विकासनगर: लखवाड़-व्यासी बांध परियोजना से प्रभावित गांव लोहारी के ग्रामीण पिछले 7 दिनों से मांगों को लेकर परियोजना के कार्य स्थल पर धरने पर बैठे हैं. लेकिन जल विद्युत निगम प्रबंधन और प्रदेश सरकार की ओर से उन्हें कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिल रहा है. जिससे गुस्साए ग्रामीणों ने सरकार की बुद्धि-शुद्धि यज्ञ किया और मांगे पूरी नहीं होने पर यमुना नदी में सामूहिक जल समाधि की धमकी दी है.
ये भी पढ़ें: सांसद अजट भट्ट ने जमरानी बांध परियोजना को लेकर की बैठक, काम में तेजी लाने के दिए निर्देश
वहीं, विकासनगर SDM और कालसी SDM धरना स्थल पहुंचकर लोहारी गांव के ग्रामीणों से वार्ता कर चुके हैं. इसके बाद भी ग्रामीणों का धरना जारी है. प्रभावित किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा लोहारी गांव की जमीन अधिग्रहण की गई थी. जिसके बदले में सरकार को अन्य जगह जमीन उपलब्ध करानी थी. लेकिन मांगों को लेकर सरकार गंभीर नहीं है.
ये भी पढ़ें: जमरानी बांध भूमि अधिग्रहण के लिए राज्य सरकार की मंजूरी
दरअसल, लखवाड़-व्यासी बांध परियोजना के तहत साल 1972 मैं लोहारी गांव डूब क्षेत्र को लेकर जमीन का अधिग्रहण किया गया था. जहां साल 1978-79 में निर्माण कार्य शुरू हुआ और 1991 में बांध के कार्य को बंद कर दिया गया.
साल 2013 में एक बार फिर परियोजना का निर्माण कार्य शुरू किया गया जो लगातार चल रहा है. अब निर्माण कार्य लगभग 90 फीसदी पूरा हो चुका है. लेकिन शासन-प्रशासन द्वारा ग्रामीणों की मांगें नहीं मानी गईं. जबकि 30 अप्रैल 2018 को भी ग्रामीणों ने अपनी मांगों के लिए धरना दिया था.
उस समय विधायक विकासनगर मुन्ना सिंह चौहान ने आश्वासन दिया था कि 3 जनवरी 2017 को कैबिनेट में प्रस्ताव पास हुआ कि विकासनगर में रेशम विभाग की जमीन ग्रामीणों को दी जाएगी. लेकिन अभी भी यह मामला शासन में विचाराधीन है.