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करोड़ों का बैंक फ्रॉड मामला, CBI कोर्ट ने बैंक मैनेजर समेत 8 दोषियों को सुनाई सजा - roorkee bank loan fraud case

साल 2004 में 8 फैक्ट्री लगाने के नाम पर बैंक से एक करोड़ 34 लाख रुपए की फ्रॉड करने के मामले में सीबीआई कोर्ट के विशेष कोर्ट ने सजा का ऐलान किया है. मामले में बैंक मैनेजर सहित अन्य 6 को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई और जुर्माना लगाया है.

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देहरादून
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Published : Mar 15, 2022, 5:36 PM IST

देहरादून: हरिद्वार के अंतर्गत मंगलोर इलाके 8 अलग-अलग तरह की फैक्ट्री लगाने के नाम पर बैंक से एक करोड़ 34 लाख रुपए की फ्रॉड करने के मामले में बैंक मैनेजर सहित 8 लोगों को देहरादून की स्पेशल सीबीआई कोर्ट सजा सुनाई है. सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश शंकर राज की अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए अभियुक्तों पर आर्थिक दंड भी लगाया गया है.

देहरादून की विशेष सीबीआई कोर्ट द्वारा इस धोखाधड़ी में तत्कालीन बैंक शाखा प्रबंधक अशोक भारद्वाज को मुख्य दोषी पाते हुए 5 साल की सशर्त सजा सुनाई है. साथ ही ₹25 हजार का अर्थदंड लगाया गया है. जबकि इस केस में अन्य 6 दोषियों को सीबीआई कोर्ट द्वारा तीन-तीन साल की सजा और 15-15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

SBI अधिवक्ता अभिषेक अरोड़ा के अनुसार साल 2004 में मंगलोर स्थित पीएनबी बैंक से लोन लेकर धोखाधड़ी करने वाले सभी दोषी ठहराये गए. सजा पाने वाले सभी अभियुक्त मूल रूप से खतौली मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं. हालांकि, इस केस के 8 आरोपियों में से एक आरोपी की कोर्ट कार्रवाई के दौरान पहले ही मौत हो चुकी है. अन्य 6 दोषियों के नाम सुधा पंडित, सुशील कुमार, निशांत कुमार शर्मा, मुकेश कुमार रोशन अली और विपिन कुमार वर्मा हैं.

बता दें, सीबीआई अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता अभिषेक अरोड़ा के मुताबिक बैंक को गुमराह कर लोन लेने के नाम पर धोखाधड़ी का यह मामला साल 2004 का है. हरिद्वार जनपद के अंतर्गत मंगलौर स्थित पीएनबी बैंक से साल 2004 में शाखा प्रबंधक अशोक भारद्वाज की मिलीभगत से 7 आरोपियों ने मंगलौर इलाके में 8 अलग-अलग तरह की फैक्ट्री और मिल खोलने के नाम पर एक करोड़ 34 लाख रुपए का लोन तो लिया गया लेकिन बैंक से लोन लेने के बावजूद धरातल पर कोई भी फैक्ट्री या मिल नहीं खोली गई.
पढ़ें- रुड़की में कूड़ा बीनने वाले शख्स का मिला शव, नोच रहे थे जानवर, जांच में जुटी पुलिस

इसकी जानकारी शिकायत के रूप में 13 अप्रैल साल 2006 में मंगलौर पीएनबी मैनेजर राकेश शर्मा द्वारा पुलिस में दर्ज कराई गई. जांच पड़ताल के उपरांत पुलिस ने आरोप सही पाए जाने पर सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 120बी, 420, 467, 468 और आईपीसी 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया. साथ ही साल 2007 में सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई. कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने के बाद 15 साल तक चली कानूनी कार्रवाई के दौरान लगभग 165 गवाह आरोपित लोगों के खिलाफ कोर्ट में पेश किए गए.

आज देहरादून की विशेष सीबीआई अदालत न्यायधीश शंकर राज ने जिला सहकारी बैंक कोटद्वार के साथ षड्यंत्र एक करोड़ 34 लाख लोन धनराशि धोखाधड़ी मामले में तत्कालीन पीएनबी बैंक के मुख्य शाखा प्रबंधक अशोक भारद्वाज को 5 साल की सशर्त सजा और ₹25 हजार जुर्माना का फैसला सुनाया है. वहीं, अन्य से 6 को दोषी करार उन्हें 3-3 साल की सशर्त कारावास और ₹15-₹15 हजार का जुर्माना लगाया गया है. उन्होंने बताया कि चंद्रिका इंडस्ट्रीज, चंद्रिका ट्रेडर्स, दीपक इंटरप्राइजेज, बालाजी ऑयल, जिंदल होजरी, शिव दाल मिल, भगवती बेसन मिल और न्यू MPS स्पीकर नाम की फैक्ट्री लगाने के नाम पर लोन लिया गया था.

