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शिक्षा विभाग ने चयन प्रक्रिया में किया बड़ा बदलाव, जरूरतमंद बच्चों को मिल पाएगा RTE का लाभ

शिक्षा विभाग आरटीई के तहत दाखिला लेने वाले बच्चों के चयन प्रक्रिया में बदलाव किया गया है.

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शिक्षा विभाग ने चयन प्रक्रिया में किया बड़ा बदलाव
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Published : Jan 29, 2020, 2:59 PM IST

देहरादून: शिक्षा का अधिकार के तहत प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को दाखिला और स्कूल की मनमानी के कारण शिक्षा विभाग ने बच्चों के चयन प्रक्रिया में बदलाव किया है. इस नियमानुसार, अब शिक्षा विभाग आईटीई के तहत दाखिला लेने वाले बच्चों के जरूरी कागजात, दाखिला फॉर्म भरने और लॉटरी निकालने से पहले ही जांच करेगा. ये प्रक्रिया आगामी 2020-21 सत्र से लागू हो जाएगी.

शिक्षा विभाग ने चयन प्रक्रिया में किया बड़ा बदलाव

राज्य के सभी वर्गों के बच्चों को बेहतर सुविधा मिल सके. इसको लेकर शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्राइवेट स्कूलों में सबसे छोटी कक्षा में कुल सीटों की एक चौथाई सीट, शिक्षा का अधिकार के तहत दाखिला लेने के वालों के लिए आरक्षित होती है. यही नहीं, इन सीटों पर प्रवेश लेने वाले बच्चों का सारा खर्चा राज्य सरकार उठाती है. जिसमे ट्यूशन फीस, किताबें, यूनीफॉर्म सहित अन्य फीस शामिल होती है.

ये भी पढ़ें: अनशन नहीं तोड़ने की जिद पर अड़ी पद्मावती, साध्वी को मनाने पहुंचे डीएम भी लौटे निराश

दरअसल, आरटीई के तहत दाखिला लेने वाले बच्चों को अभी तक दाखिला फॉर्म भरने और फिर लॉटरी निकालने के बाद ही जरूरी कागजातों की जांच की जाती थी. इसमे धांधलीबाजी के चलते तमाम जरूरतमंद बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था. जिसे देखते हुए शिक्षा का अधिकार के तहत बच्चों के चयन प्रक्रिया में बदलाव किया गया है. ऐसे में अब इस प्रक्रिया के माध्यम से जरूरतमंद बच्चे को आरटीई का लाभ मिल पाएगा.

देहरादून: शिक्षा का अधिकार के तहत प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को दाखिला और स्कूल की मनमानी के कारण शिक्षा विभाग ने बच्चों के चयन प्रक्रिया में बदलाव किया है. इस नियमानुसार, अब शिक्षा विभाग आईटीई के तहत दाखिला लेने वाले बच्चों के जरूरी कागजात, दाखिला फॉर्म भरने और लॉटरी निकालने से पहले ही जांच करेगा. ये प्रक्रिया आगामी 2020-21 सत्र से लागू हो जाएगी.

शिक्षा विभाग ने चयन प्रक्रिया में किया बड़ा बदलाव

राज्य के सभी वर्गों के बच्चों को बेहतर सुविधा मिल सके. इसको लेकर शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्राइवेट स्कूलों में सबसे छोटी कक्षा में कुल सीटों की एक चौथाई सीट, शिक्षा का अधिकार के तहत दाखिला लेने के वालों के लिए आरक्षित होती है. यही नहीं, इन सीटों पर प्रवेश लेने वाले बच्चों का सारा खर्चा राज्य सरकार उठाती है. जिसमे ट्यूशन फीस, किताबें, यूनीफॉर्म सहित अन्य फीस शामिल होती है.

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दरअसल, आरटीई के तहत दाखिला लेने वाले बच्चों को अभी तक दाखिला फॉर्म भरने और फिर लॉटरी निकालने के बाद ही जरूरी कागजातों की जांच की जाती थी. इसमे धांधलीबाजी के चलते तमाम जरूरतमंद बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था. जिसे देखते हुए शिक्षा का अधिकार के तहत बच्चों के चयन प्रक्रिया में बदलाव किया गया है. ऐसे में अब इस प्रक्रिया के माध्यम से जरूरतमंद बच्चे को आरटीई का लाभ मिल पाएगा.

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शिक्षा का अधिकार के तहत प्राइवेट स्कूलो मे बच्चों को दाखिला देने में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी और जरूरत मंद बच्चों को इसका लाभ न मिलपाने के चलते शिक्षा विभाग ने शिक्षा का अधिकार के तहत बच्चों के चयनित प्रक्रिया में बदलाव की है। जिसके अनुसार अब शिक्षा विभाग आईटीई के तहत दाखिला लेने वाले बच्चों के जरूरी कागजात, दाखिला फॉर्म भरने और लॉटरी निकालने से पहले ही जाचेंगा। यह प्रक्रिया आगामी 2020-21 सत्र से लागू हो जाएगा।





Body:राज्य के सभी वर्गों के बच्चों को बेहतर सुविधा मिल सके इसको लेकर शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्राइवेट स्कूलों में सबसे छोटी कक्षा में कुल सीटों की एक चौथाई सीट, शिक्षा का अधिकार के तहत दाखिल लेने के लिए आरक्षित होती हैं। यही नही इन सीटों पर प्रवेश होने वाले बच्चों का सारा का सारा ख़र्चा राज्य सरकार उठती है। जिसमे ट्यूशन फीस, किताबें, यूनिफॉर्म सहित अन्य किसी तरह की फीस शामिल है। 

दरअसल, आरटीई के तहत दाखिला लेने वाले बच्चों को अभी तक दाखिला फॉर्म भरने और फिर लॉटरी निकालने के बाद ही जरूरी कागजातों की जांच की जाती थी। जिसमे धांधलेबाजी के चलते तमाम जरूरतमंद बच्चे को इसका लाभ नही मिल पा रहा था। जिसे देखते हुए शिक्षा का अधिकार के तहत बच्चों के चयन प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। ऐसे में अब इस प्रक्रिया के माध्यम से जरूरतमंद बच्चे को आरटीई का लाभ मिल पायेगा। 

बाइट - राजेन्द्र सिंह रावत, जिला शिक्षा अधिकारी, देहरादून




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