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उत्तराखंड में भी बुआ-बबुआ का गठबंधन, पौड़ी सीट से डिंपल यादव लड़ सकती हैं चुनाव - सपा बसपा गठबंधन

उत्तराखंड में जमीन तलाशती समाजवादी पार्टी के पास डिंपल यादव से बेहतर कोई विकल्प नहीं हो सकता. हालांकि, बाकी चार सीटों को बसपा की झोली में डालकर सपा ने इस गठबंधन के प्रति अपना समर्पण भाव भी साफ कर दिया है.

डिंपल यादव
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Published : Feb 25, 2019, 7:16 PM IST

Updated : Feb 25, 2019, 8:36 PM IST

देहरादून: आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सपा और बसपा ने अपनी चुनावी रणनीति का एलान कर दिया है. दोनों पार्टियों उत्तराखंड और मध्यप्रदेश में भी अपने उम्मीदवार उतारेंगी. ऐसे में उत्तराखंड की पांच सीटों में से सपा केवल पौड़ी सीट चुनाव लड़ेगी जबकि, शेष चार सीटें बसपा के लिए छोड़ी गई है.

बता दें कि आगामी आम चुनाव में सपा ने एकमात्र सीट पौड़ी ही अपने हिस्से में रखी है. ऐसे में डिंपल यादव का जिक्र होना भी लाजमी है क्योंकि समय-समय पर सपा कार्यकर्ताओं द्वारा उत्तराखंड में सपा की कमान डिंपल यादव को सौंपने की मांग उठती रही है.

पांच सीटों में से केवल एक लोकसभा सीट पर लड़ेगी सपा.

पढ़ें-कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा को लेकर UGC ने जारी किये निर्देश,विश्वविद्यालयों को सुरक्षा देने की कही बात

वहीं, दूसरी ओर उत्तराखंड में जमीन तलाशती समाजवादी पार्टी के पास डिंपल यादव से बेहतर कोई विकल्प नहीं हो सकता. हालांकि, बाकी चार सीटों को बसपा की झोली में डालकर सपा ने इस गठबंधन के प्रति अपना समर्पण भाव भी साफ कर दिया है.

उत्तराखंड सपा के वरिष्ठ नेता और सपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी में विशेष आमंत्रित सदस्य डॉ सत्यनारायण सचान का कहना है कि सपा-बसपा का गठबंधन उत्तराखंड के कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार करेगा, जो उत्तराखंड की राजनीति को एक नए विकल्प की ओर ले जाएगा.सचान का कहना है कि डिंपल यादव को उत्तराखंड में लाने की मांग लंबे समय से प्रदेश के कार्यकर्ता करते आ रहे हैं. उन्हें पार्टी हाईकमान पर संगठन को पूरा भरोसा है कि वह सही समय पर सही निर्णय लेगा.

बहरहाल, मुलायम सिंह यादव की बहू और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल का मायका कोटद्वार में ही है. शादी से पहले रावत रहीं डिंपल के पिता और नाते रिश्तेदार रामनगर के मुंडेश्वरी में रहते हैं. उनके पिता आर्मी रिटायर्ड हैं. ऐसे में पौड़ी सीट पर ठाकुर वोटरों पर इसका प्रभाव पड़ सकता है और पार्टी भी इस छवि को भुनाने में नहीं चूकेगी. यही वजह है कि हरिद्वार जिले में कभी मजबूत माने जाने वाली समाजवादी पार्टी ने पौड़ी लोकसभा सीट पर दांव लगाने की सोची है.

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देहरादून: आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सपा और बसपा ने अपनी चुनावी रणनीति का एलान कर दिया है. दोनों पार्टियों उत्तराखंड और मध्यप्रदेश में भी अपने उम्मीदवार उतारेंगी. ऐसे में उत्तराखंड की पांच सीटों में से सपा केवल पौड़ी सीट चुनाव लड़ेगी जबकि, शेष चार सीटें बसपा के लिए छोड़ी गई है.

बता दें कि आगामी आम चुनाव में सपा ने एकमात्र सीट पौड़ी ही अपने हिस्से में रखी है. ऐसे में डिंपल यादव का जिक्र होना भी लाजमी है क्योंकि समय-समय पर सपा कार्यकर्ताओं द्वारा उत्तराखंड में सपा की कमान डिंपल यादव को सौंपने की मांग उठती रही है.

पांच सीटों में से केवल एक लोकसभा सीट पर लड़ेगी सपा.

