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कायाकल्प योजना में जिला अस्पताल नैनीताल और रुद्रप्रयाग प्रदेश में नंबर वन

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Published : May 2, 2022, 6:49 AM IST

Updated : May 2, 2022, 7:09 AM IST

जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग व बीडी पांडे राजकीय चिकित्सालय नैनीताल को संयुक्त रूप में साल 2021 के उत्तम चिकित्सालय कायाकल्प अवार्ड मिला है.प्रदेश की कुल 94 चिकित्सा इकाइयों को अलग-अलग श्रेणियों में कायाकल्प सम्मान मिला. जिनको प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत (Health Minister Dr. Dhan Singh Rawat) ने पुरस्कार की राशि का चेक एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया.

Dehradun
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत

देहरादून: रुद्रप्रयाग एवं नैनीताल के जिला अस्पतालों को संयुक्त रूप से साल 2021 के लिये उत्तम चिकित्सालय के कायाकल्प पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इसी क्रम में देश की कुल 94 चिकित्सा इकाइयों को अलग-अलग श्रेणियों में कायाकल्प सम्मान (Kayakalp Award 2022) मिला. जिनको प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत (Health Minister Dr. Dhan Singh Rawat) ने पुरस्कार की राशि का चेक एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया. क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के निर्धारित मानदंडों को पूरा करते हुये राजकीय जिला अस्पतालों को नेशनल एक्रिडेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थ केयर (एनएबीएच) मान्यता के लिये आवेदन करना होगा.

पुरस्कार से नवाजा गया: स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने देहरादून में एक निजी होटल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदेश भर की 94 चिकित्सा इकाइयों को अलग-अलग श्रेणी में कायाकल्प सम्मान से पुरस्कृत किया. जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग एवं बी.डी. पांडे जिला चिकित्सालय नैनीताल को संयुक्त रूप से प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया. जिसमें दोनों चिकित्सालयों को 25-25 लाख रुपये के चेक व प्रमाण पत्र दिये गये. इसी प्रकार उप जिला चिकित्सालय रुड़की को अपनी श्रेणी में प्रथम तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र धौलादेवी एवं गरमपानी को द्वितीय स्थान के लिए सम्मानित किया गया. जिसमें इन चिकित्सालयों को क्रमशः 15 लाख व 5-5 लाख रुपये के चेक प्रदान किये गये. जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र साहिया को बेस्ट ईको फ्रेन्डली श्रेणी में प्रथम आने पर 6 लाख रुपये का चेक देकर सम्मानित किया.

पढ़ें-विभाग के अधिकारियों से वाहन सुविधा वापस लिए जाने पर शिक्षा मंत्री सख्त, तलब किए उच्चाधिकारी

अस्पतालों के मध्य पैदा हुई प्रतिस्पर्धा: स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण प्रथाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से साल 2015 में कायाकल्प कार्यक्रम शुरू किया गया था. इस पहल के उपरांत सूबे में मातृ-शिशु मृत्युदर में कमी आने के साथ ही रोगियों के अस्पताल में रहने की अवधि तथा अस्पताल से उत्पन्न संक्रमण की दर में कमी आई. यही नहीं इस कार्यक्रम से प्रदेश के अस्पतालों के मध्य एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पैदा हुई, जिसका लाभ यहां आने वाले मरीजों को मिला. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आगामी दो वर्ष के भीतर राज्य के सभी राजकीय चिकित्सालय नेशनल एक्रिडेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थ केयर (एनएबीएच) मान्यता के लिये आवेदन करेंगे.

बेहतर सेवा के लिए कदम: प्रथम चरण में जिला एवं उप जिला अस्पतालों को एनएबीएच मान्यता प्राप्त करने के लिए मानकों को पूरा करने को कहा गया है. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि क्षेत्रीय विधायक खजान दास ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में पैरामेडिकल एवं टेक्निशियनों की आवश्यकतानुसार तैनाती की जानी चाहिए, ताकि मरीजों को सभी प्रकार की सुविधाएं सुलभ हो सके. सचिव स्वास्थ्य राधिका झा ने कहा कि कायाकल्प जागरूकता हेतु स्वास्थ्य कर्मियों को राज्य एवं जिला स्तर पर नियममित प्रशिक्षण दिया जायेगा, ताकि स्वास्थ्य कार्मिकों के मध्य सकारात्मक व्यवहार स्थापित किया जा सके. उन्होंने अस्पतालों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने के साथ ही मरीजों की बेहत्तर देखभाल करने पर बल दिया. स्वास्थ्य सचिव ने जन औषधि केन्द्रों को और बेहतर ढंग से संचालित करने, दवाओं का पर्याप्त भंडारण रखने के लिये मुख्य चिकित्साधिकारियों को स्वयं निगरानी करने को कहा.

