देहरादूनः बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (Badarinath Kedarnath Temple Committee) में वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता के लिए प्रदेश सरकार ने वित्त नियंत्रक की नियुक्ति कर दी है. उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के वित्त निदेशक जगत सिंह चौहान को तत्काल प्रभाव से बीकेटीसी के वित्त नियंत्रक का अस्थायी रूप से अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.
दरअसल, बुधवार को उत्तराखंड सरकार ने बीकेटीसी में पहली बार वित्त नियंत्रक की नियुक्ति की गई है. बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय (BKTC Chairman Ajendra Ajay) ने वित्त नियंत्रक की नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया है. अजेंद्र अजय ने बीते दिनों सीएम धामी से मुलाकात की थी. साथ ही प्रदेश के संस्कृति व धर्मस्व सचिव हरि चंद्र सेमवाल को पत्र लिख कर तत्काल वित्त नियंत्रक नियुक्त करने की मांग की थी. उन्होंने लिखा था कि बीकेटीसी में वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए वित्त नियंत्रक की नियुक्ति आवश्यक है.
अजेंद्र अजय के पत्र पर कार्रवाई करते हुए शासन ने पर्यटन विकास परिषद के वित्त निदेशक जगत सिंह चौहान को बीकेटीसी के वित्त नियंत्रक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है. इस संबंध में वित्त विभाग के संयुक्त सचिव विक्रम सिंह राणा ने बुधवार को आदेश जारी किए हैं. आदेश में कहा गया है कि वित्त सेवा के अधिकारी चौहान को वर्तमान दायित्वों के साथ-साथ कार्यहित में बीकेटीसी के वित्तीय कार्यों के निर्वहन के लिए अस्थाई रूप से वित्त नियंत्रक का अतिरिक्त प्रभार दिया जाता है.
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बता दें कि वर्तमान में बीकेटीसी के ढांचे में वित्त सेवा से संबंधित पद सृजित नहीं है. इस कारण शासन ने जगत चौहान की नियुक्ति (Finance Controller of Badri Kedar Temple Committee) अस्थायी रूप से की है. लिहाजा, शासन ने संस्कृति व धर्मस्व विभाग के सचिव से ये भी अपेक्षा की है कि बीकेटीसी के ढांचे में वित्त सेवा से संबंधित पद का सृजन यथाशीघ्र कर लिया जाए. ताकि भविष्य में किसी प्रकार की समस्या पैदा न हो.
उधर, बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने वित्त नियंत्रक की नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताते हुए कहा कि वित्त नियंत्रक की नियुक्ति के बाद वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता कायम होगी. यहां ये भी उल्लेखनीय है कि अध्यक्ष का पदभार संभालने के बाद से अजेंद्र लगातार बीकेटीसी की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए जुटे हुए हैं. कर्मचारियों की वेतन विसंगति का मामला हो या अधिकारियों व कर्मचारियों की सालों से लटकी पदोन्नत्तियां, अजेंद्र ने उनको तेजी से निस्तारित किया. इसके साथ ही पहली बार बीकेटीसी में कार्मिकों के स्थानांतरण भी किए गए.