देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 'मानव वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि नियमावली- 2023' के प्रख्यापन को मंजूरी मिल गई है. ऐसे में 5 सितंबर से आहूत होने जा रहे विधानसभा मानसून सत्र के दौरान नियमावली को सदन के पटल पर रखा जाएगा. इसके साथ ही 'मानव वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि नियमावली, 2012' को अधिक्रमित किया जाएगा. नई नियमावली के प्रख्यापन के बाद मानव वन्य जीव संघर्ष में मृत्यु पर मृतक के परिजनों को 6 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी जाएगी.
वर्तमान समय में मानव वन्यजीव संघर्ष के तहत जान-माल की क्षति होने पर अनुग्रह राशि का भुगतान 'मानव वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि नियमावली, 2012' और राज्य सरकार के आपदा प्रबन्धन में किए गए प्रावधान के तहत किया जा रहा है. जिसको देखते हुए दिसंबर 2022 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई राज्य वन्य जीव बोर्ड की 18वीं बैठक में मानव वन्य जीव संघर्ष के तहत किसी व्यक्ति के मृत्यु होने पर दिए जाने वाले अनुग्रह राशि को बढ़ाने का निर्णय हुआ था.
साथ ही राज्य वन्य जीव बोर्ड की 18वीं बैठक में 'मानव वन्य जीव संघर्ष राहत वितरण निधि नियमावली - 2012' में दिए गए पशुधन (यथा- बाघ, तेंदुआ, हिम तेंदुआ (स्नो लेपर्ड), जंगली हाथी, तीनों प्रजाति के भालू (एशियाई काला भालू, हिमालयन भूरा भालू, स्लॉथ भालू), जंगली सुअर, लकड़बग्घा, मगरमच्छ / घड़ियाल, चीतल, काकड़, सांबर, नील गाय, बन्दर, लंगूर, सांप के अतिरिक्त 'मधुमक्खी व ततैया' के नाम को भी सम्मिलित किये जाने की संस्तुति दी गई थी.
'मानव वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि नियमावली- 2023' के अनुसार प्रदेश में मानव वन्यजीव संघर्ष में यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उनके परिवार को 6 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी जाएगी. पहले ये राशि 4 लाख रुपए थी. इसी के साथ गंभीर रूप से घायल होने पर एक लाख रुपया दिया जाएगा, जबकि पहले 50 हजार रुपए का प्रावधान था. इसके अलावा, मानव वन्यजीव संघर्ष में क्षतिपूर्ति के लिए दो करोड़ रूपये का कॉरपस फंड भी बनाया जायेगा. इसके अलावा मानव वन्यजीव संघर्ष के घटना की सूचना मिलने के 15 दिन के भीतर अनुग्रह पीड़ित परिवार को दे दी जाएगी.