देहरादून: बाजपुर मामले में डीजीपी अशोक कुमार ने सख्त रूख अपनाते हुए बाजपुर कोतवाली के नाइट अधिकारी को निलंबित करने के आदेश दिए हैं. साथ ही रुद्रपुर की सोशल मीडिया सेल को भी निलंबित कर दिया है. इसके अलावा उन्होंने जिलों के पुलिस प्रभारियों का सख्त लहजे में कहा है कि वर्दी की आड़ में गुंडागर्दी वाले नहीं बख्शे जाएंगे. अपराधियों की तरह हरकत करने वालों को वर्दी पहनने का अधिकार नहीं है.
बाजपुर की घटना पर डीजीपी ने अफसोस जताते हुए दु:ख व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी ने जिस तरह की हरकत बाजपुर में की है, उसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अफसोस की बात यह है कि बाजपुर में इतनी बड़ी घटना के बाद भी कोतवाली के नाइट अधिकारी और सोशल मीडिया सेल को इसकी भनक तक नहीं लगी. इसीलिए दोनों को निलंबित कर दिया गया है. दोषियों के खिलाफ धारा 302 में मुकदमा दर्ज किया गया है.
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क्या है मामला
पान की दुकान चलाने वाले एक शख्स के साथ बाजपुर कोतवाली में तैनात सिपाही और उसके दो साथियों के साथ विवाद हो गया था. इस दौरान पान की दुकान चलाने वाला शख्स उनके वाहन की चपेट में आ गया, जिससे उसकी मौत हो गयी. मामले में देर रात हंगामा होता देख एसएसपी के निर्देश पर आरोपियों के खिलाफ हत्या और मारपीट का मुकदमा दर्ज करते हुए तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है. साथ ही मामले की जांच काशीपुर इंस्पेक्टर को सौंपी गई है.
एसएसपी के निर्देश पर मृतक के भाई की तहरीर पर सिपाही प्रवीण कोतवाली बाजपुर, गौरव राठौर निवासी बाजपुर और जीवन निवासी नैनीताल के खिलाफ 302, 504, 506 आईपीसी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.