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बाबा रामदेव के खिलाफ DMA की याचिका पर सुनवाई टली

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को बाबा रामदेव की ओर से कोरोनिल दवाई को लेकर कथित झूठे दावे पर रोक लगाने की मांग करने वाली दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई 30 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी है. बीते 3 जून को हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव को नोटिस जारी किया था.

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DMA की याचिका पर सुनवाई टली
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Published : Jul 26, 2021, 4:48 PM IST

नई दिल्ली/देहरादून: दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव की ओर से कोरोनिल दवाई को लेकर कथित झूठे दावे पर रोक लगाने की मांग करने वाली दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई टाल दी है. याचिका पर सुनवाई करने वाले जस्टिस सी हरिशंकर सोमवार को सुनवाई के लिए उपलब्ध नहीं थे, जिसकी वजह से सुनवाई टाली गई. अब इस मामले पर अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी.

बीते 3 जून को हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव को नोटिस जारी किया था. कोर्ट ने ट्विटर समेत कई सोशल मीडिया संगठनों को भी नोटिस जारी किया था. सुनवाई के दौरान दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन की ओर से वकील राजीव दत्ता ने कहा था कि बाबा रामदेव ने सार्वजनिक रूप से डॉक्टरों के अलावा विज्ञान को चुनौती दी है. तब कोर्ट ने कहा था कि आप लोग कोरोना का इलाज ढूंढ़ने की जगह कोर्ट में समय बर्बाद कर रहे हैं.

पढ़ें: DMA की अर्जी पर रामदेव को दिल्ली HC का नोटिस, कोरोनिल के झूठे प्रचार का था आरोप

वकील राजीव दत्ता ने कहा था कि ये डॉक्टरों के अधिकार का मामला है. उनके बयान से लोगों का नुकसान हो रहा है. वे मेडिकल साइंस को चुनौती दे रहे हैं. तब कोर्ट ने पूछा था कि क्या आपने वीडियो क्लिप दिया है. इसपर राजीव दत्ता ने कहा था कि हमने वेबसाइट का लिंक दिया है. इसपर कोर्ट ने कहा था कि वेबलिंक डाउनलोड किए जा सकते हैं. मैं ये कैसे जान सकता हूं कि वे सही हैं या गलत. केवल ट्रांसक्रिप्ट देने से नहीं होगा आप वीडियो क्लिप दीजिए.

राजीव दत्ता ने कहा था कि बाबा रामदेव ने कोरोनिल दवा को कोरोना की दवा के रूप में प्रचारित किया. बाबा ने कहा कि कोरोनिल का मृत्यु-दर शून्य फीसदी है. इसपर कोर्ट ने कहा कि वेबलिंक के साथ दिक्कत है कि इसे कभी भी हटाया जा सकता है. वे अस्थायी हैं. आप वीडियो क्लिप दाखिल कीजिए. तब दत्ता ने कहा कि हम वीडियो क्लिप दाखिल करेंगे.

राजीव दत्ता ने कहा था कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी बाबा रामदेव के विज्ञापन पर रोक लगाने के लिए कहा था. इसपर कोर्ट ने पूछा था कि इससे आपदा प्रबंधन अधिनियम कैसे प्रभावित होता है. बाबा ने जो गलत बोला है उसे बताइए. तब कोर्ट मानेगी कि उससे लोगों का नुकसान हुआ है. इसपर राजीव दत्ता ने कहा था कि कई बयानों को कोर्ट के सामने रखा है. तब कोर्ट ने पूछा कि किस प्लेटफॉर्म पर बयान है, ट्विटर पर या प्रेस में. तब दत्ता ने कहा कि पूरी मीडिया में.

बता दें कि पिछले कुछ दिनों से बाबा रामदेव और एलोपैथिक डॉक्टरों की संस्था आईएमए के बीच विवाद चल रहा है. बाबा रामदेव ने एलोपैथी को लेकर विवादास्पद बयान दिया था. जिसके बाद आईएमए ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर बाबा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भी बाबा रामदेव को अपना बयान वापस लेने को कहा था. आईएमए ने बाबा रामदेव के खिलाफ लीगल नोटिस भी भेजा था. पिछले 1 जून को देश भर के एलोपैथी डॉक्टरों ने बाबा रामदेव के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर काली पट्टी बांधकर काम किया था.

