देहरादून: आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सपा और बसपा ने अपनी चुनावी रणनीति का एलान कर दिया है. दोनों पार्टियों उत्तराखंड और मध्यप्रदेश में भी अपने उम्मीदवार उतारेंगी. ऐसे में उत्तराखंड की पांच सीटों में से सपा केवल पौड़ी सीट चुनाव लड़ेगी जबकि, शेष चार सीटें बसपा के लिए छोड़ी गई है.
बता दें कि आगामी आम चुनाव में सपा ने एकमात्र सीट पौड़ी ही अपने हिस्से में रखी है. ऐसे में डिंपल यादव का जिक्र होना भी लाजमी है क्योंकि समय-समय पर सपा कार्यकर्ताओं द्वारा उत्तराखंड में सपा की कमान डिंपल यादव को सौंपने की मांग उठती रही है.
वहीं, दूसरी ओर उत्तराखंड में जमीन तलाशती समाजवादी पार्टी के पास डिंपल यादव से बेहतर कोई विकल्प नहीं हो सकता. हालांकि, बाकी चार सीटों को बसपा की झोली में डालकर सपा ने इस गठबंधन के प्रति अपना समर्पण भाव भी साफ कर दिया है.
उत्तराखंड सपा के वरिष्ठ नेता और सपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी में विशेष आमंत्रित सदस्य डॉ सत्यनारायण सचान का कहना है कि सपा-बसपा का गठबंधन उत्तराखंड के कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार करेगा, जो उत्तराखंड की राजनीति को एक नए विकल्प की ओर ले जाएगा.सचान का कहना है कि डिंपल यादव को उत्तराखंड में लाने की मांग लंबे समय से प्रदेश के कार्यकर्ता करते आ रहे हैं. उन्हें पार्टी हाईकमान पर संगठन को पूरा भरोसा है कि वह सही समय पर सही निर्णय लेगा.
बहरहाल, मुलायम सिंह यादव की बहू और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल का मायका कोटद्वार में ही है. शादी से पहले रावत रहीं डिंपल के पिता और नाते रिश्तेदार रामनगर के मुंडेश्वरी में रहते हैं. उनके पिता आर्मी रिटायर्ड हैं. ऐसे में पौड़ी सीट पर ठाकुर वोटरों पर इसका प्रभाव पड़ सकता है और पार्टी भी इस छवि को भुनाने में नहीं चूकेगी. यही वजह है कि हरिद्वार जिले में कभी मजबूत माने जाने वाली समाजवादी पार्टी ने पौड़ी लोकसभा सीट पर दांव लगाने की सोची है.
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