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कोरोना के बाद अब डेंगू से लड़ाई, ड्रोन से होगा लार्वा पर अटैक - ड्रोन से छिड़काव

देहरादून में नगर निगम रिस्पना और बिंदाल के किनारे बसी बस्तियों में डेंगू के लार्वा पर ड्रोन के जरिए छिड़काव कर रहा है. जिससे डेंगू के मच्छरों को पनपने से रोका जा सके.

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डेंगू
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Published : Jun 18, 2021, 5:43 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में मॉनसून दस्तक दे चुका है. ऐसे में बरसात के दौरान डेंगू फैलने का खतरा बढ़ जाता है. इसके मद्देनजर देहरादून नगर निगम ने पूरी तैयारियां कर ली है. निगम की ओर से शहर के बड़े नालों की सफाई की जा चुकी है. वहीं, डेंगू से निपटने के लिए नगर निगम ने ड्रोन की भी व्यवस्था की है. अब ड्रोन के जरिए रिस्पना और बिंदाल नदी के किनारे की बस्तियों में डेंगू के लार्वा के ऊपर छिड़काव किया जाएगा, जिससे मच्छर न पनप पाए.

दरअसल, बीते लंबे समय से निगम की ओर से वार्डों में डेंगू से निपटने के लिए फॉगिंग करने के साथ ही लार्वा नष्ट करने के लिए स्प्रे का छिड़काव किया जाता रहा है. रिस्पना और बिंदाल के किनारे की बस्तियों में डेंगू का लार्वा पैदा होने की आशंका ज्यादा रहती है. इन बस्तियों में अब नगर निगम ड्रोन के जरिए लार्वा नष्ट करने के लिए छिड़काव कर रहा है. साथ ही ड्रोन से उन इलाकों में दवाइयां छिडकी जाएंगी, जिन इलाकों में निगम की गाड़ियां पहुंच नहीं सकती है.

ये भी पढ़ेंः 'आसमान' से होगा डेंगू के लार्वा पर अटैक, नगर निगम कर रहा ये काम

वहीं, नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे का कहना है कि कोरोना माहमारी के इस सीजन में डेंगू का प्रकोप न हो इसके लिए पर्याप्त तैयारी की गई है. वार्डों में लगातार फॉगिंग की जा रही है. स्प्रे का छिड़काव करने का काम भी किया जा रहा है. रिस्पना और बिंदाल के किनारे कई बस्तियां हैं. इन बस्तियों में देखा गया है कि छतों में टायर पड़े रहते हैं, ईंटों के साथ खुले में बाल्टी में पानी रहता है. ऐसे में यहां लार्वा पैदा होने की संभावना ज्यादा रहती है. इसलिए इन बस्तियों में भी बड़े स्तर पर स्प्रे करने का अभियान शुरू किया गया है. इसके लिए ड्रोन के जरिए छिड़काव किया जा रहा है.

ये भी पढ़ेंः स्वास्थ्य महकमे को कोरोना के बीच सताई डेंगू की चिंता, अभी से कसी कमर

डेंगू फैलने से ऐसे रोकें

  • बरसात के दौरान घरों में पानी जमा न होने दें.
  • कूलर से समय-समय पर पानी निकालते रहें.
  • गमलों में पानी इकट्ठा न होने दें.
  • टायर में पानी जमा न होने दें.
  • साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें.
  • पूरे बाजू वाले कपड़े पहनें.
  • सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें.

डेंगू के लक्षण

बता दें कि डेंगू और मलेरिया दोनों ही मादा मच्छर के काटने से होते हैं. डेंगू एक तरह का वायरस है, जो एडीस नाम के मादा मच्छर के काटने से शरीर में फैलता है. यदि किसी व्यक्ति को डेंगू हो जाए तो उसे तेज बुखार आने के साथ ही उल्टी, शरीर में दर्द और अकड़न की शिकायत होती है. इसके साथ ही डेंगू के शिकार व्यक्ति के खून में मौजूद प्लेटलेट्स भी तेजी से कम होने लगते हैं.

देहरादूनः उत्तराखंड में मॉनसून दस्तक दे चुका है. ऐसे में बरसात के दौरान डेंगू फैलने का खतरा बढ़ जाता है. इसके मद्देनजर देहरादून नगर निगम ने पूरी तैयारियां कर ली है. निगम की ओर से शहर के बड़े नालों की सफाई की जा चुकी है. वहीं, डेंगू से निपटने के लिए नगर निगम ने ड्रोन की भी व्यवस्था की है. अब ड्रोन के जरिए रिस्पना और बिंदाल नदी के किनारे की बस्तियों में डेंगू के लार्वा के ऊपर छिड़काव किया जाएगा, जिससे मच्छर न पनप पाए.

दरअसल, बीते लंबे समय से निगम की ओर से वार्डों में डेंगू से निपटने के लिए फॉगिंग करने के साथ ही लार्वा नष्ट करने के लिए स्प्रे का छिड़काव किया जाता रहा है. रिस्पना और बिंदाल के किनारे की बस्तियों में डेंगू का लार्वा पैदा होने की आशंका ज्यादा रहती है. इन बस्तियों में अब नगर निगम ड्रोन के जरिए लार्वा नष्ट करने के लिए छिड़काव कर रहा है. साथ ही ड्रोन से उन इलाकों में दवाइयां छिडकी जाएंगी, जिन इलाकों में निगम की गाड़ियां पहुंच नहीं सकती है.

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वहीं, नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे का कहना है कि कोरोना माहमारी के इस सीजन में डेंगू का प्रकोप न हो इसके लिए पर्याप्त तैयारी की गई है. वार्डों में लगातार फॉगिंग की जा रही है. स्प्रे का छिड़काव करने का काम भी किया जा रहा है. रिस्पना और बिंदाल के किनारे कई बस्तियां हैं. इन बस्तियों में देखा गया है कि छतों में टायर पड़े रहते हैं, ईंटों के साथ खुले में बाल्टी में पानी रहता है. ऐसे में यहां लार्वा पैदा होने की संभावना ज्यादा रहती है. इसलिए इन बस्तियों में भी बड़े स्तर पर स्प्रे करने का अभियान शुरू किया गया है. इसके लिए ड्रोन के जरिए छिड़काव किया जा रहा है.

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डेंगू फैलने से ऐसे रोकें

  • बरसात के दौरान घरों में पानी जमा न होने दें.
  • कूलर से समय-समय पर पानी निकालते रहें.
  • गमलों में पानी इकट्ठा न होने दें.
  • टायर में पानी जमा न होने दें.
  • साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें.
  • पूरे बाजू वाले कपड़े पहनें.
  • सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें.

डेंगू के लक्षण

बता दें कि डेंगू और मलेरिया दोनों ही मादा मच्छर के काटने से होते हैं. डेंगू एक तरह का वायरस है, जो एडीस नाम के मादा मच्छर के काटने से शरीर में फैलता है. यदि किसी व्यक्ति को डेंगू हो जाए तो उसे तेज बुखार आने के साथ ही उल्टी, शरीर में दर्द और अकड़न की शिकायत होती है. इसके साथ ही डेंगू के शिकार व्यक्ति के खून में मौजूद प्लेटलेट्स भी तेजी से कम होने लगते हैं.

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