डोईवाला: देहरादून जिले के डोईवाला में बीते दिनों 17 बंदरों के शव मिलने के मामले में पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया है, लेकिन अभीतक पुलिस की जांच आगे नहीं बढ़ पाई है. 17 बंदरों की मौत पुलिस के लिए एक पहेली बनी हुई है. पुलिस को आशंका है कि कहीं बंदरों को जहर देकर तो नहीं मारा गया. हालांकि, जब तक बंदरों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं आ जाती, इस बारे में भी स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है.
इस मामले पर देहरादून एसएसपी अजय सिंह का भी बयान है. उन्होंने कहा कि गुरुवार 28 सितंबर को सूचना मिली थी कि मनी माई मंदिर के पीछे जंगलों में कुछ बंदर मरे हुए पड़े हैं. इसके बाद वन विभाग की टीम के साथ पुलिस भी वहां पहुंची थी. देहरादून एसएसपी अजय सिंह का कहना है कि प्रथम दृष्यता ऐसा लगा था कि बंदरों को कोई जहरीला पदार्थ दिया गया है, जिससे बंदरों की मौत हुई. हालांकि, उस स्थान को देखने के बाद ऐसा नहीं लग रहा है कि वहां बंदरों के साथ ऐसा कुछ किया गया होगा. ऐसा हो सकता है कि कहीं और इस वारदात को अंजाम दिया गया और फिर बंदरों को वहां लाकर फेंक दिया गया.
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देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि इस मामले में वन विभाग की टीम ने जो मुकदमा दर्ज कराया है, उसके आधार पर जांच की जा रही है. एफएसएल (फॉरेंसिंक साइंस लैबोरेट्री) रिपोर्ट के लिए भेज दिया है ताकि पोस्टमॉर्टम के बाद पता चल पाए कि बंदरों की मौत का कारण क्या था. एसएसपी ने कहा कि पुलिस की एक टीम भी घटनास्थल के आसपास लगाई गई है, जो इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने के साथ ही अन्य साक्ष्यों की तलाश कर रही है, ताकी इस केस से जुड़े उन्हें कोई सबूत मिल सके. वन विभाग भी इस बात को कह रहा है कि जो बंदर मरे हैं, वो माता माई मंदिर के जंगल के नहीं लग रहे हैं. इस सभी बिंदुओं की ध्यान में रखकर ही वन विभाग और पुलिस की टीम जांच कर रही है.
क्या है बंदरों की मौत का मामला: दरअसल, बीते रोज स्थानीय लोगों को सूचना मिली थी कि डोईवाला कोतवाली क्षेत्र में माता माई मंदिर के पीछे जंगल में कुछ बंदर मरे हुए पड़े हैं. इतनी बड़ी संख्या में बंदरों की मौत की खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई. हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंचे तो देखा कि वहां पर 17 बंदरों के शव पड़े हुए थे. वहीं कई बंदरों की हालत खराब थी, जिन्हें वन विभाग की टीम इलाज के लिए ले गई थी.
इस मामले में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने वन चौकी का घेराव कर बंदरों को मारने वाले दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. इस मामले में वन विभाग की तरफ से थाने में मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है. पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.