देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण को लेकर आंकड़े राहत देने वाले दिखाई दे रहे हैं. राज्य में शनिवार को कोरोना (corona case in uttarakhand) के 619 नए केस आए हैं. वहीं 2,531 मरीजों ने संक्रमण (uttarakhand corona news) को मात दी है. इसी के साथ बीते 24 घटों में 16 लोगों की मौत हुई है. जो पहले के मुकाबले बेहतर दिखाई दे रहे हैं. वहीं, मरने वालों की संख्या भी कम हुई है. इन हालातों को मृत्यु दर और सैंपल पॉजिटिविटी रेट के रूप में देखें तो कोरोना का असल खतरा नजर आने लगता है.
उत्तराखंड में जून का महीना आते ही मामलों में कमी दिखाई देने लगी है. कोविड कर्फ्यू का असर, संक्रमण का दर और मौत की संख्या पर भी दिखाई दे रहा है. लेकिन हकीकत में स्थितियां इतनी बेहतर नहीं हुई हैं, जितनी इन आंकड़ों से जाहिर हो रहा है. प्रदेश में संक्रमण को लेकर अगर मृत्यु दर और सैंपल पॉजिटिविटी रेट को देखें तो यह सामान्य स्थिति से काफी अधिक दिखाई देते हैं. मृत्यु दर की बात करें तो उत्तराखंड देश में न केवल राष्ट्रीय औसत से कहीं ऊपर दिखाई देता है.
देशभर में पंजाब के बाद उत्तराखंड मृत्यु दर में दूसरे नंबर पर है. पंजाब में 2.6% मृत्यु दर है तो उत्तराखंड में 2% और तीसरे नंबर पर रहने वाले नागालैंड में 1.9% मृत्यु दर है. 1 जून से 5 जून तक का रिकॉर्ड देखे तो 1 जून को जहां मृत्यु दर 1.97% था तो वहीं 3 जून को मृत्यु दर बढ़कर 1.98% हो गया. 4 जून को यह आंकड़ा बढ़कर 1.99% हो गया, वहीं 5 जून को मृत्यु दर और भी बढ़ गया और अब मृत्यु दर 2% हो चुका है. इस तरह भले ही आंकड़े कुछ काम होते हुए दिखाई दे रहे हो लेकिन मृत्यु दर को लेकर स्थितियां अभी परेशानी भरी है.
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राज्य में सैंपल पॉजिटिविटी रेट को देखें तो अब भी प्रदेश में सैंपल पॉजिटिविटी रेट 6.76% है. जबकि शनिवार को 24058 सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सैंपल पॉजिटिविटी रेट को 5% से कम करने को लेकर राज्यों को प्रयास करने के लिए कहता रहा है ऐसी स्थिति में 5% से अधिक सैंपल पॉजिटिविटी रेट उत्तराखंड में अब भी आ रहा है. लिहाजा कुल सैंपल में 6 प्रतिशत से भी ज्यादा लोगों का पॉजिटिव आना चिंता का सबब बना हुआ है. ऐसे हालातों में फिलहाल कर्फ्यू को खोलना राज्य सरकार के लिए मुसीबत पैदा करने वाला बन सकता है.