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उत्तराखंड के इस गांव में शहद से लेकर मिलेगा अचार, पहाड़ी चटपटे नमक की वाह क्या बात!

जौनसार बावर निवासी गोपाल ने स्थानीय उत्पादकों को रोजगार का जरिया बनाया है. इसके साथ ही उन्होंने स्थानीय लोगों को भी इससे जोड़ा है. उनके द्वारा बनाए गए उत्पादों की बाजार में खासी डिमांड है.

Vikasnagar Hindi News
विकासनगर लेटेस्ट न्यूज
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Published : Aug 13, 2020, 3:31 PM IST

Updated : Aug 13, 2020, 8:57 PM IST

विकासनगर: 'वोकल फॉर लोकल' मंत्र को अपनाते हुये जौनसार बावर निवासी गोपाल ने स्थानीय उत्पादकों से तैयार अचार, बुरांश का जूस, सिलबट्टे से तैयार नमक और अन्य जैविक उत्पादों को अपने रोजगार का जरिया बनाया है. साथ ही 20 अन्य परिवारों को भी रोजगार मुहैया करवाया है. इन पहाड़ी प्रोडक्ट्स की बाजार में भी अच्छी खासी डिमांड बढ़ रही है.

जौनसार बावर के कालसी ब्लॉक में पड़ने वाले उदपाल्टा गांव निवासी गोपाल ने बचपन काफी गरीबी में व्यतीत किया. बड़े हुए तो इलेक्ट्रॉनिक से आईटीआई करने के बाद गांव-गांव जाकर लोगों के टीवी-डिश एंटीना लगाया करते थे. ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण उन्हें काफी दूर-दूर तक सफर करना पड़ता था.

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पहाड़ी उत्पाद तैयार करती महिलाएं.

उनके पिता की कृषि भूमि चकराता रोड के तुनधार के पास है. वहां स्थानीय उत्पादन कर सड़क किनारे बेचा करते थे साथ ही गोपाल अपने पिता के साथ ही एक टी स्टॉल खोलकर अपने परिवार का भरण पोषण में लगे रहते थे.

गोपाल ने स्थानीय उत्पादकों को बनाया रोजगार का जरिया.

इसी बीच, कुछ कर गुजरने की इच्छा जागृत होने पर गोपाल ने उद्यान विभाग, जैविक व हैस्को से तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त कर परिवार के सहयोग से शहद उत्पादन, बुरांश का जूस, जैविक उत्पादों से तैयार स्थानीय दालें, अचार आदि का बिजनेस शुरू किया. धीरे-धीरे उनके स्थानीय उत्पादों की डिमांड बढ़ने से गोपाल की आर्थिक स्थिति में सुधार आया. अब गोपाल अपने साथ-साथ 20 अन्य परिवारों को भी रोजगार उपलब्ध करवा रहे हैं.

gopal vikasnagar
जैनिक खाद से खेती करते हैं गोपाल.
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पहाड़ी फ्लेवर के प्रोडक्ट्स.

पढ़ें- PM मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' नारे को बुलंद कर रहा ये ग्रुप, कबाड़ से तैयार किए डेकोरेटिव आइटम्स

वर्तमान में गोपाल ने महिला सहायता समूह का भी गठन किया है. ये महिलाएं इन दिनों मसाले वाला नमक तैयार कर रही हैं. स्थानीय जड़ी बूटियों से सेंधा नमक, टिमरू और अजवाइन तैयार किया जाता है. यह पौष्टिक नमक लोगों को काफी भा रहा है. इसकी डिमांड स्थानीय स्तर के साथ-साथ दिल्ली, हरियाणा, पंजाब में भी बढ़ी है.

vikasnagar.
ऐसे बनता है चटपटा नमक.

खास जड़ी बूटियों के साथ तैयार किया हुआ मसालेदार चटपटा नमक पौष्टिकता के साथ ही शुद्धता से एक किलो के पैक में तैयार किया जा रहा है. ये नमक ₹200 प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है. स्थानीय पहाड़ी उत्पादों को आगे बढ़ाने के साथ-साथ गोपाल ग्रामीण महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बना रहे हैं. गोपाल जैविक खाद भी तैयार करते हैं, जिसकी डिमांड काफी राज्यों में है.

vikasnagar.
पहाड़ी उत्पाद तैयार करते स्थानीय लोग.

