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उत्तराखंड सेवा क्षेत्र नीति 2023 को मंजूरी, करीब ₹60 हजार करोड़ के निवेश को आकर्षित करने का लक्ष्य

Uttarakhand Service Sector Policy 2023 को मंजूरी मिलने के बाद करीब ₹60 हजार करोड़ के निवेश को आकर्षित करने का लक्ष्य रखा गया है. दावा है कि सेवा क्षेत्र नीति से न केवल 20 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. बल्कि, 10 लाख श्रमिकों का कौशल विकास भी होगा. वहीं, उत्तराखंड सेवा क्षेत्र नीति 2023 में पर्यटन को शामिल नहीं किया गया है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 12, 2023, 8:56 PM IST

Updated : Sep 12, 2023, 9:07 PM IST

R Meenakshi Sundaram
उत्तराखंड उद्योग सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम
उत्तराखंड सेवा क्षेत्र नीति 2023 को मंजूरी

देहरादूनः औद्योगिक विकास विभाग के तहत उत्तराखंड सेवा क्षेत्र नीति 2023 को धामी मंत्रिमंडल मंजूरी दे दी है. अभी तक कोई भी सेवा क्षेत्र पॉलिसी नहीं थी. ऐसे में अब तमाम क्षेत्र में निवेश करने पर निवेशकों को सब्सिडी का बेहतर लाभ दिया जा सकेगा. उत्तराखंड सेवा क्षेत्र नीति 2023 में सरकार ने स्वास्थ्य देखभाल, वेलनेस और पारंपरिक चिकित्सा, शिक्षा, फिल्म और मीडिया, खेल, आईटीईएस, डाटा सेंटर, कौशल विकास को शामिल किया है.

Industries Secretary R Meenakshi Sundaram
उद्योग सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम

सरकार का मानना है कि इस नीति को मंजूरी मिलने के बाद अब उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा. पर्यटन को छोड़कर इस नीति के तहत सेवा अर्थव्यवस्था साल 2030 तक करीब 27 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने की संभावना है. साथ ही राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में कम से कम 40 फीसदी का योगदान होगा. फिलहाल, सरकार ने लक्ष्य रखा है कि साल 2030 से पहले उत्तराखंड के सेवा क्षेत्रों में करीब 60,000 करोड़ रुपए के निवेश को आकर्षित करेंगे. इसी क्रम में साल 2027 से पहले करीब 45,000 करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
ये भी पढ़ेंः उत्तरकाशी के डुंडा में ग्रोथ सेंटर बनकर तैयार, ऊनी वस्त्र उद्योग को लगेंगे पंख

इतना ही नहीं सेवा क्षेत्र नीति 2023 के आने के बाद प्रदेश के करीब 20 लाख लोगों को न सिर्फ रोजगार मिलेगा, बल्कि सेवा क्षेत्र में करीब 10 लाख श्रमिकों का कौशल विकास भी होगा. इसके अलावा इस नीति में सेवा क्षेत्र में निवेश करने वाले निवेशकों को भूमि और पूंजीगत सब्सिडी का भी प्रावधान किया गया है. जिससे निवेशकों को काफी फायदा मिलेगा. उत्तराखंड उद्योग सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि निवेशकों को भूमि और पूंजीगत सब्सिडी में से एक सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा.

सेवा क्षेत्र में निवेश के लिए मिनिमम क्राइटेरिया-

  1. स्वास्थ्य के क्षेत्र में इस नीति का लाभ उठाने के लिए न्यूनतम मैदानी क्षेत्रों में 200 करोड़ और पर्वतीय क्षेत्रों में न्यूनतम 25 करोड़ रुपए का निवेश होना चाहिए.
  2. हॉस्पिटैलिटी, होटल और माइंस के लिए न्यूनतम मैदानी क्षेत्रों में 200 करोड़ और पर्वतीय क्षेत्रों में 100 करोड़ रुपए का निवेश होना चाहिए.
  3. वैलनेस रिजॉर्ट्स के लिए मैदानी क्षेत्रों में न्यूनतम 100 करोड़ और पर्वतीय क्षेत्रों में न्यूनतम 50 करोड़ रुपए का निवेश होना चाहिए.
  4. आयुर्वेद और योग सेंटर के लिए मैदानी क्षेत्रों में न्यूनतम 50 करोड़ और पर्वतीय क्षेत्रों में 25 करोड़ रुपए का निवेश होना चाहिए.
  5. स्कूल के लिए मैदानी क्षेत्रों में न्यूनतम 50 करोड़ और पर्वतीय क्षेत्रों में 25 करोड़ रुपए का निवेश होना चाहिए.
  6. कॉलेज के लिए मैदानी क्षेत्रों में न्यूनतम 100 करोड़ और पर्वतीय क्षेत्रों में 50 करोड़ रुपए का निवेश होना चाहिए.
  7. यूनिवर्सिटी के लिए मैदानी क्षेत्रों में न्यूनतम 200 करोड़ और पर्वतीय क्षेत्रों में 100 करोड़ रुपए का निवेश होना चाहिए.
  8. फिल्म और मीडिया के क्षेत्र में फिल्म सिटी बनाने के लिए न्यूनतम मैदानी क्षेत्रों में 100 करोड़ रुपए और पर्वतीय क्षेत्रों में 50 करोड़ रुपए का निवेश होना चाहिए.
  9. स्पोर्ट्स अकादमी के लिए मैदानी क्षेत्रों में न्यूनतम 25 करोड़ रुपए और पर्वतीय क्षेत्र पर न्यूनतम 15 करोड़ रुपए का निवेश होना चाहिए.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड उद्योग ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गाड़े झंडे, GSDP में हिमाचल और यूपी से ज्यादा हिस्सेदारी

