देहरादून: ग्रेजुएटी फंड सहित अन्य भुगतान के एवज में 1 लाख की रिश्वत लेने वाले हरिद्वार के तत्कालीन जिला सहायक निबंधक अधिकारी को देहरादून सिविल कोर्ट ने मामले का दोषी करार देते हुए 6 साल की सजा सुनाई है. इतना ही नहीं भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट न्यायधीश श्रीकांत पांडे द्वारा दोषी करार दिए गए सहकारी समिति प्रबंधक उमराव सिंह सैनी पर 50 हजार अर्थदंड अदा करने का आदेश भी दिया है. जुर्माने की राशि अदा न करने पर 6 महीने की अतिरिक्त कारावास का निर्देश हुआ है.
मामला 24 जनवरी 2013 का है, जब शिकायतकर्ता जगदीश दत्त शर्मा ने विजिलेंस टीम को जानकारी दी थी कि सेवानिवृत्त होने के बाद ग्रेजुएटी और अन्य फंड भुगतान के लिए सहकारी समिति हरिद्वार के जिला सहायक निबंधक उमराव सिंह सैनी ने एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी है.
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शिकायत पर विजिलेंस टीम ने उमराव सिंह सैनी को हरिद्वार में रंगे हाथों एक लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया. आज कोर्ट ने उमराव को दोषी करार देते हुए 6 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 50 हजार का आर्थिक दंड भी लगाया है. उमराव सिंह सैनी मौजूदा समय में मोहल्ला प्रगति विहार काशीपुर में रहता है. मामले में 7 साल तक कानूनी प्रक्रिया और कोर्ट कार्रवाई के उपरांत बीते 6 नवंबर 2020 को तत्कालीन हरिद्वार जिला सहकारी समिति प्रबंधक उमराव सिंह सैनी को दोषी करार दिया गया. मामले में आज कोर्ट ने सजा सुनाई है.