देहरादून: राजधानी देहरादून के रायपुर की रहने वाली नर्स कमला थापा को मरणोपरांत प्रतिष्ठित फ्लोरेंस नाइटिंगेल अवॉर्ड से नवाजा गया है. यह सम्मान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक वर्चुअल समारोह में उनके परिजनों को दिया है. कमला थापा की इसी साल कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद मृत्यु हो गई थी. कमला थापा सेवानिवृत्त होने के बाद भी मानव सेवा के लिए हमेशा तैयार रहती थीं.
स्वर्गीय कमला थापा के बेटे दीपक थापा मर्चेंट नेवी में कैप्टन हैं. उनकी बेटी दीप्ति रौतेला नेहरू कॉलोनी में रहती हैं. दीप्ति रौतेला ने बताया कि कमला थापा ने 27 साल तक दून अस्पताल में कार्यरत रहते हुए अधिकतर बर्न और टीबी वार्ड में कार्य किया था. उसके बाद दस साल मेला अस्पताल हरिद्वार में कार्य किया. 37 साल की सेवा देने के बाद साल 2011 में बतौर नर्सिंग अधीक्षक सेवानिवृत्त हुईं.
दीप्ति रौतेला ने बताया कि माता जी ने अस्पताल में रहते हुए मरीजों की सेवा तो की ही साथ ही अस्पताल में आने वाले लावारिस और अनाथों की सेवा के लिए हमेशा तैयार रहती थीं. इसके अलावा सेवा के साथ ही आर्थिक रूप से मदद करने में भी कमला थापा पीछे नहीं हटीं. इस साल कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. इस दौरान भी कोरोना के अन्य मरीजों का हौसला बढ़ाती रहीं. काफी दिन तक बीमार रहने के बाद कमला थापा की मृत्यु हो गई.
पढ़ें- कल से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए PWD तैयार नहीं, अधूरी बताई तैयारी
दीप्ति रौतेला का कहना है कि मां बहुत मेहनती व गरीब-बेसहारा लोगों की मदद करने वाली थीं. उन्होंने अपने जीवन में बहुत अच्छे काम किए, जिसका फल उन्हें इस सम्मान के रूप में मिला है.