देहरादून: उत्तराखंड में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए 31 मार्च 2023 के बाद से 10 साल पुराने हो चुके ऑटो-विक्रम सड़कों पर नहीं चल पाएंगे. वहीं, बाकी बचे सभी डीजल वाले ऑटो विक्रम 31 दिसंबर 2023 से बंद कर दिये जाएंगे. लिहाजा दून की सड़कों पर इन वाहनों का सिर्फ सीएनजी से संचालन होगा.
दरअसल, एनजीटी के निर्देश के बाद पर्यावरण के लिहाज़ से ये फैसला लिया गया है. 10 साल से पुराने डीजल से चलने वाले विक्रम और ऑटो अब दून की सड़कों से बाहर होंगे. देहरादून आरटीओ ने आज सभी ऑटो और विक्रम मालिकों को अल्टीमेटम देते हुए अपने गाड़ियों को 31 जनवरी 2023 तक नए नियमों के तहत पेपर बनवाने, गाड़ियों को सीएनजी में कन्वर्ट करने, बीएस 6 मानकों की गाड़ियों के ही परमिशन का अनुपालन करवाना शुरू कर दिया है.
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बता दें कि पिछले दिनों आरटीओ की बैठक में देहरादून और ऋषिकेश क्षेत्र को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए 10 साल पुराने विक्रम, ऑटो को हटाने का फैसला किया गया था, जिसके तहत डीजल वाहनों को चरणबद्ध तरीके से बाहर किया जाना है.
आरटीओ देहरादून सुनील शर्मा का कहना है कि 10 साल से पुराने डीजल वाहनों को 31 मार्च 2023 और 10 साल के भीतर के वाहनों को 31 दिसंबर 2023 तक बाहर होने का समय दिया. जिसके बाद कड़ी कार्रवाही होगी. वहीं इनके बदले सीएनजी, इलेक्ट्रिक और बीएस 6 वाहनों को ही परमिट जारी किए जाएंगे. जिससे राजधानी क्षेत्र को एनजीटी के नियमानुसार प्रदूषण मुक्त किया जा सके.