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उत्तराखंड में भू-कानून की मांग तेज, आंदोलनकारियों ने बैठक कर सरकार को चेताया - Movement for Land Law

उत्तराखंड में भू-कानून की मांग जोर पकड़ने लगी है. धामी सरकार पर दबाव बनाने के लिए आंदोनकारी ने 30 अक्टूबर को गांधी मैदान में धरना प्रदर्शन करेंगे. इसके साथ ही आंदोलनकारियों ने भू-कानून पर सरकार से अध्यादेश लाने की मांग की है.

Uttarakhand Land Law
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Published : Oct 10, 2021, 4:59 PM IST

देहरादून: आगामी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले भू-कानून उत्तराखंड में एक बड़ा मुद्दा बन सकता है, जिसकी मांग को लेकर लगातार सामाजिक संगठन बैठकें आयोजित कर रहे हैं. राजधानी के शहीद स्मारक स्तिथ सभागार में भू-कानून की मांग को लेकर बैठक का अयोजन किया गया. जिसमें सरकार से आगामी संभावित विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में भू-कानून बिल लाने की मांग की गई है.

इस मौके पर आंदोलकारियों ने कहा कि अगर सरकार जल्द ही इसे लागू नहीं करेगी तो जल्द ही प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू किया जायेगा. सरकार को चेताने के लिए 30 अक्टूबर को गांधी पार्क पर बड़ा आंदोलन किया जायेगा.

उत्तराखंड में भू-कानून की मांग तेज.

बता दें, प्रदेश में सख्त भू-कानून आंदोलन की मांग जोर पकड़ रही है. इसके लिए राज्य आंदोलनकारियों के अलावा विभिन्न संगठनों की ओर से उत्तराखंड सख्त कानून आंदोलन कमेटी गठित की गई. यह कमेटी प्रदेश भर में पहाड़ से पहाड़ तक यात्रा निकालकर लोगों को भू-कानून के प्रति जागरूक करेगी. आंदोलनकारियों का कहना है कि उनको मोर्चा शीघ्र ही सरकार द्वारा गठित भू-कानून समिति को सुझावों के साथ मांग पत्र प्रेषित करेगा.

पढे़ं- लक्सर के सुल्तानपुर को विकास की सौगात, CM ने योजनाओं का किया शिलान्यास

इस दौरान आंदोलनकारी प्रदीप कुकरेती ने कहा कि जिस तरीके से साल 2018 में अध्यादेश जारी किया गया. उसके बाद भी हमारी जमीनें लुटती चली जा रही है. प्रदीप कुकरेती ने कहा कि उन्होंने कहा कि भू-कानून संघर्ष समिति का गठन किया गया है, जिसके तहत सभी संस्थाएं और संगठन काम करेंगे. उनकी ये संघर्ष समिति आने वाले समय में भू-कानून के लिए सरकार दबाव डालने का प्रयास करेगी.

देहरादून: आगामी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले भू-कानून उत्तराखंड में एक बड़ा मुद्दा बन सकता है, जिसकी मांग को लेकर लगातार सामाजिक संगठन बैठकें आयोजित कर रहे हैं. राजधानी के शहीद स्मारक स्तिथ सभागार में भू-कानून की मांग को लेकर बैठक का अयोजन किया गया. जिसमें सरकार से आगामी संभावित विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में भू-कानून बिल लाने की मांग की गई है.

इस मौके पर आंदोलकारियों ने कहा कि अगर सरकार जल्द ही इसे लागू नहीं करेगी तो जल्द ही प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू किया जायेगा. सरकार को चेताने के लिए 30 अक्टूबर को गांधी पार्क पर बड़ा आंदोलन किया जायेगा.

उत्तराखंड में भू-कानून की मांग तेज.

बता दें, प्रदेश में सख्त भू-कानून आंदोलन की मांग जोर पकड़ रही है. इसके लिए राज्य आंदोलनकारियों के अलावा विभिन्न संगठनों की ओर से उत्तराखंड सख्त कानून आंदोलन कमेटी गठित की गई. यह कमेटी प्रदेश भर में पहाड़ से पहाड़ तक यात्रा निकालकर लोगों को भू-कानून के प्रति जागरूक करेगी. आंदोलनकारियों का कहना है कि उनको मोर्चा शीघ्र ही सरकार द्वारा गठित भू-कानून समिति को सुझावों के साथ मांग पत्र प्रेषित करेगा.

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इस दौरान आंदोलनकारी प्रदीप कुकरेती ने कहा कि जिस तरीके से साल 2018 में अध्यादेश जारी किया गया. उसके बाद भी हमारी जमीनें लुटती चली जा रही है. प्रदीप कुकरेती ने कहा कि उन्होंने कहा कि भू-कानून संघर्ष समिति का गठन किया गया है, जिसके तहत सभी संस्थाएं और संगठन काम करेंगे. उनकी ये संघर्ष समिति आने वाले समय में भू-कानून के लिए सरकार दबाव डालने का प्रयास करेगी.

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