पढ़ें-चारधाम यात्रा में कोरोना टेस्ट को लेकर श्रद्धालु कंफ्यूज, तीन मंत्रियों ने दिए तीन अलग बयान

रेफर सेंटर न बनें हॉस्पिटल: धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित कायाकल्प सम्मान समारोह से पूर्व विभिन्न जनपदों से आये मुख्य चिकित्साधिकारियों के साथ बैठक कर जिला एवं उप जिला अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि जिला एवं उप जिला अस्पतालों को रेफर सेंटर नहीं बनाया जायेगा, बल्कि अस्पताल आने वाले 90 फीसदी मरीजों का उपचार वहीं पर करना होगा. इसके लिए उन्होंने जनपद स्तर पर मुख्य चिकित्साधिकारियों को तीन दिन में रिपोर्ट तैयार कर महानिदेशालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये.

चरणबद्ध तरीके से होगा कार्य: विभागीय मंत्री ने कहा कि जिला अस्पतालों में रिक्त विशेषज्ञ चिकित्सकों के पदों को भरने के लिए महानिदेशालय प्रक्रिया शुरू करेगा. जबकि स्टॉफ नर्स, विभिन्न टेक्नीशियन, वॉर्ड बॉय व सफाई कर्मी के पदों को आउटसोर्स के माध्यम से जनपद स्तर पर भरा जायेगा. उन्होंने कहा कि सूबे में स्वास्थ्य व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए चरणबद्ध तरीके से कार्य किया जायेगा. प्रथम चरण में राजकीय मेडिकल कॉलेजों व जिला अस्पतालों को सभी सुविधाओं से सुसज्जित की जाएंगी. जबकि दूसरे चरण में उप जिला चिकित्सालों एवं तीसरे चरण में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा चौथे चरण में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को बेहतर व सुविधा संपन्न बनाया जायेगा. उन्होंने राजकीय अस्पतालों के सौंदर्यीकरण व साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिये जाने के निर्देश जनपद स्तर के अधिकारियों को दिये.

देहरादून: रुद्रप्रयाग एवं नैनीताल के जिला अस्पतालों को संयुक्त रूप से साल 2021 के लिये उत्तम चिकित्सालय के कायाकल्प पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इसी क्रम में देश की कुल 94 चिकित्सा इकाइयों को अलग-अलग श्रेणियों में कायाकल्प सम्मान (Kayakalp Award 2022) मिला. जिनको प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत (Health Minister Dr. Dhan Singh Rawat) ने पुरस्कार की राशि का चेक एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया. क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के निर्धारित मानदंडों को पूरा करते हुये राजकीय जिला अस्पतालों को नेशनल एक्रिडेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थ केयर (एनएबीएच) मान्यता के लिये आवेदन करना होगा.

पुरस्कार से नवाजा गया: स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने देहरादून में एक निजी होटल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदेश भर की 94 चिकित्सा इकाइयों को अलग-अलग श्रेणी में कायाकल्प सम्मान से पुरस्कृत किया. जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग एवं बी.डी. पांडे जिला चिकित्सालय नैनीताल को संयुक्त रूप से प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया. जिसमें दोनों चिकित्सालयों को 25-25 लाख रुपये के चेक व प्रमाण पत्र दिये गये. इसी प्रकार उप जिला चिकित्सालय रुड़की को अपनी श्रेणी में प्रथम तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र धौलादेवी एवं गरमपानी को द्वितीय स्थान के लिए सम्मानित किया गया. जिसमें इन चिकित्सालयों को क्रमशः 15 लाख व 5-5 लाख रुपये के चेक प्रदान किये गये. जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र साहिया को बेस्ट ईको फ्रेन्डली श्रेणी में प्रथम आने पर 6 लाख रुपये का चेक देकर सम्मानित किया.

