देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने कोटद्वार राजकीय मेडिकल कॉलेज के लिए 25 करोड़ का शासनादेश जारी कर दिया है. मंगलवार को स्वास्थ्य सचिव पंकज पांडे ने इस संबंध में आदेश जारी किया है. शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में कोटद्वार मेडिकल कॉलेज का विषय न आने के बाद नाराज हुए कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की नाराजगी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दूर कर दिया है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आश्वासन के बाद मंगलवार को कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए 25 करोड़ का शासनादेश जारी कर दिया गया है. उत्तराखंड शासन से स्वास्थ्य सचिव पंकज पांडे ने यह शासनादेश जारी किया है. शासनादेश के तहत राजकीय मेडिकल कॉलेज कोटद्वार के निर्माण कार्यों के लिए आकस्मिकता निधि से यह धनराशि जारी की गई है.
क्या है विवाद: कोटद्वार मेडिकल कॉलेज हरक सिंह रावत का ड्रीम प्रोजेक्ट है. त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में कोटद्वार मेडिकल कॉलेज का मामला सामने आया था. पहले यह कॉलेज ईएसआई (कर्मचारी बीमा निगम) से बनना था. इस पर काम आगे बढ़ता, तब तक सुप्रीम कोर्ट के एक निर्देश के कारण यह मसला अटक गया था.
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इसके बाद राज्य स्तर से इस कॉलेज को बनाने की बात हुई. इसके लिए 20 करोड़ रुपये उत्तराखंड भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड से लिया गया. सीधे कार्यदायी संस्था को पैसा देने के कारण इस पर विवाद हुआ. ऐसे में यह पैसा वापस बोर्ड को भेज दिया गया.
इसके बाद नए सिरे से यहां मेडिकल कॉलेज बनाने की बात हुई और इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को प्रस्ताव बनाने को कहा गया. नवंबर माह में हुई कैबिनेट की बैठक में भी हरक सिंह रावत ने विभाग द्वारा यह प्रस्ताव न रखे जाने पर नाराजगी जताई थी. बीते शुक्रवार को भी जब यह मसला कैबिनेट में नहीं आया, तो कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का गुस्सा फूट पड़ा. ऐसी चर्चा आम हो गई थी कि हरक सिंह रावत गुस्से में कैबिनेट की बैठक छोड़कर निकल गए और इस्तीफा दे दिया है. ठीक 24 घंटे बाद हरक सिंह रावत मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे.