ऋषिकेश: चारधाम यात्रा के दौरान आस्था के कई रंग देखने को मिलते हैं. ऐसा ही कुछ देखने को मिला तीर्थनगरी ऋषिकेश में. कलयुग के इस दौर में एक व्यक्ति अपनी दिव्यांग पत्नी को पैदल चारधाम यात्रा करवाने के लिए पंजाब के फतेहगढ़ से ऋषिकेश पहुंचा है. पैदल यात्रा पर निकले सुरेश ने बताया कि उनकी पत्नी की काफी समय से पैदल यात्रा करने की इच्छा थी, लेकिन दोनों पैरों से दिव्यांग होने की वजह से उसकी ये इच्छा पूरी नहीं हो पाई, इसलिए वो खुद अपनी पत्नी को व्हीलचेयर पर लेकर चारधाम की पैदल यात्रा के लिए निकले हैं.
वहीं, चारधाम यात्रा पर अपने पति के साथ आईं रुपाली ने ईटीवी भारत से अपनी खुश का इजहार किया. उन्होंने बताया कि उनके पति सुरेश ने इस साल पैदल चारधाम यात्रा करवाने का वादा किया था. अब वो चारधाम यात्रा के लिए निकल चुके हैं, जिसको लेकर वो काफी उत्साहित हैं. पंजाब के फतेहगढ़ के रहना वाला ये जोड़ा श्रद्धालुओं के लिए मिसाल कायम कर रहा है.
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बता दें कि 7 मई यानि अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुल रहे हैं. इसके बाद 9 मई को केदारनाथ और फिर 10 मई को बदरीनाथ के कपाट खुलेंगे. इस साल चारधाम यात्रा के दौरान भगवान के दर्शन टोकन सिस्टम से होगा. बढ़ती भीड़ को देखते हुए ये फैसला लिया गया है. श्रद्धालुओं को धूप, बारिश या बर्फबारी के दौरान लाइन में लगकर अपने नंबर का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. सभी बैठकर आराम से अपना नंबर आने पर भगवान के दर्शन कर सकते हैं.