देहरादूनः कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देशभर में लॉकडाउन किया गया है. लॉकडाउन के चलते रोजाना मजदूरी और दिहाड़ी कर अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले कई मजदूरों के आगे भुखमरी का संकट खड़ा होने लगा है. एक ओर लॉकडाउन के चलते ये मजदूर अपने मूल गांव की ओर रुख नहीं कर सकते हैं. वहीं, दूसरी ओर काम धंधा बंद पड़ जाने की वजह से इनके पास अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए चंद रुपये भी नहीं हैं. वहीं, अब उनका भरण पोषण के लिए एक निजी संस्था आगे आई है.
दरअसल, देहरादून के सहस्त्रधारा रोड स्थित करलीगाड़ ग्राम में रह रहे दिहाड़ी मजदूरों के परिवारों के भरण पोषण के लिए एक निजी संस्था आगे आई है. यहां झुग्गी झोपड़ियों में गुजर बसर करने वाले ज्यादातर दिहाड़ी मजदूर पूर्वी उत्तर भारत के रहने वाले हैं. ऐसे में इन दिहाड़ी मजदूरों के परिवारों के लिए क्रांति गुरु चंद्र मोहन की संस्था की ओर से खाने पीने की व्यवस्था की जा रही है.
ये भी पढ़ेंः देहरादून: घंटों से भूखे-प्यासे पैदल चल रहे मजदूरों की सुनो 'सरकार', लगा रहे मदद की गुहार
क्रांति गुरु चंद्र मोहन ने बताया कि करलीगाड़ ग्राम में मुख्यतः पूर्वी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग गांव और कस्बों के 250 दिहाड़ी मजदूर निवास करते हैं. ऐसे में अब लॉकडाउन जारी रहने तक ये संस्था इसी तरह इन बिहारी मजदूरों के परिवार के लिए खाने-पीने की व्यवस्था करती रहेगी.