देहरादून: राजधानी में 10 साल की नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले सौतेले पिता को देहरादून पॉक्सो कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 12 साल की सख्त सजा सुनाई है. इस मामले में पॉक्सो कोर्ट की विशेष जज रमा पांडे ने दुष्कर्म आरोपी सौतेले पिता पर सजा के साथ 50 हजार का जुर्माना भी लगाया है. आरोपी से प्राप्त जुर्माने की राशि से 25 हजार रुपये पीड़ित नाबालिग बच्ची को दिए जाएंगे. दुष्कर्म के इस मामले में डीएनए रिपोर्ट ही सजा के लिए सबसे बड़ा सबूत बना.
जानकारी के मुताबिक, मामला 22 अगस्त 2017 देहरादून कोतवाली क्षेत्र का है, जहां नाबालिग बच्ची की मां ने अपने दूसरे पति के खिलाफ दुष्कर्म का मामला पुलिस में दर्ज करवाया था. अपने शिकायती-पत्र में महिला ने बताया कि वह अपने पहले पति से तलाक लेकर दूसरे पति के साथ रहने लगी थी. घटना वाले दिन जब वह घर से बाहर गई हुई थी, इसी दौरान उसकी 10 साल की नाबालिग बच्ची के साथ उसके सौतेले पिता ने दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. बदवास हालत में रोते हुए बच्ची ने अपनी मां को सारी बात बताई, जिसके बाद आसपास के लोगों ने सौतेले पिता को पुलिस के हवाले कर दिया.
पॉक्सो कोर्ट के सरकारी वकील भरत सिंह नेगी ने बताया कि इस मामले में कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद सभी सबूत एकत्र किए. साथ ही विवेचना सहित दो महीने में ही सौतेले पिता के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी थी. इस मामलें में पीड़ित बच्ची और आरोपी सौतेले पिता के डीएनए का मिलान कराया गया, जो फॉरेंसिक जांच में पॉजिटिव पाया गया.
सरकारी वकील भरत सिंह नेगी के अनुसार, इस मामले में कोर्ट कार्रवाई के दौरान कुल 8 लोगों की गवाही हुई, जिसमें पीड़ित बच्ची की मां भी शामिल थी. कोर्ट प्रक्रिया के दौरान पीड़ित बच्ची की मां कुछ समय बाद अपने बयानों से पीछे हट गई थी, लेकिन पॉक्सो कोर्ट ने डीएनए रिपोर्ट और दुष्कर्म करने के समय सौतेले पिता के बाल बच्चे के शरीर से मिलने जैसे साक्ष्य को आधार बनाया. इसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए सौतेले पिता को 12 साल की सजा सुनाई है.