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जागड़ा पर्व पर महासू देवता मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब, श्रद्धालुओं ने देवडोली के दर्शन

महासू देवता मंदिर में थेना देव दर्शन करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं. जहां पर देव डोली को कंधा लगाने के लिए लोगों में होड़ मची रहती है. मंदिर से डोली बाहर निकालने के बाद डोली को देवपानी में स्नान कराया जाता है.

महासू देवता मंदिर में थेना देव दर्शन के लिए दूर-दूर से पहुंचे श्रद्धालु.
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Published : Sep 2, 2019, 6:53 PM IST

विकास नगर: महासू देवता के मंदिर में जागड़ा पर्व के अवसर पर श्रद्धालुओं का तांता लग रहा. इस मौके पर देव डोली को मंदिर से बाहर निकाल कर और देवपानी के पास स्नान कराया गया. जिसके बाद सभी श्रद्धालुओं ने महासू देवता की देव डोली के दर्शन कर सुख-समृद्धि की कामना की.

महासू देवता मंदिर में थेना देव दर्शन के लिए दूर-दूर से पहुंचे श्रद्धालु.

गौरतलब है कि महासू देवता मंदिर में थेना देव दर्शन करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं. जहां पर देव डोली को कंधा लगाने के लिए लोगों में होड़ मची रहती है. मंदिर से डोली बाहर निकालने के बाद डोली को देवपानी में स्नान कराया जाता है. जिसके बाद श्रद्धालु महासू देवता की डोली को ढोल दमाऊ के थाप पर मंदिर में पुन: स्थापित करते हैं और धूप, दीप, नवेद से महासू देवता की पूजा अर्चना की जाती है. इस दौरान देव डोली पर श्रद्धालु पुष्प वर्षा कर सुख समृद्धि की कामना करते हैं.

यह भी पढ़ें-अफवाह फैलाने वालों पर पुलिस की पैनी नजर, बैठक कर लोगों से की सहयोग की अपील

वहीं, मंदिर समिति के अध्यक्ष सीताराम चौहान ने बताया की महासू देवता का जागरण परंपरा से मनाया जाता है. हनोल महासू देवता वह थेना महासू देवता के मंदिर मूल स्थान हैं वहीं, महासू देवता के भंडारी भोपाल सिंह ने बताया कि हर साल भादो में पर्व मनाया जाता है. महासू देवता जौनसार बाबर के इष्ट देवता है. जागड़ा पर्व पर महासू देवता की पालकी मंदिर से बाहर निकाली जाती है और लोगों को देव दर्शन कर उनसे सुख समृद्धि की कामना करते हैं.

विकास नगर: महासू देवता के मंदिर में जागड़ा पर्व के अवसर पर श्रद्धालुओं का तांता लग रहा. इस मौके पर देव डोली को मंदिर से बाहर निकाल कर और देवपानी के पास स्नान कराया गया. जिसके बाद सभी श्रद्धालुओं ने महासू देवता की देव डोली के दर्शन कर सुख-समृद्धि की कामना की.

महासू देवता मंदिर में थेना देव दर्शन के लिए दूर-दूर से पहुंचे श्रद्धालु.

गौरतलब है कि महासू देवता मंदिर में थेना देव दर्शन करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं. जहां पर देव डोली को कंधा लगाने के लिए लोगों में होड़ मची रहती है. मंदिर से डोली बाहर निकालने के बाद डोली को देवपानी में स्नान कराया जाता है. जिसके बाद श्रद्धालु महासू देवता की डोली को ढोल दमाऊ के थाप पर मंदिर में पुन: स्थापित करते हैं और धूप, दीप, नवेद से महासू देवता की पूजा अर्चना की जाती है. इस दौरान देव डोली पर श्रद्धालु पुष्प वर्षा कर सुख समृद्धि की कामना करते हैं.

यह भी पढ़ें-अफवाह फैलाने वालों पर पुलिस की पैनी नजर, बैठक कर लोगों से की सहयोग की अपील

वहीं, मंदिर समिति के अध्यक्ष सीताराम चौहान ने बताया की महासू देवता का जागरण परंपरा से मनाया जाता है. हनोल महासू देवता वह थेना महासू देवता के मंदिर मूल स्थान हैं वहीं, महासू देवता के भंडारी भोपाल सिंह ने बताया कि हर साल भादो में पर्व मनाया जाता है. महासू देवता जौनसार बाबर के इष्ट देवता है. जागड़ा पर्व पर महासू देवता की पालकी मंदिर से बाहर निकाली जाती है और लोगों को देव दर्शन कर उनसे सुख समृद्धि की कामना करते हैं.

Intro:सोमवार को जागड़ा पर्व पर जौनसार बावर के मंदिरों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा . विधिपूर्वक देव डोली मंदिर से बाहर निकाली गई देव पालकी देउपानी के पास स्नान कराया गया उसके बाद लोगों ने महासू देवता की देव डोली दर्शन कर सुख समृद्धि की कामना की


Body:जौनसार बावर में अपने इष्टदेव महासू देवता की के जागड़ा पर्व पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा महासू देवता मंदिर थेना में देव दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग मंदिर पहुंचे जहां पर देव डोली को कंधा लगाने के लिए लोगों में होड़ मच गई मंदिर से डोली बाहर निकालने के बाद देव पानी में देव डोली को स्नान कराया गया उसके बाद ग्रामीण महिलाओं ने महासू देवता की डोली को ढोल दमाऊ के थापर धूप दीप नवेद चढ़ाए गए देव डोली पर श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर नमन किया और माथा टेक कर सुख समृद्धि की कामना की


Conclusion:वही मंदिर समिति के अध्यक्ष सीताराम चौहान ने बताया की महासू देवता का जागरण परंपरा से मनाया जाता है कहा कि हनोल महासू देवता वह थेना महासू देवता के मंदिर मूल स्थान हैं वही महासू देवता के भंडारी भोपाल सिंह ने बताया कि वर्ष में भादो महीने में यह झगड़ा एक बार मनाया जाता है महासू देवता जौनसार बाबर के इष्ट देवता है देवता की पालकी मंदिर से बाहर निकाली गई और लोगों ने देव दर्शन कर सुख समृद्धि की कामना की बाइट_ सीताराम चौहान _मंदिर समिति अध्यक्ष बाइट _भोपाल सिंह _मंदिर समिति भंडारी
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