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GULLY TALENT: देश विदेश में नाम रोशन कर रहे अंकित की कहानी

देहरादून के अंकित चमोली बीट बॉक्सिंग कर देश विदेश में उत्तराखंड का नाम रोशन कर रहे हैं. साथ ही मुंह से आवाज निकालकर वो लोगों का मनोरंजन भी करते हैं.

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Published : Feb 23, 2020, 2:56 PM IST

beatboxing
बीट बॉक्सिंग से नाम रोशन कर रहे अंकित चमोली

देहरादून: कहते हैं न कि प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती, चाहिये तो बस लगन और मेहनत. इसी बात को साबित कर दिखाया है देहरादून के अंकित चमोली ने. इनको बीट बॉक्सिंग में महारथ हासिल है. इनके करतब देखकर हर कोई इनकी कला का कायल हो जाता है. ईटीवी भारत अपनी स्पेशल सीरीज 'गली टैलेंट' में आज आपको ऐसे टैलेंट से मिला रहे हैं. जो मुंह से ही म्यूजिक साउंड निकालते हैं. ये पिछले कई सालों से अपने इस खास हुनर को निखारने में लगे हुए हैं.

बीट बॉक्सिंग से नाम रोशन कर रहे अंकित चमोली

देहरादून में रहने वाले अंकित चमोली एक ऐसे हुनर को निखार रहे हैं जो उत्तराखंड में ही नहीं, बल्कि देश में भी बहुत कम लोगों ने पहले ट्राई किया है. अंकित चमोली एक बीट बॉक्सर हैं और अपने मुंह से तरह-तरह की म्यूजिक साउंड निकालकर लोगों को अपना मुरीद बना लेते हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत में अंकित चमोली ने अपने इस प्रोफेशन और अब तक के सफर के बारे में विस्तार से बताया. अंकित का कहना है कि ये एक तरह से इंसान के गले और जुबान के सामंजस्य से निकलने वाली म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट की साउंड है. इसे बिना किसी म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट की मदद से केवल मुंह से निकाला जाता है.

टैलेंट के धनी अंकित बताते हैं कि वेस्टर्न हिपहॉप कल्चर का एक हिस्सा है और अब इसे लोगों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है.

बीट बॉक्सर अंकित चमोली ने कहा कि बीट बॉक्सिंग से लोगों को मजा आता है और जब बिना इंस्टूमेंट के सब सुनने को मिले तो मनोरंजन के साथ रोमांच भी बढ़ जाता है, लेकिन इसके लिए बहुत सारी मेहनत और स्टडी लगती है. बीट बॉक्सर अंकित चमोली ने बताया कि जिस तरह से संगीत की संवाद की अपनी एक भाषा होती हैय बिल्कुल वैसे ही बीट बॉक्सिंग की भी अपनी एक अलग भाषा है. उन्होंने ईटीवी भारत के सामने बीट बॉक्सिंग की इस अलग भाषा को विस्तार से बताया. साथ ही उन्होंने छह अलग-अलग प्रकार के म्यूजिक साउंड निकालकर एक अच्छा सा कंपोसिजन भी सुनाया.

ये भी पढ़ें: मसूरी: 'उत्तराखंड की संस्कृति और रसोई पर चर्चा' कार्यक्रम, पहाड़ी उत्पादों के प्रचार-प्रसार पर हुई चर्चा

उत्तराखंड के पहले बीट बॉक्सर हैं अंकित

10 साल पहले बीट बॉक्सिंग में हाथ आजमाने वाले अंकित चमोली ने सबसे पहले अपने स्कूल के एक कार्यक्रम में इसमें हाथ आजमाया था. शुरू में लोगों को यह बहुत अजीब लगा, लेकिन साथ में लोगों का मनोरंजन भी हुआ. अंकित बताते हैं कि शुरू में उन्हें इस हुनर के साथ आगे बढ़ने में काफी मुश्किलें आईं. लेकिन अब वो खुद में पूरा एंटरटेनमेंट है. साल 2010 में बीट बॉक्सिंग में हाथ आजमा चुके अंकित चमोली ने 2012 में पहली बार एक कॉलेज टेलेंट हंट प्रतियोगिता में भाग लिया, जिसके बाद उनके हुनर को पहचान मिलनी शुरू हुई.

कई मंचों पर किया उत्तराखंड का नाम रोशन

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बीट बॉक्सर अंकित चमोली ने बताया कि उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उत्तराखंड को रिप्रेजेंट किया है, जहां उनके इस हुनर के साथ-साथ उत्तराखंड का भी नाम रोशन हुआ है. उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म टेडेक्स में उत्तराखंड की ओर से प्रतिभाग किया है. वहीं, नेशनल रियलिटी शो के साथ 300 से 400 स्टेज शो देश के कई राज्यों में किए हैं. उन्होंने बताया कि वो मुंह से इस तरह से तकरीबन डेढ़ से दो घंटे लगातार परफॉर्मेंस कर सकते हैं.

