देहरादून: बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों उत्तराखंड के दौरे पर हैं. धीरेंद्र शास्त्री ने वीडियो जारी कर इस बात की जानकारी दी है. धीरेंद्र शास्त्री ने बताया कि वो बागेश्ववर धाम में होने वाले विशेष यज्ञ के लिए साधु संतों को आमंत्रण देने के लिए उत्तराखंड आए हैं. धीरेंद्र शास्त्री हरिद्वार के विन्ध्यवासिनी आश्रम में रुके हैं. धीरेंद्र शास्त्री ने विन्ध्यवासिनी आश्रम से एक वीडियो जारी किया, जिसमें धीरेंद्र शास्त्री सनातन धर्म की बात कह रहे हैं. धीरेंद्र शास्त्री ने सनातन का जिक्र करते हुए कहा, 'कायदे में रहोगे तो फायदे में रहोगे'. इसके बाद बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने हरिद्वार में आचार्य बालकृष्ण से भी मुलाकात की.
दो दिन से बाबा रामदेव के आश्रम में हैं धीरेंद्र शास्त्री: पंडित धीरेंद्र शास्त्री दो दिन से योग गुरु बाबा रामदेव के आश्रम में हैं. उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ के पैतृक गांव (पंचूर, यमकेश्वर) में बने बाबा रामदेव के नेचुरोपैथी सेंटर का दौरा भी किया.
गौर हो कि बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों लगातार मीडिया की सुर्खियों में बने हुए हैं. उनके ऊपर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगा है. उनसे इसके बारे में प्रमाण मांगे जा रहे हैं. अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने कहा जब बागेश्चर धाम सरकार को चमत्कार साबित करने के लिए चुनौती दी गई है तो कथा बीच में ही छोड़कर वह चले गए.
विवाद क्या है: बागेश्वर धाम सरकार के धीरेंद्र शास्त्री की कथा के दौरान लोगों की समस्याएं सुनने और उसका समाधान करने का दावा किया जाता है. कहा जाता है कि भूत, प्रेत से लेकर बीमारी तक का इलाज बाबा की कथा में होता है. बाबा के समर्थक दावा करते हैं कि बागेश्वर धाम सरकार इंसान को देखते ही उसकी हर तरह की परेशानी जान लेते हैं. उसका समाधान करते हैं. वहीं, बागेश्वर धाम सरकार का कहना है कि वह लोगों की अर्जियां भगवान (बालाजी हनुमान) तक पहुंचाने का जरिया मात्र हैं, जिन्हें भगवान सुनकर समाधान देते हैं. इन्हीं दावों को नगापुर की अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने चुनौती दी. यहीं से विवाद की शुरुआत हुई.
कौन हैं बागेश्वर धाम महाराज?: इनका पूरा नाम है धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री. ये बागेश्वर धाम महाराज के नाम से जाने जाते हैं. घीरेंद्र कृष्ण शात्री में आस्था रखने वाले उन्हें बालाजी महाराज, बागेश्वर महाराज, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के नाम से भी बुलाते हैं.
धीरेंद्र शास्त्री का जन्म 4 जुलाई 1996 को मध्य प्रदेश में छतरपुर के गड़ा में हुआ था. अभी धीरेंद्र शास्त्री महज 26 साल के हैं. जो लोग धीरेंद्र शास्त्री को बचपन से जानते आए हैं, उनका कहना है कि बचपन से ही ये चंचल और हठीले थे, इनकी शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल में हुई, हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी की पढ़ाई धीरेंद्र ने पास के ही गंज गांव से की.
धीरेंद्र शास्त्री की माता सरोज शास्त्री दूध बेचने का काम करतीं थीं. पिता रामकृपाल गर्ग गांव में सत्यनारायण की कथा सुनाते थे. उससे जो भी कमाई होती थी उसी से परिवार का गुजारा चलाते थे. धीरेंद्र शास्त्री को कथा सुनाने का माहौल बचपन से ही मिला. शायद उसी का नतीजा है धीरेंद्र जब इस क्षेत्र में आए तो तेजी से तरक्की करते गए.
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बचपन में पिता के साथ बांचते थे कथा: इस बीच पिता के साथ धीरेंद्र शास्त्री ने भी कथा वाचन शुरू कर दिया. धीरे-धीरे उन्होंने पिता से मिले संस्कारों को आगे बढ़ाना शुरू किया, अकेले ही आसपास के गांवों में कथा बांचने लगे. पहली बार साल 2009 में इन्होंने भागवत कथा पास के ही गांव में सुनाई थी. धीरेंद्र शास्त्री के अंदर कथा कहने की एक अलग शैली थी, जो लोगों को काफी पसंद आती थी. इसलिए उन्हें आसपास के गांवों से भी बुलावा आने लगा और धीरे धीरे ये कथा बांचने में मशहूर होने लगे.