उत्तराखंड सेवा क्षेत्र नीति 2023 को मंजूरी

देहरादूनः औद्योगिक विकास विभाग के तहत उत्तराखंड सेवा क्षेत्र नीति 2023 को धामी मंत्रिमंडल मंजूरी दे दी है. अभी तक कोई भी सेवा क्षेत्र पॉलिसी नहीं थी. ऐसे में अब तमाम क्षेत्र में निवेश करने पर निवेशकों को सब्सिडी का बेहतर लाभ दिया जा सकेगा. उत्तराखंड सेवा क्षेत्र नीति 2023 में सरकार ने स्वास्थ्य देखभाल, वेलनेस और पारंपरिक चिकित्सा, शिक्षा, फिल्म और मीडिया, खेल, आईटीईएस, डाटा सेंटर, कौशल विकास को शामिल किया है.

Industries Secretary R Meenakshi Sundaram
उद्योग सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम

सरकार का मानना है कि इस नीति को मंजूरी मिलने के बाद अब उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा. पर्यटन को छोड़कर इस नीति के तहत सेवा अर्थव्यवस्था साल 2030 तक करीब 27 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने की संभावना है. साथ ही राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में कम से कम 40 फीसदी का योगदान होगा. फिलहाल, सरकार ने लक्ष्य रखा है कि साल 2030 से पहले उत्तराखंड के सेवा क्षेत्रों में करीब 60,000 करोड़ रुपए के निवेश को आकर्षित करेंगे. इसी क्रम में साल 2027 से पहले करीब 45,000 करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
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इतना ही नहीं सेवा क्षेत्र नीति 2023 के आने के बाद प्रदेश के करीब 20 लाख लोगों को न सिर्फ रोजगार मिलेगा, बल्कि सेवा क्षेत्र में करीब 10 लाख श्रमिकों का कौशल विकास भी होगा. इसके अलावा इस नीति में सेवा क्षेत्र में निवेश करने वाले निवेशकों को भूमि और पूंजीगत सब्सिडी का भी प्रावधान किया गया है. जिससे निवेशकों को काफी फायदा मिलेगा. उत्तराखंड उद्योग सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि निवेशकों को भूमि और पूंजीगत सब्सिडी में से एक सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा.

सेवा क्षेत्र में निवेश के लिए मिनिमम क्राइटेरिया-

  1. स्वास्थ्य के क्षेत्र में इस नीति का लाभ उठाने के लिए न्यूनतम मैदानी क्षेत्रों में 200 करोड़ और पर्वतीय क्षेत्रों में न्यूनतम 25 करोड़ रुपए का निवेश होना चाहिए.
  2. हॉस्पिटैलिटी, होटल और माइंस के लिए न्यूनतम मैदानी क्षेत्रों में 200 करोड़ और पर्वतीय क्षेत्रों में 100 करोड़ रुपए का निवेश होना चाहिए.
  3. वैलनेस रिजॉर्ट्स के लिए मैदानी क्षेत्रों में न्यूनतम 100 करोड़ और पर्वतीय क्षेत्रों में न्यूनतम 50 करोड़ रुपए का निवेश होना चाहिए.
  4. आयुर्वेद और योग सेंटर के लिए मैदानी क्षेत्रों में न्यूनतम 50 करोड़ और पर्वतीय क्षेत्रों में 25 करोड़ रुपए का निवेश होना चाहिए.
  5. स्कूल के लिए मैदानी क्षेत्रों में न्यूनतम 50 करोड़ और पर्वतीय क्षेत्रों में 25 करोड़ रुपए का निवेश होना चाहिए.
  6. कॉलेज के लिए मैदानी क्षेत्रों में न्यूनतम 100 करोड़ और पर्वतीय क्षेत्रों में 50 करोड़ रुपए का निवेश होना चाहिए.
  7. यूनिवर्सिटी के लिए मैदानी क्षेत्रों में न्यूनतम 200 करोड़ और पर्वतीय क्षेत्रों में 100 करोड़ रुपए का निवेश होना चाहिए.
  8. फिल्म और मीडिया के क्षेत्र में फिल्म सिटी बनाने के लिए न्यूनतम मैदानी क्षेत्रों में 100 करोड़ रुपए और पर्वतीय क्षेत्रों में 50 करोड़ रुपए का निवेश होना चाहिए.
  9. स्पोर्ट्स अकादमी के लिए मैदानी क्षेत्रों में न्यूनतम 25 करोड़ रुपए और पर्वतीय क्षेत्र पर न्यूनतम 15 करोड़ रुपए का निवेश होना चाहिए.

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Last Updated : Sep 12, 2023, 9:07 PM IST
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