देहरादून: कहते हैं न कि प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती, चाहिये तो बस लगन और मेहनत. इसी बात को साबित कर दिखाया है देहरादून के अंकित चमोली ने. इनको बीट बॉक्सिंग में महारथ हासिल है. इनके करतब देखकर हर कोई इनकी कला का कायल हो जाता है. ईटीवी भारत अपनी स्पेशल सीरीज 'गली टैलेंट' में आज आपको ऐसे टैलेंट से मिला रहे हैं. जो मुंह से ही म्यूजिक साउंड निकालते हैं. ये पिछले कई सालों से अपने इस खास हुनर को निखारने में लगे हुए हैं.

बीट बॉक्सिंग से नाम रोशन कर रहे अंकित चमोली

देहरादून में रहने वाले अंकित चमोली एक ऐसे हुनर को निखार रहे हैं जो उत्तराखंड में ही नहीं, बल्कि देश में भी बहुत कम लोगों ने पहले ट्राई किया है. अंकित चमोली एक बीट बॉक्सर हैं और अपने मुंह से तरह-तरह की म्यूजिक साउंड निकालकर लोगों को अपना मुरीद बना लेते हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत में अंकित चमोली ने अपने इस प्रोफेशन और अब तक के सफर के बारे में विस्तार से बताया. अंकित का कहना है कि ये एक तरह से इंसान के गले और जुबान के सामंजस्य से निकलने वाली म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट की साउंड है. इसे बिना किसी म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट की मदद से केवल मुंह से निकाला जाता है.

टैलेंट के धनी अंकित बताते हैं कि वेस्टर्न हिपहॉप कल्चर का एक हिस्सा है और अब इसे लोगों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है.

बीट बॉक्सर अंकित चमोली ने कहा कि बीट बॉक्सिंग से लोगों को मजा आता है और जब बिना इंस्टूमेंट के सब सुनने को मिले तो मनोरंजन के साथ रोमांच भी बढ़ जाता है, लेकिन इसके लिए बहुत सारी मेहनत और स्टडी लगती है. बीट बॉक्सर अंकित चमोली ने बताया कि जिस तरह से संगीत की संवाद की अपनी एक भाषा होती हैय बिल्कुल वैसे ही बीट बॉक्सिंग की भी अपनी एक अलग भाषा है. उन्होंने ईटीवी भारत के सामने बीट बॉक्सिंग की इस अलग भाषा को विस्तार से बताया. साथ ही उन्होंने छह अलग-अलग प्रकार के म्यूजिक साउंड निकालकर एक अच्छा सा कंपोसिजन भी सुनाया.

ये भी पढ़ें: मसूरी: 'उत्तराखंड की संस्कृति और रसोई पर चर्चा' कार्यक्रम, पहाड़ी उत्पादों के प्रचार-प्रसार पर हुई चर्चा

उत्तराखंड के पहले बीट बॉक्सर हैं अंकित

10 साल पहले बीट बॉक्सिंग में हाथ आजमाने वाले अंकित चमोली ने सबसे पहले अपने स्कूल के एक कार्यक्रम में इसमें हाथ आजमाया था. शुरू में लोगों को यह बहुत अजीब लगा, लेकिन साथ में लोगों का मनोरंजन भी हुआ. अंकित बताते हैं कि शुरू में उन्हें इस हुनर के साथ आगे बढ़ने में काफी मुश्किलें आईं. लेकिन अब वो खुद में पूरा एंटरटेनमेंट है. साल 2010 में बीट बॉक्सिंग में हाथ आजमा चुके अंकित चमोली ने 2012 में पहली बार एक कॉलेज टेलेंट हंट प्रतियोगिता में भाग लिया, जिसके बाद उनके हुनर को पहचान मिलनी शुरू हुई.

कई मंचों पर किया उत्तराखंड का नाम रोशन

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बीट बॉक्सर अंकित चमोली ने बताया कि उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उत्तराखंड को रिप्रेजेंट किया है, जहां उनके इस हुनर के साथ-साथ उत्तराखंड का भी नाम रोशन हुआ है. उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म टेडेक्स में उत्तराखंड की ओर से प्रतिभाग किया है. वहीं, नेशनल रियलिटी शो के साथ 300 से 400 स्टेज शो देश के कई राज्यों में किए हैं. उन्होंने बताया कि वो मुंह से इस तरह से तकरीबन डेढ़ से दो घंटे लगातार परफॉर्मेंस कर सकते हैं.

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