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उत्तराखंड: कैबिनेट बैठक में कोरोना को लेकर लिये गए बड़े फैसले, 555 डॉक्टरों की होगी तैनाती

राज्य सरकार ने कैबिनेट बैठक में कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रदेश भर में 555 डॉक्टरों की तैनाती करने का भी निर्णय लिया है, जिन्हें 11 महीनों के लिए तैनात किया जाएगा. बैठक में मेडिकल कॉलेजों में रिक्त पड़े डॉक्टर के पदों में से 50 फीसदी रिक्त पदों को भरने की मंजूरी दे दी गई है.

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कैबिनेट बैठक में दिखा कोरोना का असर
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Published : Mar 14, 2020, 9:20 PM IST

Updated : Mar 14, 2020, 10:34 PM IST

देहरादून: देशभर में बढ़ रहे कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए उत्तराखंड राज्य सरकार ने इसे महामारी घोषित कर दिया है. शनिवार को सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. प्रदेश में कोरोना वायरस को महामारी घोषित करने के लिए राज्य सरकार ने केंद्रीय एपिडेमिक डिजीज 1897 की तर्ज पर राज्य में उत्तराखंड एपिडेमिक डिजीज एक्ट 2020 के तहत कोरोना वायरस को महामारी घोषित किया है.

कैबिनेट बैठक में दिखा कोरोना का असर

यही नहीं राज्य सरकार ने कैबिनेट बैठक में कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रदेश भर में 555 डॉक्टरों की तैनाती करने का भी निर्णय लिया है, जिन्हें 11 महीनों के लिए तैनात किया जाएगा. बैठक में मेडिकल कॉलेजों में रिक्त पड़े डॉक्टर के पदों में से 50 फीसदी रिक्त पदों को भरने की मंजूरी दे दी गई है. इसके साथ ही चिकित्सा विभाग के तहत रिक्त और सृजित पदों को तत्काल भरने के लिए अनुमति दी है. कोरोना वायरस को महामारी घोषित करने के बाद आपदा के तहत राज्य सरकार ने 50 करोड़ की व्यवस्था भी की है. वहीं, जरूरत पड़ने पर यह बजट और भी बढ़ाया जा सकता है.

पढ़ें- रुद्रपुर: नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को कोर्ट ने सुनाई 20 साल की सजा

राज्य सरकार ने बजट में इस महामारी से संबंधित उपकरण, दवाइयां आदि अन्य व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने संबंधित फैसले भी लिये हैं. इसके अलावा एंबुलेंस की जरूरत पड़ने पर विभाग को 140 एंबुलेंस की अनुमति भी दी गई है. हालांकि ,अभी तक सरकार ने कोरोना निधि के तहत सभी जिलों को एक-एक एंबुलेंस उपलब्ध करा दी है. इसके साथ ही सभी जिला सीएमओ को आवश्यकता पड़ने पर तत्काल छोटी गाड़ी खरीदने के भी निर्देश दिए हैं.

पढ़ें- AIIMS ऋषिकेश के दूसरे दीक्षांत समारोह में शामिल होंगे अमित शाह, थर्मल स्क्रीनिंग से मिलेगी एंट्री

स्कूल कॉलेज 31 मार्च तक के लिए बंद

कोरोना वायरस को देखते हुए प्रदेश के सभी स्कूल कॉलेजों को 31 मार्च तक बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं. यही नहीं मेडिकल कॉलेजों को छोड़ सभी कॉलेज बंद रहेंगे. वहीं, जरूरत पड़ने पर मेडिकल कॉलेज में भी मरीजों को भर्ती किया जा सकेगा. सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं.

पढ़ें- रुद्रपुर: नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को कोर्ट ने सुनाई 20 साल की सजा

सिनेमाघरों को बंद रखने के आदेश

कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए प्रदेश के सभी सिनेमाघरों को 31 मार्च तक बंद रखने के आदेश दिए हैं. भीड़ भाड़ से बचने के लिए सरकार ने ये फैसला लिया है. सावधानी और एहतियात को देखते हुए सरकार ने लोगों से भी इस मामले में अपील की है. नियमों की अवेहलना करने पर सजा का प्रावधान भी किया गया है. इसमें नियम 188 के तहत सजा का प्रावधान किया गया है. जिसमें 1 माह से लेकर 6 माह तक की सजा हो सकती है.

पढ़ें- कोरोना संकट: सीएम त्रिवेंद्र का डोईवाला दौरा रद्द, 18 मार्च को होना था कार्यक्रम

राज्य सरकार के हाथ में होगी पूरी पावर

कोरोना वायरस को महामारी घोषित करने के बाद उत्तराखंड एपिडेमिक डिजीज एक्ट 2020 के तहत सारी पावर राज्य सरकार के पास होगी. यानी जरूरत पड़ने पर किसी भी निजी भवन को अस्पताल में तब्दील किया जा सकेगा. यही नहीं कब स्कूल खोले जाने हैं और व्यवस्थाओं के लिए क्या कुछ किया जाना है ये सभी फैसले राज्य सरकार के हाथ में ही होंगे.

पढ़ें- त्रिवेंद्र के तीन साल को कांग्रेस ने बताया निराशाजनक, फूंका पुतला

42,378 लोगों की स्क्रीनिंग

देश दुनिया में कोरोना वायरस फैलने के बाद के सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार अभी तक उत्तराखंड के सभी एयरपोर्ट पर स्वास्थ्य विभाग ने 42,378 लोगों की स्क्रीनिंग की है. इसके साथ ही 538 लोगों की सूची भी प्राप्त की गई है जो 31 दिसंबर 2019 के बाद से प्रदेश में आए हैं. जिसमें से 355 लोगों को 28 दिन की निगरानी में भी रखा गया था. अभी 183 लोगों की निगरानी की जा रही है. प्रदेश में अभी कोरोना का कोई भा पॉजिटिव मामला सामने नहीं आया है.

