देहरादून: उत्तराखंड में प्रवासियों के आने से जिस तरह कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ी है, उसने प्रदेश में पुलिस की चुनौती को दोगुना कर दिया है. पुलिस के सामने सबसे बड़ी और पहली चुनौती तो यही है कि अपने आप को सुरक्षित रखते हुए प्रवासियों को सही सलामत उनके घर तक पहुंचाया जाए. इसके बाद होम क्वारंटाइन किए गए प्रवासियों पर नजर रखना, ताकि संक्रमण न फैले. इन हालात से निपटने के लिए गुरुवार को डीजीपी अनिल रतूड़ी ने सभी जिलों के पुलिस प्रभारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक की और उन्हें कुछ जरूरी-दिशा निर्देश भी दिए.
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कोरोना को मात देने के लिए लड़ी जा रही इस जंग में पुलिस की भूमिका काफी अहम है. हर मोर्चे पर पुलिस खड़ी नजर आ रही है ताकि इस संक्रमण को फैलने के रोका जा सके. समीक्षा बैठक में डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने लॉकडाउन- 4.0 के नियमों व निर्देशों का अनुपालन विनम्रता और दृढ़ता के साथ कराने पर जोर दिया. इसके साथ ही सभी जिला प्रभारियों, सेनानायकों व परिक्षेत्र प्रभारियों को उनके दायित्वों और जरूरतों के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए.
पुलिस मुख्यालय की तरफ से दिए गए दिशा-निर्देश
- अगर कोई व्यक्ति होम क्वारंटाइन के नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.
- नियमों के उल्लंघन के विषय में डायल 112 के माध्यम से प्राप्त शिकायतों पर भी तत्काल कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं.
- सार्वजनिक स्थानों पर मास्क न पहनने वालों, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने वालों पर भी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है.
- कोरोना वायरस से बचाव व रोकथाम के सम्बन्ध में अपने अधीनस्थ समस्त पुलिसकर्मियों को समय-समय पर प्रशिक्षित करने और संक्रमण से बचाव के लिए उन्हें Double Protection देने के आदेश
- कोरोना ड्यूटी में नियुक्त एक पुलिसकर्मी और उल्लेखनीय कार्य करने के लिए जनता के एक व्यक्ति को कोरोना वॉरियर्स के रूप में प्रतिदिन सम्मानित किये जाने का आदेश.
- डायल 112 से प्राप्त घरेलू हिंसा से सम्बन्धित शिकायतों का तत्काल संज्ञान लेते हुए आरोपित लोगों पर कार्रवाई के निर्देश.
पुलिस की कोशिश है कि स्वास्थ्य विभाग के साथ सामंजस्य बैठाकर कोरोना को फैलने से रोका जाए. इसी के साथ इस बात का भी ध्यान रखा जाए की कोई भी व्यक्ति पैदल अपने घर न जाए. उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने उत्तराखंड गृह विभाग को इस बात की भी रिपोर्ट गुरुवार को प्रस्तुत करने की बात कही कि राज्य में अभी कोई भी श्रमिक, मजदूर या अन्य लोग पैदल मार्ग से अपने घर वापस नहीं जा रहे हैं.