गोपाल बताते हैं कि काफी समय से वो लगातार प्रयास कर रहे थे. आज उनके उत्पादों की बाजार में अच्छी डिमांड है. अब वो इस कार्य को बड़े स्तर पर करना चाहते हैं ताकि एक स्थान पर ही कई बेरोजगारों को रोजगार दिया जा सके और आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया जा सके.

विकासनगर: 'वोकल फॉर लोकल' मंत्र को अपनाते हुये जौनसार बावर निवासी गोपाल ने स्थानीय उत्पादकों से तैयार अचार, बुरांश का जूस, सिलबट्टे से तैयार नमक और अन्य जैविक उत्पादों को अपने रोजगार का जरिया बनाया है. साथ ही 20 अन्य परिवारों को भी रोजगार मुहैया करवाया है. इन पहाड़ी प्रोडक्ट्स की बाजार में भी अच्छी खासी डिमांड बढ़ रही है.

जौनसार बावर के कालसी ब्लॉक में पड़ने वाले उदपाल्टा गांव निवासी गोपाल ने बचपन काफी गरीबी में व्यतीत किया. बड़े हुए तो इलेक्ट्रॉनिक से आईटीआई करने के बाद गांव-गांव जाकर लोगों के टीवी-डिश एंटीना लगाया करते थे. ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण उन्हें काफी दूर-दूर तक सफर करना पड़ता था.

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पहाड़ी उत्पाद तैयार करती महिलाएं.

उनके पिता की कृषि भूमि चकराता रोड के तुनधार के पास है. वहां स्थानीय उत्पादन कर सड़क किनारे बेचा करते थे साथ ही गोपाल अपने पिता के साथ ही एक टी स्टॉल खोलकर अपने परिवार का भरण पोषण में लगे रहते थे.

गोपाल ने स्थानीय उत्पादकों को बनाया रोजगार का जरिया.

इसी बीच, कुछ कर गुजरने की इच्छा जागृत होने पर गोपाल ने उद्यान विभाग, जैविक व हैस्को से तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त कर परिवार के सहयोग से शहद उत्पादन, बुरांश का जूस, जैविक उत्पादों से तैयार स्थानीय दालें, अचार आदि का बिजनेस शुरू किया. धीरे-धीरे उनके स्थानीय उत्पादों की डिमांड बढ़ने से गोपाल की आर्थिक स्थिति में सुधार आया. अब गोपाल अपने साथ-साथ 20 अन्य परिवारों को भी रोजगार उपलब्ध करवा रहे हैं.

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जैनिक खाद से खेती करते हैं गोपाल.
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पहाड़ी फ्लेवर के प्रोडक्ट्स.

पढ़ें- PM मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' नारे को बुलंद कर रहा ये ग्रुप, कबाड़ से तैयार किए डेकोरेटिव आइटम्स

वर्तमान में गोपाल ने महिला सहायता समूह का भी गठन किया है. ये महिलाएं इन दिनों मसाले वाला नमक तैयार कर रही हैं. स्थानीय जड़ी बूटियों से सेंधा नमक, टिमरू और अजवाइन तैयार किया जाता है. यह पौष्टिक नमक लोगों को काफी भा रहा है. इसकी डिमांड स्थानीय स्तर के साथ-साथ दिल्ली, हरियाणा, पंजाब में भी बढ़ी है.

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ऐसे बनता है चटपटा नमक.

खास जड़ी बूटियों के साथ तैयार किया हुआ मसालेदार चटपटा नमक पौष्टिकता के साथ ही शुद्धता से एक किलो के पैक में तैयार किया जा रहा है. ये नमक ₹200 प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है. स्थानीय पहाड़ी उत्पादों को आगे बढ़ाने के साथ-साथ गोपाल ग्रामीण महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बना रहे हैं. गोपाल जैविक खाद भी तैयार करते हैं, जिसकी डिमांड काफी राज्यों में है.

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पहाड़ी उत्पाद तैयार करते स्थानीय लोग.

गोपाल बताते हैं कि काफी समय से वो लगातार प्रयास कर रहे थे. आज उनके उत्पादों की बाजार में अच्छी डिमांड है. अब वो इस कार्य को बड़े स्तर पर करना चाहते हैं ताकि एक स्थान पर ही कई बेरोजगारों को रोजगार दिया जा सके और आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया जा सके.

Last Updated : Aug 13, 2020, 8:57 PM IST
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