देहरादून: हरिद्वार के अंतर्गत मंगलोर इलाके 8 अलग-अलग तरह की फैक्ट्री लगाने के नाम पर बैंक से एक करोड़ 34 लाख रुपए की फ्रॉड करने के मामले में बैंक मैनेजर सहित 8 लोगों को देहरादून की स्पेशल सीबीआई कोर्ट सजा सुनाई है. सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश शंकर राज की अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए अभियुक्तों पर आर्थिक दंड भी लगाया गया है.

देहरादून की विशेष सीबीआई कोर्ट द्वारा इस धोखाधड़ी में तत्कालीन बैंक शाखा प्रबंधक अशोक भारद्वाज को मुख्य दोषी पाते हुए 5 साल की सशर्त सजा सुनाई है. साथ ही ₹25 हजार का अर्थदंड लगाया गया है. जबकि इस केस में अन्य 6 दोषियों को सीबीआई कोर्ट द्वारा तीन-तीन साल की सजा और 15-15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

SBI अधिवक्ता अभिषेक अरोड़ा के अनुसार साल 2004 में मंगलोर स्थित पीएनबी बैंक से लोन लेकर धोखाधड़ी करने वाले सभी दोषी ठहराये गए. सजा पाने वाले सभी अभियुक्त मूल रूप से खतौली मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं. हालांकि, इस केस के 8 आरोपियों में से एक आरोपी की कोर्ट कार्रवाई के दौरान पहले ही मौत हो चुकी है. अन्य 6 दोषियों के नाम सुधा पंडित, सुशील कुमार, निशांत कुमार शर्मा, मुकेश कुमार रोशन अली और विपिन कुमार वर्मा हैं.

बता दें, सीबीआई अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता अभिषेक अरोड़ा के मुताबिक बैंक को गुमराह कर लोन लेने के नाम पर धोखाधड़ी का यह मामला साल 2004 का है. हरिद्वार जनपद के अंतर्गत मंगलौर स्थित पीएनबी बैंक से साल 2004 में शाखा प्रबंधक अशोक भारद्वाज की मिलीभगत से 7 आरोपियों ने मंगलौर इलाके में 8 अलग-अलग तरह की फैक्ट्री और मिल खोलने के नाम पर एक करोड़ 34 लाख रुपए का लोन तो लिया गया लेकिन बैंक से लोन लेने के बावजूद धरातल पर कोई भी फैक्ट्री या मिल नहीं खोली गई.
पढ़ें- रुड़की में कूड़ा बीनने वाले शख्स का मिला शव, नोच रहे थे जानवर, जांच में जुटी पुलिस

इसकी जानकारी शिकायत के रूप में 13 अप्रैल साल 2006 में मंगलौर पीएनबी मैनेजर राकेश शर्मा द्वारा पुलिस में दर्ज कराई गई. जांच पड़ताल के उपरांत पुलिस ने आरोप सही पाए जाने पर सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 120बी, 420, 467, 468 और आईपीसी 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया. साथ ही साल 2007 में सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई. कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने के बाद 15 साल तक चली कानूनी कार्रवाई के दौरान लगभग 165 गवाह आरोपित लोगों के खिलाफ कोर्ट में पेश किए गए.

आज देहरादून की विशेष सीबीआई अदालत न्यायधीश शंकर राज ने जिला सहकारी बैंक कोटद्वार के साथ षड्यंत्र एक करोड़ 34 लाख लोन धनराशि धोखाधड़ी मामले में तत्कालीन पीएनबी बैंक के मुख्य शाखा प्रबंधक अशोक भारद्वाज को 5 साल की सशर्त सजा और ₹25 हजार जुर्माना का फैसला सुनाया है. वहीं, अन्य से 6 को दोषी करार उन्हें 3-3 साल की सशर्त कारावास और ₹15-₹15 हजार का जुर्माना लगाया गया है. उन्होंने बताया कि चंद्रिका इंडस्ट्रीज, चंद्रिका ट्रेडर्स, दीपक इंटरप्राइजेज, बालाजी ऑयल, जिंदल होजरी, शिव दाल मिल, भगवती बेसन मिल और न्यू MPS स्पीकर नाम की फैक्ट्री लगाने के नाम पर लोन लिया गया था.

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