पढ़ें-कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा को लेकर UGC ने जारी किये निर्देश,विश्वविद्यालयों को सुरक्षा देने की कही बात

वहीं, दूसरी ओर उत्तराखंड में जमीन तलाशती समाजवादी पार्टी के पास डिंपल यादव से बेहतर कोई विकल्प नहीं हो सकता. हालांकि, बाकी चार सीटों को बसपा की झोली में डालकर सपा ने इस गठबंधन के प्रति अपना समर्पण भाव भी साफ कर दिया है.

उत्तराखंड सपा के वरिष्ठ नेता और सपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी में विशेष आमंत्रित सदस्य डॉ सत्यनारायण सचान का कहना है कि सपा-बसपा का गठबंधन उत्तराखंड के कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार करेगा, जो उत्तराखंड की राजनीति को एक नए विकल्प की ओर ले जाएगा.सचान का कहना है कि डिंपल यादव को उत्तराखंड में लाने की मांग लंबे समय से प्रदेश के कार्यकर्ता करते आ रहे हैं. उन्हें पार्टी हाईकमान पर संगठन को पूरा भरोसा है कि वह सही समय पर सही निर्णय लेगा.

बहरहाल, मुलायम सिंह यादव की बहू और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल का मायका कोटद्वार में ही है. शादी से पहले रावत रहीं डिंपल के पिता और नाते रिश्तेदार रामनगर के मुंडेश्वरी में रहते हैं. उनके पिता आर्मी रिटायर्ड हैं. ऐसे में पौड़ी सीट पर ठाकुर वोटरों पर इसका प्रभाव पड़ सकता है और पार्टी भी इस छवि को भुनाने में नहीं चूकेगी. यही वजह है कि हरिद्वार जिले में कभी मजबूत माने जाने वाली समाजवादी पार्टी ने पौड़ी लोकसभा सीट पर दांव लगाने की सोची है.

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Intro:बुआ-बबुआ की जोड़ी में बहु डिम्पल का मास्टर स्ट्रोक, पौड़ी सीट की घेराबन्दी शुरू......।।।




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उत्तराखंड के लिए सपा और बसपा ने चुनावी रणनीति का ऐलान कर दिया है। सपा-बसपा के इस एलान में खास यह है कि सपा ने केवल पौड़ी सीट को अपने पास रखा है और बाकी 4 सीटों पर बीएसपी को चुनाव लड़ाने का ऐलान किया है।
पौड़ी सीट का जिक्र होते ही सपा में सबसे पहले डिंपल यादव का जिक्र होना लाजमी है। यही नहीं उत्तराखंड में खोई हुई राजनीतिक जमीन को वापस पाने का इस समय सपा के पास इससे बेहतर और कोई विकल्प दूर दूर तक नहीं है तो वहीं बसपा की झोली में ज्यादा सीट देकर गठबंधन में समर्पण का भाव भी साफ कर दिया है।

मुलायम सिंह यादव की बहू और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव माइके से कोटद्वार क्षेत्र से आती है। और आज भी मायके से रावत रही डिंपल यादव के पिता और नाते रिश्तेदार रामनगर के मुंडेश्वरी नामक जगह पर निवास करते हैं। पेशे से आर्मी रिटायर्ड डिंपल के पिता का आज भी इस क्षेत्र में पहाड़ी ठाकुर होने के नाते बड़ा प्रभाव है जिसको भुनाने का सपना समाजवादी पार्टी पाल रही है। यही वजह है कि हरिद्वार जिले में मजबूत मने जाने वाली समाजवादी पार्टी ने पौड़ी पर दाव लगाने की सोची है।

उत्तराखंड सपा के वरिष्ठ नेता और सपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी में विशेष आमंत्रित सदस्य डॉ सत्यनारायण सचान का कहना है कि सपा-बसपा का गठबंधन उत्तराखंड के कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार करेगा और निश्चित तौर से एक नए विकल्प की ओर उत्तराखंड की राजनीति को ले जाएगा। सत्यनारायण सचान का कहना है कि डिंपल को उत्तराखंड में लाने की मांग लंबे समय से प्रदेश के कार्यकर्ताओं में थी और पार्टी हाईकमान पर संगठन को पूरा भरोसा है कि वह सही समय पर सही निर्णय लेगा।


Conclusion:
Last Updated : Feb 25, 2019, 8:36 PM IST
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