देहरादून: साल 2021 में राजधानी स्थित एक नशा मुक्ति केंद्र में इशांत शर्मा की लाठी डंडे से पीटने और खौलता पानी डालने से मौत हो गई थी. मामले में जेल में बंद अभियुक्त शाहिद मेहताब अंसारी की जमानत याचिका को देहरादून अपर जिला सत्र न्यायालय ने खारिज कर दी है. कोर्ट ने भी माना कि मामला बेहद क्रूरता भरा है. लिहाजा अभियुक्त को जमानत नहीं दी जा सकती. वहीं, इस मामले में नशा मुक्ति केंद्र संचालक सहित पांच लोग घटना के बाद से जेल में बंद हैं.
बता दें कि वर्ष 2021 में देहरादून के एक नशा मुक्ति केंद्र में उपचार के नाम पर युवक को लाठी-डंडों पीटा गया और उसके शरीर पर खौलता पानी डाला गया. जिससे युवक की मौत हो गई. मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए नशा मुक्ति केंद्र संचालक सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया, जो जेल में बंद है.
मामले में अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता राजीव गुप्ता ने कोर्ट में दलील देते हुए बताया कि इशांत हत्याकांड (Ishant murder case) में जमानत याचिका करने वाला सह अभियुक्त शाहिद महताब अंसारी ने बेहद क्रूर किस्म का जानलेवा अपराध किया है. अभियुक्त ने नशा मुक्ति केंद्र में 24 वर्षीय इशांत शर्मा की बेरहमी से पिटाई (Ishant Sharma brutally thrashed) की और खौलता हुआ पानी डाल कर उसकी जान ले ली. लिहाजा ऐसे अभियुक्त को जमानत देने से गवाहों को धमकाया जा सकता है और आरोपी फरार भी हो सकता है. शासकीय अधिवक्ता के दलील पर मुहर लगाते हुए चतुर्थ अपर जिला न्यायाधीश आशुतोष कुमार मिश्र की अदालत ने अभियुक्त की जमानत याचिका खारिज की.
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शासकीय अधिवक्ता राजीव गुप्ता ने बताया कि मामला 15 अक्टूबर 2021 का है. देहरादून स्थित थाना नेहरू कॉलोनी के अंतर्गत रिस्पना पुल के समीप लाइफ केयर फाउंडेशन रिहैबिलिटेशन सेंटर (Life Care Foundation Rehabilitation Center) में उपचार के लिए इशांत शर्मा भर्ती था. इसी दौरान इशांत ने नशा सेंटर में दिए जाने वाले प्रताड़ना की वजह से भागने का प्रयास किया. आरोप है कि जिससे नाराज होकर नशा मुक्ति संचालक, शाहिद अंसारी सहित 5 लोगों ने इशांत को लाठी-डंडों से बुरी तरह पीटा और उसके बाद इशांत के ऊपर खौलता हुआ पानी डाल दिया.
हालत बिगड़ने पर इशांत को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. जिसके बाद इशांत के परिवार ने थाना नेहरू कॉलोनी में तहरीर दी. जिसके आधार पर 26 अक्टूबर 2021 को आरोपी नशा मुक्ति केंद्र संचालक सहित पांच लोगों पर धारा 302, 304 ,285 व 323 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. वर्तमान समय में सभी आरोपी देहरादून की सुद्दोवाला जेल में बंद हैं.