पढ़ें-विभाग के अधिकारियों से वाहन सुविधा वापस लिए जाने पर शिक्षा मंत्री सख्त, तलब किए उच्चाधिकारी

अस्पतालों के मध्य पैदा हुई प्रतिस्पर्धा: स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण प्रथाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से साल 2015 में कायाकल्प कार्यक्रम शुरू किया गया था. इस पहल के उपरांत सूबे में मातृ-शिशु मृत्युदर में कमी आने के साथ ही रोगियों के अस्पताल में रहने की अवधि तथा अस्पताल से उत्पन्न संक्रमण की दर में कमी आई. यही नहीं इस कार्यक्रम से प्रदेश के अस्पतालों के मध्य एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पैदा हुई, जिसका लाभ यहां आने वाले मरीजों को मिला. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आगामी दो वर्ष के भीतर राज्य के सभी राजकीय चिकित्सालय नेशनल एक्रिडेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थ केयर (एनएबीएच) मान्यता के लिये आवेदन करेंगे.

बेहतर सेवा के लिए कदम: प्रथम चरण में जिला एवं उप जिला अस्पतालों को एनएबीएच मान्यता प्राप्त करने के लिए मानकों को पूरा करने को कहा गया है. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि क्षेत्रीय विधायक खजान दास ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में पैरामेडिकल एवं टेक्निशियनों की आवश्यकतानुसार तैनाती की जानी चाहिए, ताकि मरीजों को सभी प्रकार की सुविधाएं सुलभ हो सके. सचिव स्वास्थ्य राधिका झा ने कहा कि कायाकल्प जागरूकता हेतु स्वास्थ्य कर्मियों को राज्य एवं जिला स्तर पर नियममित प्रशिक्षण दिया जायेगा, ताकि स्वास्थ्य कार्मिकों के मध्य सकारात्मक व्यवहार स्थापित किया जा सके. उन्होंने अस्पतालों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने के साथ ही मरीजों की बेहत्तर देखभाल करने पर बल दिया. स्वास्थ्य सचिव ने जन औषधि केन्द्रों को और बेहतर ढंग से संचालित करने, दवाओं का पर्याप्त भंडारण रखने के लिये मुख्य चिकित्साधिकारियों को स्वयं निगरानी करने को कहा.

पढ़ें-चारधाम यात्रा में कोरोना टेस्ट को लेकर श्रद्धालु कंफ्यूज, तीन मंत्रियों ने दिए तीन अलग बयान

रेफर सेंटर न बनें हॉस्पिटल: धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित कायाकल्प सम्मान समारोह से पूर्व विभिन्न जनपदों से आये मुख्य चिकित्साधिकारियों के साथ बैठक कर जिला एवं उप जिला अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि जिला एवं उप जिला अस्पतालों को रेफर सेंटर नहीं बनाया जायेगा, बल्कि अस्पताल आने वाले 90 फीसदी मरीजों का उपचार वहीं पर करना होगा. इसके लिए उन्होंने जनपद स्तर पर मुख्य चिकित्साधिकारियों को तीन दिन में रिपोर्ट तैयार कर महानिदेशालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये.

चरणबद्ध तरीके से होगा कार्य: विभागीय मंत्री ने कहा कि जिला अस्पतालों में रिक्त विशेषज्ञ चिकित्सकों के पदों को भरने के लिए महानिदेशालय प्रक्रिया शुरू करेगा. जबकि स्टॉफ नर्स, विभिन्न टेक्नीशियन, वॉर्ड बॉय व सफाई कर्मी के पदों को आउटसोर्स के माध्यम से जनपद स्तर पर भरा जायेगा. उन्होंने कहा कि सूबे में स्वास्थ्य व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए चरणबद्ध तरीके से कार्य किया जायेगा. प्रथम चरण में राजकीय मेडिकल कॉलेजों व जिला अस्पतालों को सभी सुविधाओं से सुसज्जित की जाएंगी. जबकि दूसरे चरण में उप जिला चिकित्सालों एवं तीसरे चरण में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा चौथे चरण में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को बेहतर व सुविधा संपन्न बनाया जायेगा. उन्होंने राजकीय अस्पतालों के सौंदर्यीकरण व साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिये जाने के निर्देश जनपद स्तर के अधिकारियों को दिये.

Last Updated : May 2, 2022, 7:09 AM IST
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