नई दिल्ली/देहरादून: दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव की ओर से कोरोनिल दवाई को लेकर कथित झूठे दावे पर रोक लगाने की मांग करने वाली दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई टाल दी है. याचिका पर सुनवाई करने वाले जस्टिस सी हरिशंकर सोमवार को सुनवाई के लिए उपलब्ध नहीं थे, जिसकी वजह से सुनवाई टाली गई. अब इस मामले पर अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी.

बीते 3 जून को हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव को नोटिस जारी किया था. कोर्ट ने ट्विटर समेत कई सोशल मीडिया संगठनों को भी नोटिस जारी किया था. सुनवाई के दौरान दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन की ओर से वकील राजीव दत्ता ने कहा था कि बाबा रामदेव ने सार्वजनिक रूप से डॉक्टरों के अलावा विज्ञान को चुनौती दी है. तब कोर्ट ने कहा था कि आप लोग कोरोना का इलाज ढूंढ़ने की जगह कोर्ट में समय बर्बाद कर रहे हैं.

पढ़ें: DMA की अर्जी पर रामदेव को दिल्ली HC का नोटिस, कोरोनिल के झूठे प्रचार का था आरोप

वकील राजीव दत्ता ने कहा था कि ये डॉक्टरों के अधिकार का मामला है. उनके बयान से लोगों का नुकसान हो रहा है. वे मेडिकल साइंस को चुनौती दे रहे हैं. तब कोर्ट ने पूछा था कि क्या आपने वीडियो क्लिप दिया है. इसपर राजीव दत्ता ने कहा था कि हमने वेबसाइट का लिंक दिया है. इसपर कोर्ट ने कहा था कि वेबलिंक डाउनलोड किए जा सकते हैं. मैं ये कैसे जान सकता हूं कि वे सही हैं या गलत. केवल ट्रांसक्रिप्ट देने से नहीं होगा आप वीडियो क्लिप दीजिए.

राजीव दत्ता ने कहा था कि बाबा रामदेव ने कोरोनिल दवा को कोरोना की दवा के रूप में प्रचारित किया. बाबा ने कहा कि कोरोनिल का मृत्यु-दर शून्य फीसदी है. इसपर कोर्ट ने कहा कि वेबलिंक के साथ दिक्कत है कि इसे कभी भी हटाया जा सकता है. वे अस्थायी हैं. आप वीडियो क्लिप दाखिल कीजिए. तब दत्ता ने कहा कि हम वीडियो क्लिप दाखिल करेंगे.

राजीव दत्ता ने कहा था कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी बाबा रामदेव के विज्ञापन पर रोक लगाने के लिए कहा था. इसपर कोर्ट ने पूछा था कि इससे आपदा प्रबंधन अधिनियम कैसे प्रभावित होता है. बाबा ने जो गलत बोला है उसे बताइए. तब कोर्ट मानेगी कि उससे लोगों का नुकसान हुआ है. इसपर राजीव दत्ता ने कहा था कि कई बयानों को कोर्ट के सामने रखा है. तब कोर्ट ने पूछा कि किस प्लेटफॉर्म पर बयान है, ट्विटर पर या प्रेस में. तब दत्ता ने कहा कि पूरी मीडिया में.

बता दें कि पिछले कुछ दिनों से बाबा रामदेव और एलोपैथिक डॉक्टरों की संस्था आईएमए के बीच विवाद चल रहा है. बाबा रामदेव ने एलोपैथी को लेकर विवादास्पद बयान दिया था. जिसके बाद आईएमए ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर बाबा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भी बाबा रामदेव को अपना बयान वापस लेने को कहा था. आईएमए ने बाबा रामदेव के खिलाफ लीगल नोटिस भी भेजा था. पिछले 1 जून को देश भर के एलोपैथी डॉक्टरों ने बाबा रामदेव के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर काली पट्टी बांधकर काम किया था.

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