देहरादून: केंद्र सरकार द्वारा व्यापार कारोबार में जीएसटी रिकवरी के चलते लगातार कई संशोधन के बाद 2020- 21 के लिए जारी नोटिफिकेशन नियमों को लेकर देहरादून के व्यापारी सकते में है. व्यापारियों की मानें तो केंद्र सरकार ने जीएसटी वसूली को लेकर अब ऐसा कठिन और सख्त नोटिफिकेशन जारी किया है, जिससे पूरा न करने के चलते कई व्यापारी भारी भरकम जुर्माना सहित जेल तक की हवा खानी पड़ सकती हैं. इतना ही नहीं छोटी सी गलती की वजह से व्यापारी के बैंक अकाउंट से लेकर प्रॉपर्टी तक गवर्नमेंट में अटैच हो सकती है. वहीं, बिना व्यापारी के अनुमति के उसके बैंक खाते से पूरी वसूली की जा सकती है. ऐसे में पहले से ही मंदी की मार झेल रहे व्यापारी के लिए जीएसटी के नए संशोधित नोटिफिकेशन के नियमों को पूरा करना मुसीबत का सबब बना हुआ है.
सप्लायर का जीएसटी जुर्माना खरीदार व्यापारी भरे यह नियम व्यवहारिक
दून उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष विपिन नागलिया की माने तो इस नोटिफिकेशन के मुताबिक यदि किसी व्यापारी का माल रास्ते में पकड़ा जाता है, तो उसके ऊपर पेनल्टी 100% से बढ़ाकर 200% कर दी गई है. हैरानी की बात यह कि इस जुर्माना को उस व्यापारी को देना पड़ सकता है, जिसने पहले से ही अपने माल को खरीदने के लिए संबंधित व्यापारी को जीएसटी सहित पेमेंट हुआ है, यानी जो माल की डिलीवरी करा रहा है अगर वह कारोबारी जीएसटी या पेपर वर्क सही नहीं रखता है. तो उसका पेनल्टी वाला जुर्माना माल खरीदने वाले व्यापारी को देना पड़ सकता है. इस तरह से व्यापारियों पर थोपा गया यह जटिल GST नोटिफिकेशन नियम अव्यवहारिक है.
जीएसटी नोटिफिकेशन सुधार की मुख्य मांगें
- जीएसटी में जेल सजा का प्रावधान समाप्त हो.
- रिवाइज्ड रिटर्न डालने का प्रावधान किया जाना चाहिए.
- गलत राशि भरने पर रिफंड समायोजन का प्रावधान किया जाना चाहिए.
- कॉमन सर्विसेज में दिए गए जीएसटी का इनपुट भी दिया जाए.
- सीमित हो गए दिखने वाले ब्रांड को जीएसटी जीरो श्रेणी में रखा जाए.
- 50 लाख तक की बिक्री करने वाले व्यापारी को आउटपुट टैक्स का 1% देना पड़े ऐसा नियम हो.
- तिलहन और मसालों को निल श्रेणी में रखा जाना चाहिए.
दून उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारियों के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा जिस तरह से संशोधित नोटिफिकेशन जीएसटी का जारी किया है, उसमें ऐसे भी प्रावधान है जिसके चलते उसकी बिना सुनवाई के तत्काल ही व्यापारी को जेल तक हो सकती है. इतना ही नये नोटिफिकेशन नियमों के मुताबिक व्यापारी को अपना ऑडिट करवाना अनिवार्य हो गया है. यानी अपनी समस्त रिटर्न का मिलान भी उस ऑडिट में करना होगा. साथ ही इसके बाद विभाग भी अपने द्वारा कभी भी ऑडिट करवा सकता है. ऐसे में उस दौरान सरकारी अधिकारी का निर्णय मानना होगा.
पढ़ें- 'VVIP' जनपद में भी संसाधनों के अभाव में खेल रहे 'खिलाड़ी', सीढ़ीदार खेतों पर लग रहे चौके-छक्के
विपिन नागलिया की मानें तो नए नोटिफिकेशन में नियम के मुताबिक किसी भी तरह की डबल पेनल्टी जुर्माना या सजा जैसे प्रावधान के लिए इस नोटिफिकेशन नियम मुताबिक अपीलीय अधिकारी का प्रावधान ना होना एक अलग तरह की बड़ी समस्या है, यानी किसी कारण अगर व्यापारी का माल पकड़ा जाता है, तो उसकी अपील मात्र हाईकोर्ट में होगी और उस बीच उसका माल एक जगह पड़ा पड़ा सड़ जाएगा. ऐसे में नए नोटिफिकेशन में अपीलीय अधिकारी का प्रावधान ना होना व्यापारियों के लिए बड़ी निराशाजनक का विषय है.