प्रदेश के सभी छोटे बड़े इवेंट किए गए स्थगित

उत्तराखंड राज्य सरकार ने कोरोना वायरस को देखते हुए आगामी कुछ दिनों में सभी छोटे बड़े इवेंट स्थगित कर दिए हैं. सरकार के तीन साल के जश्न को भी इसे देखते हुए टाल दिया गया है. सभी कार्यक्रमों को 31 मार्च तक के लिए राज्य सरकार स्थगित कर चुकी है.

देहरादून: देशभर में बढ़ रहे कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए उत्तराखंड राज्य सरकार ने इसे महामारी घोषित कर दिया है. शनिवार को सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. प्रदेश में कोरोना वायरस को महामारी घोषित करने के लिए राज्य सरकार ने केंद्रीय एपिडेमिक डिजीज 1897 की तर्ज पर राज्य में उत्तराखंड एपिडेमिक डिजीज एक्ट 2020 के तहत कोरोना वायरस को महामारी घोषित किया है.

कैबिनेट बैठक में दिखा कोरोना का असर

यही नहीं राज्य सरकार ने कैबिनेट बैठक में कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रदेश भर में 555 डॉक्टरों की तैनाती करने का भी निर्णय लिया है, जिन्हें 11 महीनों के लिए तैनात किया जाएगा. बैठक में मेडिकल कॉलेजों में रिक्त पड़े डॉक्टर के पदों में से 50 फीसदी रिक्त पदों को भरने की मंजूरी दे दी गई है. इसके साथ ही चिकित्सा विभाग के तहत रिक्त और सृजित पदों को तत्काल भरने के लिए अनुमति दी है. कोरोना वायरस को महामारी घोषित करने के बाद आपदा के तहत राज्य सरकार ने 50 करोड़ की व्यवस्था भी की है. वहीं, जरूरत पड़ने पर यह बजट और भी बढ़ाया जा सकता है.

पढ़ें- रुद्रपुर: नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को कोर्ट ने सुनाई 20 साल की सजा

राज्य सरकार ने बजट में इस महामारी से संबंधित उपकरण, दवाइयां आदि अन्य व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने संबंधित फैसले भी लिये हैं. इसके अलावा एंबुलेंस की जरूरत पड़ने पर विभाग को 140 एंबुलेंस की अनुमति भी दी गई है. हालांकि ,अभी तक सरकार ने कोरोना निधि के तहत सभी जिलों को एक-एक एंबुलेंस उपलब्ध करा दी है. इसके साथ ही सभी जिला सीएमओ को आवश्यकता पड़ने पर तत्काल छोटी गाड़ी खरीदने के भी निर्देश दिए हैं.

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स्कूल कॉलेज 31 मार्च तक के लिए बंद

कोरोना वायरस को देखते हुए प्रदेश के सभी स्कूल कॉलेजों को 31 मार्च तक बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं. यही नहीं मेडिकल कॉलेजों को छोड़ सभी कॉलेज बंद रहेंगे. वहीं, जरूरत पड़ने पर मेडिकल कॉलेज में भी मरीजों को भर्ती किया जा सकेगा. सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं.

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सिनेमाघरों को बंद रखने के आदेश

कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए प्रदेश के सभी सिनेमाघरों को 31 मार्च तक बंद रखने के आदेश दिए हैं. भीड़ भाड़ से बचने के लिए सरकार ने ये फैसला लिया है. सावधानी और एहतियात को देखते हुए सरकार ने लोगों से भी इस मामले में अपील की है. नियमों की अवेहलना करने पर सजा का प्रावधान भी किया गया है. इसमें नियम 188 के तहत सजा का प्रावधान किया गया है. जिसमें 1 माह से लेकर 6 माह तक की सजा हो सकती है.

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राज्य सरकार के हाथ में होगी पूरी पावर

कोरोना वायरस को महामारी घोषित करने के बाद उत्तराखंड एपिडेमिक डिजीज एक्ट 2020 के तहत सारी पावर राज्य सरकार के पास होगी. यानी जरूरत पड़ने पर किसी भी निजी भवन को अस्पताल में तब्दील किया जा सकेगा. यही नहीं कब स्कूल खोले जाने हैं और व्यवस्थाओं के लिए क्या कुछ किया जाना है ये सभी फैसले राज्य सरकार के हाथ में ही होंगे.

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42,378 लोगों की स्क्रीनिंग

देश दुनिया में कोरोना वायरस फैलने के बाद के सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार अभी तक उत्तराखंड के सभी एयरपोर्ट पर स्वास्थ्य विभाग ने 42,378 लोगों की स्क्रीनिंग की है. इसके साथ ही 538 लोगों की सूची भी प्राप्त की गई है जो 31 दिसंबर 2019 के बाद से प्रदेश में आए हैं. जिसमें से 355 लोगों को 28 दिन की निगरानी में भी रखा गया था. अभी 183 लोगों की निगरानी की जा रही है. प्रदेश में अभी कोरोना का कोई भा पॉजिटिव मामला सामने नहीं आया है.

प्रदेश के सभी छोटे बड़े इवेंट किए गए स्थगित

उत्तराखंड राज्य सरकार ने कोरोना वायरस को देखते हुए आगामी कुछ दिनों में सभी छोटे बड़े इवेंट स्थगित कर दिए हैं. सरकार के तीन साल के जश्न को भी इसे देखते हुए टाल दिया गया है. सभी कार्यक्रमों को 31 मार्च तक के लिए राज्य सरकार स्थगित कर चुकी है.

Last Updated : Mar 14, 2020, 10:34 PM IST
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