपने विवेक से निर्णय लेंगे.