देहरादून: राज्य में लॉकडाउन होने के बाद मजदूर और गरीब लोगों के सामने खाने का संकट आ गया है. जिसको देखते हुए देहरादून के कई सामाजिक संगठन, एनजीओ और कई आम लोग गरीबों को खाने के पैकेट देकर उनकी मदद करने का काम कर रहे है. वहीं, सामाजिक संगठनों द्वारा दिए जा रहे खाने की गुणवत्ता की जानकारी के लिए जिला प्रशासन ने निर्णय लिया है कि सभी थाने ओर चौकी के जरिए ही खाना बांटा जाएगा. जिससे जिला प्रशासन को खाने की गुणवत्ता और कौन खाना दे रहा है, इसकी जानकारी मिलती रहे.
बता दें, लॉकडाउन के दौरान गरीब लोगों को लगातार खाने के पैकेट बांटने का काम किया जा रहा है. हर कोई किसी न किसी माध्यम से असहाय लोगों की मदद करने में लगा हुआ है. लेकिन इन सब में जिला प्रशासन को बांटने और खाने वालों की जानकारी नहीं मिल पा रही है.
साथ ही खाना बांटने को लेकर किसी तरह की कोई अनहोनी न हो उसके लिए जिला प्रशासन ने सभी सामाजिक संगठन और एनजीओ को निर्देशित किया की सभी थाना और चौकी के माध्यम से ही खाना बांटने का काम करें. जिससे जिला प्रशासन को जानकारी रहेगी कि कौन सा सामाजिक संगठन और एनजीओ खाने के पैकेट दे रहा है साथ ही किन लोगों को खाने के पैकेट दिए जा रहे हैं, जिससे जिला प्रशासन किसी भी अनहोनी को सरलता से ट्रैक कर सके.
पढ़े- दून के सीनियर डॉक्टर का दावा- मई के अंत तक खत्म हो जाएगा कोरोना वायरस
जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि कई सामाजिक संगठन और कई लोग मिलकर अपने लेवल पर मदद कर रहे हैं. साथ ही एनजीओ गरीबों को खाना खिला कर मदद कर रही है. उन्होंने बताया कि जो भी खाना बना रहे हैं वह खाना चौकी और थाने के माध्यम से गरीब लोगों में बांटे. इसका मुख्य कारण है कि हमें यह ट्रैक करना बेहद जरूरी है कि खाना किस व्यक्ति को पहुंच रहा है जिससे कि खाने की क्वालिटी और गुणवत्ता की जानकारी हो सके और देने वाले पर नजर रखी जा सके.